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जेल में बंद कैदी बना रहे मास्क, 50 हजार से ज्यादा मास्क बांटे जा चुके

महामारी के दौर में छिंदवाड़ा जिला जेल प्रशासन की तरफ से मास्क बनवाए जा रहे हैं. जेल में बंद कैदी अभी तक 50 हजार से ज्यादा मास्क बना चुके हैं.

prisoners are making masks in district jail in chhindwara
जेल में बंद कैदी बना रहे मास्क
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Published : May 20, 2021, 9:50 PM IST

छिंदवाड़ा। कोरोना महामारी के दौर में छिंदवाड़ा जिला जेल प्रशासन की तरफ से सराहनीय काम किया जा रहा है. जेल में बंद कैदी इस समय मास्क बनाने में लगे हुए हैं. अभी तक यह कैदी 50 हजार से ज्यादा मास्क बना चुके हैं. इन मास्क को जेल प्रशासन विभाग के अलावा आम लोंगो को बेच रहा है. ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को भी मास्क बांटे जा रहे हैं.

मटेरियल के साथ 2 रुपए प्रति मास्क चार्ज

जेल अधीक्षक यजुवेंद्र वाघमारे ने बताया कि कैदियों की सहायता से 50,000 से ज्यादा मास्क बनवाए जा चुके हैं. इसमें से अधिकतर शुरुआती दौर पर जब मास्क की भारी डिमांड थी, तो जिला अस्पताल के अलावा पुलिसकर्मियों को भी दिए गए. इतना ही नहीं कुछ निजी एजेंसियां भी जेल के माध्यम से मास्क तैयार करवाती हैं. जिनसे जिला जेल प्रशासन मटेरियल के अलावा 2 रुपए प्रति मास्क चार्ज लेता है, ताकि कैदियों का मनोबल बढ़ता रहे.

50 हजार से ज्यादा मास्क बांटे जा चुके

कैदियों को मिलता है मानदेय

कैदियों का मनोबल बढ़ता रहे इसलिए उन्हें मास्क बनाने के लिए मानदेय दिया जाता है. जेल प्रबंधन का कहना है कि कुछ कुशल कारीगर कैदी हैं, जिन्हें सिलाई मशीन चलाना आता है. कुछ कपड़े काटने में माहिर हैं, बाकी दूसरे कैदी उनकी सहायता करते हैं. कुछ महिला कैदी भी हैं जिन्हें सिलाई का काम आता है उनसे भी मास्क बनवाए जा रहे हैं.

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जेल में हर कैदी को मास्क लगाना अनिवार्य

जेल में कैदियों के लिए मास्क की जरूरत थी, लेकिन बाजार में मास्क आसानी से मिल नहीं रहे थे. इसके बाद से जेल प्रबंधन ने मास्क बनाने का काम शुरू किया था. जो मार्च 2020 से लगातार जारी है. जिला जेल में बंद हर कैदी के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है. इसी को देखते हुए यहां मास्क बनाने का काम शुरू किया गया था.

छिंदवाड़ा। कोरोना महामारी के दौर में छिंदवाड़ा जिला जेल प्रशासन की तरफ से सराहनीय काम किया जा रहा है. जेल में बंद कैदी इस समय मास्क बनाने में लगे हुए हैं. अभी तक यह कैदी 50 हजार से ज्यादा मास्क बना चुके हैं. इन मास्क को जेल प्रशासन विभाग के अलावा आम लोंगो को बेच रहा है. ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को भी मास्क बांटे जा रहे हैं.

मटेरियल के साथ 2 रुपए प्रति मास्क चार्ज

जेल अधीक्षक यजुवेंद्र वाघमारे ने बताया कि कैदियों की सहायता से 50,000 से ज्यादा मास्क बनवाए जा चुके हैं. इसमें से अधिकतर शुरुआती दौर पर जब मास्क की भारी डिमांड थी, तो जिला अस्पताल के अलावा पुलिसकर्मियों को भी दिए गए. इतना ही नहीं कुछ निजी एजेंसियां भी जेल के माध्यम से मास्क तैयार करवाती हैं. जिनसे जिला जेल प्रशासन मटेरियल के अलावा 2 रुपए प्रति मास्क चार्ज लेता है, ताकि कैदियों का मनोबल बढ़ता रहे.

50 हजार से ज्यादा मास्क बांटे जा चुके

कैदियों को मिलता है मानदेय

कैदियों का मनोबल बढ़ता रहे इसलिए उन्हें मास्क बनाने के लिए मानदेय दिया जाता है. जेल प्रबंधन का कहना है कि कुछ कुशल कारीगर कैदी हैं, जिन्हें सिलाई मशीन चलाना आता है. कुछ कपड़े काटने में माहिर हैं, बाकी दूसरे कैदी उनकी सहायता करते हैं. कुछ महिला कैदी भी हैं जिन्हें सिलाई का काम आता है उनसे भी मास्क बनवाए जा रहे हैं.

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जेल में हर कैदी को मास्क लगाना अनिवार्य

जेल में कैदियों के लिए मास्क की जरूरत थी, लेकिन बाजार में मास्क आसानी से मिल नहीं रहे थे. इसके बाद से जेल प्रबंधन ने मास्क बनाने का काम शुरू किया था. जो मार्च 2020 से लगातार जारी है. जिला जेल में बंद हर कैदी के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है. इसी को देखते हुए यहां मास्क बनाने का काम शुरू किया गया था.

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