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MP Hogh Court : एक ही मामले में दूसरी बार याचिका दायर करने पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, जुर्माना ठोका - हाईकोर्ट ने जुर्माना ठोका

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक ही मामले में दोबारा याचिका दायर करने पर नाराजगी (High court expressed displeasure) जाहिर की है. दरअसल, पूर्व में खारिज होने के बावजूद एक ही मुद्दे पर दोबारा याचिका दायर करने पर हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 2 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई है. साथ ही जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिए कि 30 दिन के भीतर कॉस्ट की रकम आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फंड में जमा कराएं और रजिस्ट्री में उसकी रसीद प्रस्तुत करें.

High court expressed displeasure
एक ही मामले दूसरी बार याचिका दायर करने पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
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Published : Nov 16, 2022, 3:42 PM IST

जबलपुर। छिंदवाड़ा निवासी सुभाष बेंदे ने सेवा में बहाली को लेकर एक याचिका दायर की. मामले पर सुनवाई के पहले ही शासकीय अधिवक्ता प्रियंका मिश्रा ने याचिका की प्रचलनशीलता पर आपत्ति जताई. उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस संबंध में एक याचिका वर्ष 2013 से लंबित है. उक्त याचिका में कोर्ट ने 19 फरवरी 2013 को आदेश पारित किया था. इस आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता ने 2020 में भी एक याचिका दायर की थी.

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दूसरी याचिका दायर करना गलत : दायर याचिका कोर्ट ने प्रचलन योग्य नहीं मानते हुए 4 जनवरी 2022 को खारिज कर दिया था. याचिकाकर्ता ने उसी पुराने आदेश को चुनौती देते हुए पुनः एक याचिका दायर कर दी. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने पूरी जानकारी होने के बावजूद दूसरी याचिका दायर की जोकि अनुचित है. जिस पर कोर्ट ने नाराजगी ज़ाहिर करते हुए दो हजार रुपये की कास्ट लगाई.

जबलपुर। छिंदवाड़ा निवासी सुभाष बेंदे ने सेवा में बहाली को लेकर एक याचिका दायर की. मामले पर सुनवाई के पहले ही शासकीय अधिवक्ता प्रियंका मिश्रा ने याचिका की प्रचलनशीलता पर आपत्ति जताई. उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस संबंध में एक याचिका वर्ष 2013 से लंबित है. उक्त याचिका में कोर्ट ने 19 फरवरी 2013 को आदेश पारित किया था. इस आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता ने 2020 में भी एक याचिका दायर की थी.

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दूसरी याचिका दायर करना गलत : दायर याचिका कोर्ट ने प्रचलन योग्य नहीं मानते हुए 4 जनवरी 2022 को खारिज कर दिया था. याचिकाकर्ता ने उसी पुराने आदेश को चुनौती देते हुए पुनः एक याचिका दायर कर दी. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने पूरी जानकारी होने के बावजूद दूसरी याचिका दायर की जोकि अनुचित है. जिस पर कोर्ट ने नाराजगी ज़ाहिर करते हुए दो हजार रुपये की कास्ट लगाई.

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