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फसल खरीदी के लिए तय नहीं सरकारी नीतियां, किसान हो रहे परेशान

छिंदवाड़ा में मक्के की फसल खरीदी को लेकर सरकारी नीतियां तय नहीं होने से किसान असमंजस में है.

फसल खरीदी के लिए तय नहीं सरकारी नीतियां
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Published : Oct 7, 2019, 9:28 AM IST

Updated : Oct 7, 2019, 10:20 AM IST

छिंदवाड़ा। प्रदेश का छिंदवाड़ा सबसे ज्यादा मक्का उत्पादन के लिए जाना जाता है. लेकिन जिले के किसान इस बार मक्के की फसल के लिए सरकार की नीतियां तय नहीं होने के कारण असमंजस में है.

फसल खरीदी के लिए तय नहीं सरकारी नीतियां

ये है कारण असमंजस के :

  • फसल के लिए सरकार ने तय नहीं की नीति
  • फसल भावान्तर के तहत खरीदी जाएगी या समर्थन मूल्य में नहीं है पता
  • अतिवृष्टि से पहले ही बर्बाद हो चुकी है फसल
  • किसानों की मांग, जल्द नीति स्पष्ट करे सरकार
  • नीति तय नहीं पर फसल बेचने ऑनलाइन पंजीयन शुरू

वहीं इस मामले पर जिले के प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे का कहना है कि सरकार इस पर जल्द निर्णय लेकर फैसला सुनाएगी. साथ ही खराब हुई फसलों का जायजा लेकर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा.

छिंदवाड़ा। प्रदेश का छिंदवाड़ा सबसे ज्यादा मक्का उत्पादन के लिए जाना जाता है. लेकिन जिले के किसान इस बार मक्के की फसल के लिए सरकार की नीतियां तय नहीं होने के कारण असमंजस में है.

फसल खरीदी के लिए तय नहीं सरकारी नीतियां

ये है कारण असमंजस के :

  • फसल के लिए सरकार ने तय नहीं की नीति
  • फसल भावान्तर के तहत खरीदी जाएगी या समर्थन मूल्य में नहीं है पता
  • अतिवृष्टि से पहले ही बर्बाद हो चुकी है फसल
  • किसानों की मांग, जल्द नीति स्पष्ट करे सरकार
  • नीति तय नहीं पर फसल बेचने ऑनलाइन पंजीयन शुरू

वहीं इस मामले पर जिले के प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे का कहना है कि सरकार इस पर जल्द निर्णय लेकर फैसला सुनाएगी. साथ ही खराब हुई फसलों का जायजा लेकर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा.

Intro:छिन्दवाड़ा। मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा मक्का उत्पादन करने वाले जिला छिंदवाड़ा के किसान अब सरकार की नीति को लेकर असमंजस में हैं दरअसल सरकार ने अब तक तय नहीं किया है कि उनकी फसल भावान्तर के तहत खरीदी जाएगी या समर्थन मूल्य में।


Body:मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा मक्का उत्पादन छिंदवाड़ा में होता है लेकिन इस बार अतिवृष्टि के चलते अधिकतर फसल बर्बाद हो चुकी है बची कुची फसल किसानों के घर में आने को तैयार है लेकिन अब तक सरकार ने यह तय नहीं किया है कि किसानों की फसल भावांतर भुगतान योजना के तहत खरीदी जाएगी या फिर उसके लिए समर्थन मूल्य तय किया जाएगा।

किसानों का कहना है कि सरकार को जल्द अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए ताकि किसान उपज का पंजीयन कराकर अपनी फसल बेच सके।

वही छिंदवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे का कहना है कि सरकार इस पर जल्द निर्णय लेकर किसानों को अपना फैसला सुनाएगी लेकिन खराब हुई फसलों का जायजा भी वह लगातार कराकर किसानों को उचित मुआवजा दिलाएंगे।


Conclusion:भले ही सरकार ने तय नहीं किया है कि किसानों की फसल किस नीति के तहत खरीदी जाएगी लेकिन फसल बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीयन शुरू कर दिया गया है।

बाइट-अर्जुन खलोटिया,किसान
बाइट-अरुण बांदे,किसान
बाइट-सुखदेव पाँसे, प्रभारी मंत्री
Last Updated : Oct 7, 2019, 10:20 AM IST
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