छिन्दवाड़ा (Chhindwara)। प्रदेश में गरीब एक जून की रोटी के लिए तरस रहा है. लेकिन दूसरी तरफ गरीबों के लिए खरीदा गया मक्का सरकारी गोदामों में सड़ रहा है. अकेले छिंदवाड़ा में 1628 टन मक्के में कीड़े लग चुके हैं जो जानवरों को खिलाने लायक भी नहीं बचा है.
वेयर हाउस कारपोरेशन के मैनेजर ने बताया कि नागरिक आपूर्ति निगम ने साल 2016-17 में जिले के गोदामों में मक्का रखा था. जिसमें से 1628 टन मक्का अभी भी रखा हुआ है जिसकी बाजार कीमत 3 करोड़ 26 लाख कीमत है.
गोदामों में पड़े मक्के के हालात को लेकर मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के अधिकारी नागरिक आपूर्ति निगम को 13 लेटर लिख चुके हैं. लेकिन विभाग ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया.अधिकारी का कहना है कि हम एक समय तक रखरखाव कर सकते हैं लेकिन करीब 5 साल हो गया है. इसलिए मक्का अब बर्बाद हो चुका है.
जानवरों के खाने लायक भी नहीं बचा मक्का
करोड़ों रुपए का मक्का सरकार गरीबों को पीडीएस के तहत बांटने के लिए खरीदते हैं. लेकिन सरकारी लापरवाही के चलते अकेले छिंदवाड़ा में 1628 टन मक्का बर्बाद हो गया है. हालत यह है कि अब इस मक्के को इंसान तो क्या जानवर भी नहीं खा सकेंगे.
पीडीएस क्या होता है
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) एक भारतीय खाद्य सुरक्षा प्रणाली है. भारत में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन और भारत सरकार द्वारा स्थापित और राज्य सरकारों के साथ संयुक्त रूप से भारत के गरीबों के लिए सब्सिडी वाले खाद्य और गैर खाद्य वस्तुओं को वितरित करता है.