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Diwali 2020: स्व-सहायता समूह की महिलाओं की अनूठी पहल, गोबर के दीए से रोशन होगी ये दिवाली - दिवाली 2020

छिंदवाड़ा की महिलाओं ने अनोखा प्रयोग करते हुए गोबर से दीए और भगवान की मूर्तियों के अलावा शुभ लाभ के कई आर्टिकल्स बनाए हैं. जो बाजार में चर्चा का केंद्र है.

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छिंदवाड़ा
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Published : Nov 11, 2020, 11:45 PM IST

छिंदवाड़ा। देश को आत्मनिर्भर बनाने की पीएम मोदी की मुहिम के बाद अब छिंदवाड़ा की महिलाओं ने अनोखा प्रयोग करते हुए गोबर से दीए और भगवान की मूर्तियां के अलावा शुभ लाभ के कई आर्टिकल्स बनाए हैं. जो बाजार में काफी चर्चा का केंद्र है, इन्हें बाजार में बेचने के लिए जिला प्रशासन ने दुकान भी मुहैया कराया है.

महिलाओं की अनूठी पहल
स्व सहायता समूह की महिलाएं बना रही गोबर के प्रोडक्ट

दरअसल, छिंदवाड़ा के ग्रामीण इलाकों में स्व-सहायता समूह मिलकर दिवाली के लिए गोबर से दीए बनाकर बाजार में उपलब्ध करा रही हैं. ये दीए जो आधुनिक और विदेशी दीए को मात दे रहे हैं. स्व-सहायता समूह की महिलाओं की माने तो उनका कहना है कि उन्हें इसके लिए जिला प्रशासन से मदद भी मिलती है ताकि वह अपने पैरों पर खड़े होकर इन उत्पादों को बाजार तक ला सकें.

market
गोबर के दीए से रोशन होगी ये दिवाली

जिला प्रशासन महिलाओं को दे रहा है ट्रेनिंग

जिला पंचायत सीईओ गजेंद्र सिंह नागेश ने ईटीवी भारत से कहा कि जिले में सात स्व-सहायता समूह जिले में गोबर के उत्पाद बना रहे हैं. जिन्हें प्रारंभिक स्तर की ट्रेनिंग दी गई है. गौ संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन मदद भी कर रहा है. जिला प्रशासन आजीविका मिशन के तहत एकीकृत गौशाला प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहा है.

आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

स्व-सहायता समूह के माध्यम से सिर्फ गोबर के दीए ही नहीं बल्कि सजावट के सामान के अलावा वर्मी कंपोस्ट खाद और भी कई अन्य उत्पाद महिलाएं बना रही हैं. जिससे ग्रामीण महिलाएं जो घर के काम तक ही सीमित रहती थी. वह भी अब आत्मनिर्भर बन रही है. इसके चलते उन्हें आर्थिक मजबूती भी मिल रही है.

market
गोबर के दीए से रोशन होगी ये दिवाली

गोबर से घर रोशन होंगे

खैर जो गोबर अब तक सिर्फ फेंकने के काम आता था. या फिर किसान उसको खाद बनाकर उपयोग करते थे. अब उसी गोबर से दिवाली में लोगों के घर रोशन होंगे. इस तकनीकी न सिर्फ गौ संवर्धन होगा. बल्कि स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.

छिंदवाड़ा। देश को आत्मनिर्भर बनाने की पीएम मोदी की मुहिम के बाद अब छिंदवाड़ा की महिलाओं ने अनोखा प्रयोग करते हुए गोबर से दीए और भगवान की मूर्तियां के अलावा शुभ लाभ के कई आर्टिकल्स बनाए हैं. जो बाजार में काफी चर्चा का केंद्र है, इन्हें बाजार में बेचने के लिए जिला प्रशासन ने दुकान भी मुहैया कराया है.

महिलाओं की अनूठी पहल
स्व सहायता समूह की महिलाएं बना रही गोबर के प्रोडक्ट

दरअसल, छिंदवाड़ा के ग्रामीण इलाकों में स्व-सहायता समूह मिलकर दिवाली के लिए गोबर से दीए बनाकर बाजार में उपलब्ध करा रही हैं. ये दीए जो आधुनिक और विदेशी दीए को मात दे रहे हैं. स्व-सहायता समूह की महिलाओं की माने तो उनका कहना है कि उन्हें इसके लिए जिला प्रशासन से मदद भी मिलती है ताकि वह अपने पैरों पर खड़े होकर इन उत्पादों को बाजार तक ला सकें.

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गोबर के दीए से रोशन होगी ये दिवाली

जिला प्रशासन महिलाओं को दे रहा है ट्रेनिंग

जिला पंचायत सीईओ गजेंद्र सिंह नागेश ने ईटीवी भारत से कहा कि जिले में सात स्व-सहायता समूह जिले में गोबर के उत्पाद बना रहे हैं. जिन्हें प्रारंभिक स्तर की ट्रेनिंग दी गई है. गौ संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन मदद भी कर रहा है. जिला प्रशासन आजीविका मिशन के तहत एकीकृत गौशाला प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहा है.

आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

स्व-सहायता समूह के माध्यम से सिर्फ गोबर के दीए ही नहीं बल्कि सजावट के सामान के अलावा वर्मी कंपोस्ट खाद और भी कई अन्य उत्पाद महिलाएं बना रही हैं. जिससे ग्रामीण महिलाएं जो घर के काम तक ही सीमित रहती थी. वह भी अब आत्मनिर्भर बन रही है. इसके चलते उन्हें आर्थिक मजबूती भी मिल रही है.

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गोबर के दीए से रोशन होगी ये दिवाली

गोबर से घर रोशन होंगे

खैर जो गोबर अब तक सिर्फ फेंकने के काम आता था. या फिर किसान उसको खाद बनाकर उपयोग करते थे. अब उसी गोबर से दिवाली में लोगों के घर रोशन होंगे. इस तकनीकी न सिर्फ गौ संवर्धन होगा. बल्कि स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.

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