छिंदवाड़ा। कहते हैं कि शिक्षा प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती. अगर आपमें शिक्षित होने की ललक है, तो कहीं भी और कभी भी शिक्षा ली जा सकती है. इस बात को साबित कर दिखाया है छिंदवाड़ा जिला जेल के कैदियों ने अलग-अलग आरोपों में सजा काट रहे 68 कैदियों ने स्नातक तैयारी कार्यक्रम की (बीपीपी) डिग्री पूरी की है. वहीं इस सत्र में 22 कैदी पढ़ाई कर रहे हैं.
बता दें कि जिला जेल में 2014 से लगातार इग्नू पाठ्यक्रम के माध्यम से जेल में सजा काट रहे अशिक्षित कैदियों को शिक्षित करने के लिए लगातार मुहिम चलाई जा रही है. जेल अधिकारी ने बताया कि 2014 से अभी तक 8 सत्र हो चुके हैं, जिसमें अभी तक 68 कैदियों को IGNOU पाठ्यक्रम के द्वारा (बीपीपी) की डिग्री दी जा चुकी है.
बताया जा रहा है कि बीपीपी डिग्री बारहवीं कक्षा के बराबर होती है. जेल अधिकारी का कहना है कि शिक्षा के द्वारा कैदियों के स्वभाव और उनके व्यक्तित्व में बदलाव लाया जा सकता है. इसके लिए जिला जेल में एक पाठशाला है, जहां पर शिक्षक आकर प्रतिदिन कैदियों पढ़ाते हैं.
इस साल के सत्र में 22 कैदी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. जिनकी परीक्षा आगामी जनवरी माह में होगी. इनमें से अधिकांश कैदी ऐसे हैं, जिन्हें अपना नाम तक लिखना नहीं आता. अब कैदियों को इस योग्य बनाया जा रहा है, जिससे वह पढ़कर अपना अच्छा-बुरा समझ सकें.