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संतरे के उत्पादन ने किसान को महज 4 साल में बनाया लखपति

शहर में संतरे के ज्यादा उत्पादन ने किसान को लखपति बना दिया, महज चार साल के अंदर ही किसान को बड़ा फायदा हुआ है.

संतरे के उत्पादन ने किसान को बनाया लखपति
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Published : Oct 26, 2019, 5:22 PM IST

Updated : Oct 26, 2019, 6:55 PM IST

छिंदवाड़ा। सौसर तहसील के मोहगांव में जवाहरलाल कृषि अनुसंधान केंद्र में संतरे के उत्पादन ने किसान मोरेश्वर बोन्द्रे को लखपति बना दिया है. हर एक पेड़ पर लगभग 500 फल लगते हैं, जिससे किसान को महज चार साल में ही बड़ा मुनाफा हो गया.

किसान 4 साल में बना लखपति


अनुसंधान केंद्र में संतरे को रोगमुक्त रखने के लिए विशेष ध्यान दिया जाता है. साथ ही जिस खेत में पौधे लगाए जाते हैं, किसान विशेषज्ञों से समय-समय पर पौधों को स्वास्थ्य रखने के लिए जानकारी लेते हैं. कृषि अनुसंधान केंद्र से डॉक्टर एस.आर. धारपुरे, डॉक्टर डी.यन. नानदेकर और जगदीश बारस्कर ने संतरों का निरीक्षण किया. वहीं निरीक्षण के दौरान डॉक्टर एस. आर. धारपुरे (रिटा. कृषि वैज्ञानिक) ने जानकारी देते हुए कहा कि किसान के खेत में सबसे ज्यादा नागपुर मन्डेरियन वेरायटी के संतरे उपलब्ध हैं. सामान्य तौर पर वेरायटी के पेड़ 5 साल बाद ही फल देते हैं, लेकिन इस पेड़ ने महज 4 साल में किसान को बड़ा मुनाखा दे दिया.


किसान के पास लगभग 650 संतरे के पेड़ हैं, जिसमें से 450 पेड़ पर संतरा पैदा होता है, जिस पर लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा फल लगे हुए थे. अगर इसकी और अच्छी देखरेख की जाती तो इससे भी ज्यादा उत्पादन होने की संभावना है.
वहीं किसान मोरेश्वर का कहना है कि संतरे की इस बंपर उत्पादन का पूरा श्रेय आंचलिक अनुसंधान केंद्र, डॉक्टर एस. आर. धारपुरे और टीएमसी टीम को जाता है.

छिंदवाड़ा। सौसर तहसील के मोहगांव में जवाहरलाल कृषि अनुसंधान केंद्र में संतरे के उत्पादन ने किसान मोरेश्वर बोन्द्रे को लखपति बना दिया है. हर एक पेड़ पर लगभग 500 फल लगते हैं, जिससे किसान को महज चार साल में ही बड़ा मुनाफा हो गया.

किसान 4 साल में बना लखपति


अनुसंधान केंद्र में संतरे को रोगमुक्त रखने के लिए विशेष ध्यान दिया जाता है. साथ ही जिस खेत में पौधे लगाए जाते हैं, किसान विशेषज्ञों से समय-समय पर पौधों को स्वास्थ्य रखने के लिए जानकारी लेते हैं. कृषि अनुसंधान केंद्र से डॉक्टर एस.आर. धारपुरे, डॉक्टर डी.यन. नानदेकर और जगदीश बारस्कर ने संतरों का निरीक्षण किया. वहीं निरीक्षण के दौरान डॉक्टर एस. आर. धारपुरे (रिटा. कृषि वैज्ञानिक) ने जानकारी देते हुए कहा कि किसान के खेत में सबसे ज्यादा नागपुर मन्डेरियन वेरायटी के संतरे उपलब्ध हैं. सामान्य तौर पर वेरायटी के पेड़ 5 साल बाद ही फल देते हैं, लेकिन इस पेड़ ने महज 4 साल में किसान को बड़ा मुनाखा दे दिया.


किसान के पास लगभग 650 संतरे के पेड़ हैं, जिसमें से 450 पेड़ पर संतरा पैदा होता है, जिस पर लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा फल लगे हुए थे. अगर इसकी और अच्छी देखरेख की जाती तो इससे भी ज्यादा उत्पादन होने की संभावना है.
वहीं किसान मोरेश्वर का कहना है कि संतरे की इस बंपर उत्पादन का पूरा श्रेय आंचलिक अनुसंधान केंद्र, डॉक्टर एस. आर. धारपुरे और टीएमसी टीम को जाता है.

Intro:छिन्दवाड़ा (सौसर)

*आँचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र के संतरे के पौधो ने किसान को बनाया लखपति*

*छिन्दवाड़ा के जवाहर लाल नेहरू कृषि आँचलिक केंद्र ने बनाये थे संतरे के पौधे*

*क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण वेरायटी का संतरा नागपुर मन्डेरियन*

*संतरे के पौधों को रोगमुक्त बनाने में विशेषग्यो ने रखी विशेष सावधानी*

*किसान ले लिया महज 4 साल के पौधे से बम्पर उत्पादन*

*एक एक पौधे में लगे लगभग 500 फल*

*4 साल का पौधा पेड़ जैसा दिखने लगा विशेषग्यो की मेहनत रंग लाई*

*खटास व मिठास का यूनिक कॉम्बिनेशन वाला संतरा*

*पौधा लगाने के लगभग 5 साल बाद फल देते है*

Body:छिन्दवाड़ा के जवाहरलाल कृषि अनुसन्धान केंद्र में नीबूवर्गीय फसलों के अंतर्गत संतरे के पौधों का उत्पादन किया जाता है इस अनुसंधान केंद्र में पौधों को रोगमुक्त रखने के लिए विशेष ध्यान रखा जाता है साथ ही जिस किसान के खेत मे पौधे लगाए जाते है, उस किसान को विशेषग्यो द्वारा समय समय पर पौधों को स्वाथ्यय रखने व पौधों से उत्पादन लेने में पूर्ण मार्गदर्शन किया जाता है
सौसर तहसील के ग्राम मोहगांव के किसान मोरेश्वर बोन्द्रे ने भी इस आँचलिक कृषि अनुसन्धान केंद्र से संतरे के पौधे लाकर अपने खेत मे लगाए व विशेषग्यो के मार्गदर्शन में पौधे की देखरेख की...
आज छिन्दवाड़ा के कृषि अनुसंधान केंद्र से डॉक्टर एस. आर. धारपुरे, डॉ. डी. यन. नानदेकर,जगदीश बारस्कर द्वारा 4 साल के पौधों का निरीक्षण किया गया जहाँ 4 साल के पौधे पूर्णतः स्वाथ्यय व अच्छा उत्पादन देते नजर आये,
वही निरीक्षण के दौरान डॉक्टर एस. आर. धारपुरे (रीटा. कृषि वैज्ञानिक) ने जानकारी देते हुए कहा कि किसान के खेत के में *सबसे ज्यादा उपयुक्त नागपुर मन्डेरियन वेरायटी के संतरे* के पौधे लगये गए है, लगभग सामान्य वेरायटी के पेड़ 5 साल बाद फल देते है किंतु इस पेड़ ने महज 4 साल में किसान को बम्पर उत्पादन दिया है, किसान के पास लगभग 450 संतरे के पेड़ हैं जिसमे लगभग 1.60000 फल लगे होने का आकलन है, और आगे भविष्य इसकी सही दरखरेख की तो इससे ज्यादा उत्पादन होने की संभावना है
वही किसान मोरेश्वर का कहना है कि संतरे की इस बंपर उत्पादन फसल का पूरा श्रेय आँचलिक अनुसंधान केंद्र व डॉ, एस. आर.धारपुरे व tmc टीम को जाता है....



01 बाईट डॉ. एस.आर.धारपुरे (रीटा. वैज्ञानिक)

02 बाईट मोरेश्वर बोन्द्रे (किसान)Conclusion:*क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण वेरायटी का संतरा नागपुर मन्डेरियन
Last Updated : Oct 26, 2019, 6:55 PM IST
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