छिंदवाड़ा। दिवाली का त्योहार दो दिन बाद है. और इस त्योहार की शुरूआत धनतेरस (Dhanteras) के साथ होती है. धनतेरस लोगों के लिए बेहद खास होता है. इस दिन लोग सोना, चांदी और पीतल की वस्तुएं खरीदना बहुत शुभ मानते हैं. वहीं धनतेरस पर पूजा का भी विशेष महत्व है. इस बारे में पंडित शांतनु शास्त्री ने ईटीवी भारत से बताया कि इस बार धनतेरस की पूजा का विशेष मुहूर्त शाम 6 बजकर 6 मिनट से शुरू होगा. इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजन के साथ भगवान कुबेर की पूजा का विशेष महत्व होता है.
द्वादशी और त्रयोदशी का एक साथ आगमन
पंडित शांतनु शास्त्री ने बताया कि इस बार द्वादशी के साथ ही त्रयोदशी का एक साथ आगमन हो रहा है. इसमें आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि के साथ ही कुबेर का पूजन होना चाहिए. इस दिन लोग बाजार से शुभ मुहूर्त मानकर कई चीजों की खरीदारी करते हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण खरीदारी के लिए सोना की होती है. कहा जाता है कि सोने में भगवान कुबेर का वास होता है इसलिए धनतेरस के दिन सोने की खरीदी का विशेष महत्व रहता है.
कुबेर की पूजा से परिवार रहता है धन-धान्य से भरपूर
धनतेरस की पूजा का विशेष महत्व बताते हुए पंडित शांतनु शास्त्री कहते हैं कि घर में पूरे साल सभी लोग निरोगी रहें. इसलिए भगवान आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि की पूजा की जानी चाहिए. और दूसरा घर में किसी प्रकार का क्लेश न हो और धन्य धान से घर भरा पूरा रहे. इसलिए कुबेर की पूजा की जाती है ताकि आर्थिक क्षति न पहुंचे.