छिंदवाड़ा। शासकीय स्कूलों में शैक्षणिक सत्र आधा हो जाने के बाद भी अब तक विद्यार्थियों को पूरी किताबें उपलब्ध नहीं हो पाई है. आलम ये है कि छात्रों को पुरानी किताबों के सहारे पढ़ाया जा रहा है. कोरोना महामारी काल में शुरू हुई ऑनलाइन क्लासेस के जरिए वे छात्र तो आसानी से पढ़ाई कर पा रहे हैं, जिनके पास साधन हैं. लेकिन जिनके पास साधन भी नहीं है और किताबें भी नहीं, वे छात्र पिछड़ते जा रहे हैं.
शिक्षा विभाग हर साल शासकीय स्कूलों में बच्चों को किताबें मुफ्त में उपलब्ध कराता है. लेकिन इस साल शैक्षणिक सत्र आधा बीतने के बाद भी ज्यादातर विद्यार्थियों को पूरी किताबें उपलब्ध नहीं हो पाई हैं.
पुरानी पुस्तकों का लिया जा रहा सहारा
जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार चौरगड़े ने बताया कि उन्होंने पुस्तकों को लेकर शिक्षा विभाग को पुस्तकों की मांग को लेकर प्रस्ताव भेज दिया है. लेकिन अब तक पूरी किताबें उपलब्ध नहीं हो पाई है, जिसके चलते पुराने बच्चों से किताबें लेकर बच्चों को दी जा रही हैं, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो.
ये भी पढ़ें- दिवाली पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने दी शिक्षा, कहा- परोपकार से लक्ष्मी की होती है प्राप्ति
डिजी लैब के जरिए कराई जा रही पढ़ाई
जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार चौरगड़े ने बताया कि सरकारी स्कूलों में लगातार कोरोना संक्रमण काल के चलते व्हाट्सएप और डिजी लैब के जरिए पढ़ाई कराई जा रही है. बच्चों की पढ़ाई और सिलेबस का पूर्णता ध्यान रखा जा रहा है.