छिन्दवाड़ा। जामसांवली के हनुमान मंदिर में हनुमान लोक का भूमि पूजन को लेकर सियासत छिड़ गई है. पूर्व कैबिनेट मंत्री दीपक सक्सेना ने प्रदेश के सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ''चुनाव के चार महीना पहले हनुमान लोक का निर्माण कर सिर्फ वोट की राजनीति करने आ रहे हैं, कहीं इसका हाल भी महाकाल लोक जैसा न हो जाए."
चुनाव के पहले ही क्यों याद आए हनुमान जी?: चुनावी समर के बीच हनुमान लोक बनाए जाने के फैसले पर शिवराज सरकार से प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने पूछा है कि हनुमान लोक की आधार शिला रखने आ रहे मुख्यमंत्री, 314 करोड़ की लागत से बनाए जाने वाले इस लोक का भूमिपूजन ऐन चुनाव से पहले क्यों याद आया है?
22 करोड़ नहीं दिए, एक बार फिर घोषणा: दीपक सक्सेना ने आगे कहा कि पांढुर्ना और सौंसर के हनुमान भक्त इस बात को जानते हैं. इन्हीं शिवराज सिंह चौहान ने साल 2016 के अक्टूबर महीने में चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर सांवली के अंत्योदय मेले में मंदिर के विकास के लिए 22 करोड़ की राशि मांगी थी. उस समय देवराज पातुरकर अध्यक्ष थे और मनोहर शेलकी सचिव थे. लेकिन इतने साल बीत जाने के बाद भी 22 करोड़ रुपए की राशि आवंटित नहीं की गई. इसको लेकर आर्किटेक्ट ने एक डिजाइन भी सौंपी थी.
ये भी पढ़ें... |
कमलानाथ ने समर्पित किया था मंदिर: पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की तारीफ की. उन्होंने कहा कि 24 फरवरी 2015 को श्री सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर सिमरिया का लोकार्पण कमलनाथ ने किया था. तब देश-प्रदेश में कोई चुनाव नहीं था. लेकिन चुनाव के कुछ महीनों पहले जामसांवली हनुमान मंदिर में लोक बनाने का फैसला बताता है, कि मुख्यमंत्री किन कारणों से हनुमान लोक बनवा रहे हैं.
कमलनाथ सरकार ने बनाई थी मंदिर निर्माण की योजना: पूर्व मंत्री ने बताया कि 2018 में कमलनाथ सरकार बनी. तब हनुमान मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों से कमलनाथ ने चर्चा कर मंदिर नव निर्माण की योजना बनाई थी. इसमें जामसांवली के मंदिर के अलावा, इंदौर का खजराना गणेश मंदिर, खंडवा का दादा धाम, महाकाल मंदिर का नव निर्माण किया जाना था. लेकिन सरकार गिरने के बाद मंदिर निर्माण का काम प्रभावित हुआ.