छिंदवाड़ा। जिले में कोरोना अपने चरम पर है. जिला पुलिस प्रशासन लोगों की सेवा और सुरक्षा में दिन-रात लगी हुई है. इस दौरान उत्कृष्ट कार्यों के लिए संभाग के आईजी ने चार पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया है. एक दिवसीय दौरे पर आए जबलपुर संभाग के आईजी भगवत सिंह चौहान ने जिले में एक महिला आरक्षक समेत तीन पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. महिला पुलिसकर्मी ने थाने में एफआईआर कराने आई 7 महीने की गर्भवती महिला का अचानक प्रसव पीड़ा होने पर डिलीवरी करवाई थी. फिलहाल जच्चा और बच्चा दोनों ही सुरक्षित हैं.
चार पुलिसकर्मियों को किया गया सम्मानित
जिले के पुलिस विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 4 पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया गया है. जिसमें से टीआई समेत तीन पुरुष और एक महिला आरक्षक शामिल हैं. यह सम्मान उन्हें जबलपुर संभाग के आईजी ने दिया. जिले में एक दिवसीय दौरे पर आए आईजी भगवत सिंह चौहान ने उन्हें अपने हाथों से प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया. इसके बाद आईजी से उनकी प्रशंसा भी की. महिला पुलिसकर्मी की प्रशंसा करते हुए आईजी ने कहा कि उन्होंने एफआईआर दर्ज कराने आई महिला का अचानक से प्रसव पीड़ा होने पर उनकी मदद की. उन्होंने उस सात महीने की गर्भवती महिला का सुरक्षित डिलवरी करवाया, जो कि बहुत ही बड़ा एक उल्लेखनीय कार्य है. बता दें कि महिला पुलिसकर्मी नर्सिंग ट्रेंड हैं.
लावाघोघरी थाने में करवाई थी गर्भवती महिला की डिलीवरी
शीतल वाघमारे महिला आरक्षक ने बताया कि लावाघोघरी थाने में एक अविवाहित लड़की ने एफआईआर दर्ज करवाने आई थी. महिला ने बताया था कि वह 7 महीने से गर्भवती थी. अचानक उसको प्रसव पीड़ा होने लगी और उस वक्त थाने में गाड़ी भी नहीं थी. तब महिला आरक्षक ने प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला का प्रसव कराया. अभी बच्चा और जच्चा दोनों ही स्वस्थ है. वहीं महिला आरक्षक ने बताया कि वह 2013-14 में एएनएम नर्सिंग कोर्स जिला चिकित्सालय शिवनी से किया था, जिसका उन्हें अनुभव भी था. उन्होंने उस वक्त बच्चे और मां दोनों की जान बचाई, जिसको लेकर आईजी ने प्रमाण पत्र के देकर उन्हें सम्मानित किया.
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मानसिक रूप से पीड़ित व्यक्ति की जान बचाने के लिए सम्मान
वहीं कोतवाली थाने के टीआई मनीष राज भदौरिया के ने मानसिक रूप से पीड़ित व्यक्ति की जान बचाई थी. मामला यह था कि उस व्यक्ति ने अपने आपको कमरे में बंद कर लिया था. उसके बाद उसने कमरे में आग लगा ली. मौके पर टीआई ने सूझबूझ से काम लिया और उस मानसिक रूप से पीड़ित व्यक्ति की जान बचाई.