छिन्दवाड़ा। जिला अब उन गिने-चुने जिलों में शामिल हो जाएगा, जहां प्लाज्मा थेरेपी द्वारा मरीजों का उपचार किया जाता है. साथ ही जबलपुर के बाद छिंदवाड़ा प्लाज्मा थेरेपी द्वारा उपचार करने वाला जबलपुर संभाग का दूसरा जिला होगा. इसके लिए त्रिवेंद्रम से छिंदवाड़ा पहुंची अत्याधुनिक प्लाज्मा थेरेपी मशीन आज जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में स्थापित कर दी गई है. अब जिले में कोरोना मरीजों को इस उपचार सुविधा का लाभ दिया जा सकेगा.
कोरोना योद्धा गढ़ेवाल बने जिले के पहले प्लाज्मा डोनर
छिंदवाड़ा शहर के षष्ठी माता मंदिर के पास रहने वाले गुलशन गढ़ेवाल सोमवार को मशीन स्थापित होने के पहले ही दिन अपना प्लाज्मा डोनेट कर जिले के पहले प्लाज्मा डोनर बन गए हैं. उन्होंने आज कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेन्द्र सिंह नागेश, एसडीएम अतुल सिंह, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. गिरीश बी रामटेके और सिविल सर्जन डॉ. पी गोगिया की उपस्थित में अपना प्लाज्मा डोनेट किया.
दो दिनों तक डेमो मोड में काम करेगी मशीन
बढ़ते कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत कोविड मरीजों को समय पर कारगर उपचार मिल सके और अधिक से अधिक लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके, इसके लिये मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पताल छिंदवाड़ा के प्रयासों से छिंदवाड़ा में कोविड-19 के गंभीर मरीजों के लिए अत्याधुनिक प्लाज्म थेरेपी के माध्यम से इलाज करने का प्रयास प्रयोग के तौर पर प्रारम्भ किया जा रहा है. अभी दो दिनों तक यह मशीन डेमो मोड़ में कार्य करेगी, जिसके बाद जिले में प्लाज्मा थेरेपी प्रारंभ हो जाएगी.
प्लाज्मा थेरेपी को लेकर मेडिकल कॉलेज के डीन ने दी सलाह
इसके लिए कोविड संक्रमण के उपरांत स्वस्थ्य हुए व्यक्ति अपना ब्लड दे सकते हैं. मशीन द्वारा व्यक्ति के ब्लड से प्लाज्मा निकाल कर आरबीसी और प्लेटलेट्स को डोनर के शरीर में वापस कर दिया जाता है. एक व्यक्ति कोरोना संक्रमण उपरांत स्वस्थ्य होने के 28 वें दिन से लगभग 90 दिन तक कोविड मरीजों के उपचार के लिए अपना प्लाज्मा हर पांचवें दिन में डोनेट कर सकता है. ब्लड से प्लाज्मा निकालने और सेपरेशन की पूरी प्रक्रिया मशीन द्वारा ही की जाती है.