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छात्रों को तनाव मुक्त रहने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए टिप्स, ऐसे रहें फ्री माइंड

प्रदेश में 1 मार्च से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं. इसे लेकर छिंदवाड़ा जिला शिक्षा अधिकारी ने बच्चों को तनाव मुक्त रहने के टिप्स दिए.

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छात्रों को जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए टिप्स
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Published : Feb 28, 2020, 2:33 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 3:01 PM IST

छिंदवाड़ा। प्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं, जिसके चलते छात्रों में तनावपूर्ण माहौल देखा जा रहा है. जिला शिक्षा अधिकारी ने बच्चों को तनाव मुक्त रहने के लिए टिप्स दिए. उन्होंने कहा कि परीक्षा को लेकर बच्चे तनाव न लें और ना ही पेरेंट्स. सिर्फ अधिक नंबर लाना ही सफलता नहीं है, कम अंक लाने वाले बच्चे भी जीवन में सफलता की नई ऊचाइयों को छूते हैं.

छात्रों को जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए टिप्स

जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि बच्चों को पढ़ाई को पढ़ाई की तरह लेना चाहिए, उसे अत्यधिक प्रेशर या तनाव में नहीं आना चाहिए. परीक्षा शिक्षा का मापदंड है. ऐसा नहीं कि सिर्फ अच्छे अंक लाने वाले ही बच्चे कुछ अच्छा कर पाते हैं. कम अंक लाने वाले बच्चे भी कई बड़े मुकाम तक पहुंच कर मिसालें कायम करते हैं.

उन्होंने कहा कि पेरेंट्स की एक्सपेक्टेशन रहती है कि बच्चा अच्छा करें, लेकिन उन्हें भी समझना चाहिए कि बच्चे की लिमिट कितनी है, उस पर अधिक प्रेशर ना दें. पेपर के समय बच्चों को रात के समय में पढ़ना नहीं चाहिए, पूर्णता नींद लेना चाहिए और समय पर खाना भी खाना चाहिए. व्यायाम कर और दिमाग शांत रखकर पढ़ना चाहिए. बिना किसी तनाव को लिए पेपर हल करना चाहिए.

छिंदवाड़ा। प्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं, जिसके चलते छात्रों में तनावपूर्ण माहौल देखा जा रहा है. जिला शिक्षा अधिकारी ने बच्चों को तनाव मुक्त रहने के लिए टिप्स दिए. उन्होंने कहा कि परीक्षा को लेकर बच्चे तनाव न लें और ना ही पेरेंट्स. सिर्फ अधिक नंबर लाना ही सफलता नहीं है, कम अंक लाने वाले बच्चे भी जीवन में सफलता की नई ऊचाइयों को छूते हैं.

छात्रों को जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए टिप्स

जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि बच्चों को पढ़ाई को पढ़ाई की तरह लेना चाहिए, उसे अत्यधिक प्रेशर या तनाव में नहीं आना चाहिए. परीक्षा शिक्षा का मापदंड है. ऐसा नहीं कि सिर्फ अच्छे अंक लाने वाले ही बच्चे कुछ अच्छा कर पाते हैं. कम अंक लाने वाले बच्चे भी कई बड़े मुकाम तक पहुंच कर मिसालें कायम करते हैं.

उन्होंने कहा कि पेरेंट्स की एक्सपेक्टेशन रहती है कि बच्चा अच्छा करें, लेकिन उन्हें भी समझना चाहिए कि बच्चे की लिमिट कितनी है, उस पर अधिक प्रेशर ना दें. पेपर के समय बच्चों को रात के समय में पढ़ना नहीं चाहिए, पूर्णता नींद लेना चाहिए और समय पर खाना भी खाना चाहिए. व्यायाम कर और दिमाग शांत रखकर पढ़ना चाहिए. बिना किसी तनाव को लिए पेपर हल करना चाहिए.

Last Updated : Feb 28, 2020, 3:01 PM IST
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