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कमलनाथ के गृह जिले में खानापूर्ति बनकर रह गया कांग्रेस का आंदोलन

छिन्दवाड़ा में कांग्रेस ने काला दिवस मनाया लेकिन खासा असर यहां देखने को नहीं मिला. कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने पहुंचे कांग्रेस नेताओं में 50 लोग भी नजर नहीं आए.

congress protest
विरोध के दौरान कांग्रेसी
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Published : Jun 30, 2020, 7:31 PM IST

छिन्दवाड़ा। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के 100 दिन पूरे होने पर कांग्रेस ने प्रदेशभर में काला दिन मनाया है. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ के गृह जिले में आंदोलन महज खानापूर्ति नजर आया.

भले ही प्रदेशभर में कमलनाथ ने कार्यकर्ताओं से भाजपा सरकार के 100 दिन पूरे होने पर काला दिन मनाने का आह्वान किया था, लेकिन उनके ही गृह जिले में आंदोलन खानापूर्ति नजर आया. शाम को कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने पहुंचे कांग्रेस नेताओं में 50 लोग भी नजर नहीं आए और तो और जिले में सातों विधायक कांग्रेस के होने के बाद भी एक भी विधायक आंदोलन में नजर नहीं आया.

छिंदवाड़ा से खुद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ विधायक है इसलिए उन्होंने छिंदवाड़ा में विधायक प्रतिनिधि के रूप में उनके सबसे करीबी और पूर्व विधायक दीपक सक्सेना को अपना विधायक प्रतिनिधि नियुक्त किया है. वे भी इस आंदोलन में नजर नहीं आए. इसके पहले भी कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल के विरोध में आंदोलन किया था. जिसमें भी कांग्रेस के बड़े नेता नजर नहीं आए थे.

बता दें प्रदेश में उपचुनाव को देखते हुए बीजेपी-कांग्रेस काफी समय से आमने-सामने है. जिसके चलते राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है. पिछले दिनों प्रदेशभर में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के आह्वान पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला दहन किया गया था. इस दौरान कमलनाथ और कांग्रेस का पूरजोर विरोध किया गया था. वहीं अब कांग्रेस ने शिवराज सिंह का पुतला दहन किया.

छिन्दवाड़ा। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के 100 दिन पूरे होने पर कांग्रेस ने प्रदेशभर में काला दिन मनाया है. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ के गृह जिले में आंदोलन महज खानापूर्ति नजर आया.

भले ही प्रदेशभर में कमलनाथ ने कार्यकर्ताओं से भाजपा सरकार के 100 दिन पूरे होने पर काला दिन मनाने का आह्वान किया था, लेकिन उनके ही गृह जिले में आंदोलन खानापूर्ति नजर आया. शाम को कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने पहुंचे कांग्रेस नेताओं में 50 लोग भी नजर नहीं आए और तो और जिले में सातों विधायक कांग्रेस के होने के बाद भी एक भी विधायक आंदोलन में नजर नहीं आया.

छिंदवाड़ा से खुद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ विधायक है इसलिए उन्होंने छिंदवाड़ा में विधायक प्रतिनिधि के रूप में उनके सबसे करीबी और पूर्व विधायक दीपक सक्सेना को अपना विधायक प्रतिनिधि नियुक्त किया है. वे भी इस आंदोलन में नजर नहीं आए. इसके पहले भी कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल के विरोध में आंदोलन किया था. जिसमें भी कांग्रेस के बड़े नेता नजर नहीं आए थे.

बता दें प्रदेश में उपचुनाव को देखते हुए बीजेपी-कांग्रेस काफी समय से आमने-सामने है. जिसके चलते राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है. पिछले दिनों प्रदेशभर में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के आह्वान पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला दहन किया गया था. इस दौरान कमलनाथ और कांग्रेस का पूरजोर विरोध किया गया था. वहीं अब कांग्रेस ने शिवराज सिंह का पुतला दहन किया.

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