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कांग्रेस का अभेद किला है छिंदवाड़ा, बीजेपी ने सिर्फ एक बार चखा है जीत का स्वाद

आम चुनाव के ऐलान के बाद 17वीं लोकसभा के लिए छिंदवाड़ा में 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे.  छिंदवाड़ा कांग्रेस अंगद के पैर की तरह अडिग है. बता दें छिंदवाड़ा की जनता ने आजादी के बाद से अब तक बीजेपी को सिर्फ एक साल के लिए मौका दिया है.

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Published : Mar 13, 2019, 8:54 PM IST

मुख्यमंत्री कमलनाथ

छिंदवाड़ा। आम चुनाव के ऐलान के बाद 17वीं लोकसभा के लिए छिंदवाड़ा में 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. छिंदवाड़ा कांग्रेस अंगद के पैर की तरह अडिग है. बता दें छिंदवाड़ा की जनता ने आजादी के बाद से अब तक बीजेपी को सिर्फ एक साल के लिए मौका दिया है. वह भी उपचुनाव में इसलिए छिंदवाड़ा कांग्रेस का अभेद किला कहलाता है.

सीएम कमलनाथ

आजादी के बाद हुए आम चुनावों में छिंदवाड़ा में हमेशा ही कांग्रेस काबिज रही है. 1952 से लेकर 1996 तक बीजेपी सहित कई दलों ने अपने प्रत्याशी उतारे लेकिन कांग्रेस को कोई नहीं हिला पाया. 1997 में हुए उपचुनाव में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को हार का स्वाद चखाया था, लेकिन ये जीत बीजेपी के लिए महज 1 साल की थी. उसके बाद से ही छिंदवाड़ा में अब तक कमलनाथ का राज है.

छिंदवाड़ा से अब तक इन लोगों ने लोकसभा में फहराया है परचमः

सन 1952 में कांग्रेस के रायचंद भाई शाह ने निर्दलीय चुनाव लड़े पन्ना लाल भार्गव को 34255 वोटों से हराया था.


1957 में कांग्रेस के भी गुलाल चांडक ने प्रजातांत्रिक समिति के गार्गी शंकर मिश्र को 70586 वोटों से हराया था.


1957 में ही कांग्रेस के नारायण वाडी बने प्रजातांत्रिक पार्टी के संग्राम शाह को 69923 वोटों से हराया था. इस चुनाव में आदिवासी समुदाय के लिए अलग से प्रतिनिधि होता था.


1962 में कांग्रेस के भीकुलाल चांडक ने जनसंघ के एसएस मुखर्जी को 70886 वोटों से हराया था.


1967 में गार्गी शंकर मिश्र ने जनसंघ के हरी कृष्ण अग्रवाल को 47983 वोटों से हराया था.


1971 में कांग्रेस के गारगिशंकर मिश्र ने जनसंघ के पुरुषोत्तम साहू को 184234 वोटों से हराया था.


1977 में कांग्रेस के गार्गी शंकर मिश्र ने भारतीय जनता दल के प्रतुलचंद द्विवेदी को 2369 वोटों से हराया था.


1980 में कांग्रेस के कमलनाथ ने जनता पार्टी के प्रतुलचंद द्विवेदी को 70131 वोटों से हराया था.


1984 में कांग्रेस के कमलनाथ ने भाजपा के रामकिशन बत्रा को 153825 वोटों से हराया था.


1989 में कांग्रेस के कमलनाथ में जनता दल के माधव लाल दुबे को 40104 वोटों से हराया था.


1991 में कांग्रेस के कमलनाथ में भाजपा के चौधरी चंद्रभान सिंह को 79632 वोटों से हराया था.


1996 में कांग्रेस की अलका कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी के चौधरी चंद्रभान सिंह को 21382 वोटों से मात दी थी.


1997 के उपचुनाव में भाजपा के सुंदरलाल पटवा ने कांग्रेस के कमलनाथ को 37680 वोटों से हार का स्वाद चखाया था.


1998 में कांग्रेस के कमलनाथ ने भाजपा के सुंदर लाल पटवा को 153398 वोटों से हराया.


1999 में कांग्रेस के कमलनाथ ने भाजपा के संतोष जैन को 188928 वोटों से हराया.


2004 में कांग्रेस के कमलनाथ में भाजपा के प्रह्लाद पटेल को 63701 वोटों से हराया था.


2009 में कांग्रेस के कमलनाथ ने भाजपा के मारोतराव खवसे को 121220 वोटों से हराया था.


2014 में मोदी लहर के बावजूद भी कमलनाथ ने भाजपा को टक्कर देते हुए चौधरी चंद्रभान सिंह को 116537 वोटों के भारी अंतर से हराया था.

छिंदवाड़ा। आम चुनाव के ऐलान के बाद 17वीं लोकसभा के लिए छिंदवाड़ा में 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. छिंदवाड़ा कांग्रेस अंगद के पैर की तरह अडिग है. बता दें छिंदवाड़ा की जनता ने आजादी के बाद से अब तक बीजेपी को सिर्फ एक साल के लिए मौका दिया है. वह भी उपचुनाव में इसलिए छिंदवाड़ा कांग्रेस का अभेद किला कहलाता है.

सीएम कमलनाथ

आजादी के बाद हुए आम चुनावों में छिंदवाड़ा में हमेशा ही कांग्रेस काबिज रही है. 1952 से लेकर 1996 तक बीजेपी सहित कई दलों ने अपने प्रत्याशी उतारे लेकिन कांग्रेस को कोई नहीं हिला पाया. 1997 में हुए उपचुनाव में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को हार का स्वाद चखाया था, लेकिन ये जीत बीजेपी के लिए महज 1 साल की थी. उसके बाद से ही छिंदवाड़ा में अब तक कमलनाथ का राज है.

छिंदवाड़ा से अब तक इन लोगों ने लोकसभा में फहराया है परचमः

सन 1952 में कांग्रेस के रायचंद भाई शाह ने निर्दलीय चुनाव लड़े पन्ना लाल भार्गव को 34255 वोटों से हराया था.


1957 में कांग्रेस के भी गुलाल चांडक ने प्रजातांत्रिक समिति के गार्गी शंकर मिश्र को 70586 वोटों से हराया था.


1957 में ही कांग्रेस के नारायण वाडी बने प्रजातांत्रिक पार्टी के संग्राम शाह को 69923 वोटों से हराया था. इस चुनाव में आदिवासी समुदाय के लिए अलग से प्रतिनिधि होता था.


1962 में कांग्रेस के भीकुलाल चांडक ने जनसंघ के एसएस मुखर्जी को 70886 वोटों से हराया था.


1967 में गार्गी शंकर मिश्र ने जनसंघ के हरी कृष्ण अग्रवाल को 47983 वोटों से हराया था.


1971 में कांग्रेस के गारगिशंकर मिश्र ने जनसंघ के पुरुषोत्तम साहू को 184234 वोटों से हराया था.


1977 में कांग्रेस के गार्गी शंकर मिश्र ने भारतीय जनता दल के प्रतुलचंद द्विवेदी को 2369 वोटों से हराया था.


1980 में कांग्रेस के कमलनाथ ने जनता पार्टी के प्रतुलचंद द्विवेदी को 70131 वोटों से हराया था.


1984 में कांग्रेस के कमलनाथ ने भाजपा के रामकिशन बत्रा को 153825 वोटों से हराया था.


1989 में कांग्रेस के कमलनाथ में जनता दल के माधव लाल दुबे को 40104 वोटों से हराया था.


1991 में कांग्रेस के कमलनाथ में भाजपा के चौधरी चंद्रभान सिंह को 79632 वोटों से हराया था.


1996 में कांग्रेस की अलका कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी के चौधरी चंद्रभान सिंह को 21382 वोटों से मात दी थी.


1997 के उपचुनाव में भाजपा के सुंदरलाल पटवा ने कांग्रेस के कमलनाथ को 37680 वोटों से हार का स्वाद चखाया था.


1998 में कांग्रेस के कमलनाथ ने भाजपा के सुंदर लाल पटवा को 153398 वोटों से हराया.


1999 में कांग्रेस के कमलनाथ ने भाजपा के संतोष जैन को 188928 वोटों से हराया.


2004 में कांग्रेस के कमलनाथ में भाजपा के प्रह्लाद पटेल को 63701 वोटों से हराया था.


2009 में कांग्रेस के कमलनाथ ने भाजपा के मारोतराव खवसे को 121220 वोटों से हराया था.


2014 में मोदी लहर के बावजूद भी कमलनाथ ने भाजपा को टक्कर देते हुए चौधरी चंद्रभान सिंह को 116537 वोटों के भारी अंतर से हराया था.

Intro:आम चुनाव के ऐलान के बाद ही 17 वीं लोकसभा के लिए छिंदवाड़ा में 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे , छिन्दवाड़ा में काँग्रेस अंगद के पैर की तरह अडिग है,छिंदवाड़ा की जनता ने आजादी के बाद से अब तक भाजपा को सिर्फ एक साल के लिए मौका दिया है वह भी उपचुनाव में इसलिए तो छिंदवाड़ा कहलाती है कांग्रेस का अवैध किला ।


Body:सिर्फ 1 साल के लिए खिला था कमल।

आजादी के बाद हुए आम चुनावों में छिंदवाड़ा में हमेशा ही कांग्रेस काबिज रही है 1952 से लेकर 1996 तक भाजपा समेत कई दलों ने अपने प्रत्याशी उतारे लेकिन कांग्रेस को कोई नहीं मिला पाया और फिर 1997 में हुए उप चुनाव में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को हार का स्वाद चखाया था लेकिन ये जीत भाजपा के लिए महज 1 साल की थी उसके बाद से ही छिंदवाड़ा में अब तक कमलनाथ का राज है।


Conclusion:छिंदवाड़ा से अब तक इन लोगों ने लोकसभा में फहराया है परचम।

GFX IN

1. सन 1952 में कांग्रेस के रायचंद भाई शाह ने निर्दलीय चुनाव लड़े पन्ना लाल भार्गव को 34255 वोटों से हराया था

2. 1957 में कांग्रेस के भी गुलाल चांडक ने प्रजातांत्रिक समिति के गार्गी शंकर मिश्र को 70586 वोटों से हराया था

3. 1957 में ही कांग्रेस के नारायण वाडी बने प्रजातांत्रिक पार्टी के संग्राम शाह को 69923 वोटों से हराया था( इस चुनाव में आदिवासी समुदाय के लिए अलग से प्रतिनिधि होता था इसलिए जो प्रत्याशी खड़े थे)

4. 1962 में कांग्रेस के भीकुलाल चांडक ने जनसंघ के एसएस मुखर्जी को 70886 वोटों से हराया था।

5. 1967 में गार्गी शंकर मिश्र ने जनसंघ के हरी कृष्ण अग्रवाल को 47983 वोटों से हराया था।

6 . 1971 में कांग्रेस के गारगिशंकर मिश्र ने जनसंघ के पुरुषोत्तम साहू को 184234 वोटों से हराया था।

7. 1977 में कांग्रेस के गार्गी शंकर मिश्र ने भारतीय जनता दल के प्रतुलचंद द्विवेदी को 2369 वोटों से हराया था।

8. 1980 में कांग्रेस के कमलनाथ ने जनता पार्टी के प्रतुलचंद द्विवेदी को 70131 वोटों से हराया था।

9. 1984 में कांग्रेस के कमलनाथ ने भाजपा के रामकिशन बत्रा को 153825 वोटों से हराया था।

10. 1989 में कांग्रेस के कमलनाथ में जनता दल के माधव लाल दुबे को 40104 वोटों से हराया था।

11. 1991 में कांग्रेस के कमलनाथ में भाजपा के चौधरी चंद्रभान सिंह को 79632 वोटों से हराया था।

12. 1996 में कांग्रेस की अलका कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी के चौधरी चंद्रभान सिंह को 21382 वोटों से मात दी थी।

13. 1997 के उपचुनाव में भाजपा के सुंदरलाल पटवा ने कांग्रेस के कमलनाथ को 37680 वोटों से हार का स्वाद चखाया था।

14. 1998 में कांग्रेस के कमलनाथ ने भाजपा के सुंदर लाल पटवा को 153398 वोटों से हराया।

15. 1999 में कांग्रेस के कमलनाथ ने भाजपा के संतोष जैन को 188928 वोटों से हराया।

16. 2004 में कांग्रेस के कमलनाथ में भाजपा के प्रह्लाद पटेल को 63701 वोटों से हराया था।

17. 2009 में कांग्रेस के कमलनाथ ने भाजपा के मारोतराव खवसे को 121220 वोटों से हराया था।

18. और 2014 में मोदी लहर के बावजूद भी कमलनाथ ने भाजपा को टक्कर देते हुए चौधरी चंद्रभान सिंह को 116537 वोटों के भारी अंतर से हराया था।
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