छिंदवाड़ा।जिले में कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई, जिसके बाद कई कड़े फैसले लिए गए, जिससे कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोका जा सके, कोरोना के बढ़ने मामलों पर लगाम लगाने के लिए एमपी और महाराष्ट्र की सीमा को भी सील कर दिया गया था, जो अभी भी सील है, हालांकि कुछ ढील के साथ, लेकिन फिर भी सीमा पर सतत निगरानी जारी है और 15 जुलाई तक सख्त निगरानी जारी रहेगी, प्रशासन का कहना है कि संक्रमण खत्म नहीं हुआ है, कम जरुर हुआ है, जिसे लेकर सीमा पर निगरानी रखी जा रही है, संदग्ध से कड़ी पूछताछ भी की जाती है और लक्षण दिखने पर क्वारंटीन भी किया जाता है.
एमपी- महाराष्ट्र की सीमा पर होती है थर्मल स्कैनिंग
मध्यप्रदेश- महाराष्ट्र बॉर्डर पर 15 जुलाई तक आवागमन को लेकर सख्त निगरानी के निर्देश हैं, महाराष्ट्र में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बॉर्डर पहले से ही सील है,साथ ही संक्रमण की रोकथाम के लिए बॉर्डर पर आने जाने वाले लोगों की थर्मल स्कैनिंग, आवागमन की डिटेल और मोबाइल नंबर नोट करने को लेकर पहले से ही व्यवस्था बनाई गई है, जिससे संक्रमण फैलने पर रोक लग सके.
बॉर्डर खोलने या बंद करने को लेकर कलेक्टर करेंगे फैसला
वहीं तहसीलदार ने जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल 15 जुलाई तक बॉर्डर पर निगरानी रखी जाएगी, उसके बाद कलेक्टर के आदेश के बाद आगे के निर्देश दिए जाएंगे.
संक्रमण के चलते नागपुर से आने वाली ट्रेन भी कर दी गई थी बंद
महाराष्ट्र में कोविड-19 संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ता देख मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बॉर्डर पर सख्ती कर दी गई थी, इसी के चलते नागपुर के इतवारा से आने वाली ट्रेन को भी रेलवे द्वारा बंद कर दिया गया था, जिससे संक्रमण छिंदवाड़ा जिले और आसपास के क्षेत्रों में न फैले, हालांकि छिंदवाड़ा जिले में संक्रमण अब कंट्रोल में आ चुका है.सरकारी आंकड़ों के मुताबित फिलहाल संक्रमित मरीजों की संख्या जिले में 14 ही बची है.
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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ ने की थी मदद
कोरोना से लड़ने के लिए मदद के हाथ बढ़े हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ की ओर से जनता की मदद की जा रही है. दोनों ही नेता जिले की जनता के लिए हर सार्थक प्रयास कर रहे हैं. पहले भी कमलनाथ और नकुलनाथ की तरफ से करीब 350 ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराए गए थे. वहीं रेमडेसिविर इंजेक्शन और दवाइयों भी लगातार पहुंचाई जा रही हैं. इस बीच कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए 15 वेंटिलेटर मशीन जिला प्रशासन को सौंपी गई, जो कोरोना मरीज के लिए वरदान से कम नहीं है. मुसीबत में ये मदद लोगों के बहुत काम आती है.