छिंदवाड़ा। जिले के चौरई में 20 सितंबर से 9 दिवसीय श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है, इस कथा में जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य लगातार सनातन का पक्ष लेते हुए सनातन के खिलाफ बयानबाजी करने वाले नेताओं पर कटाक्ष कर रहे हैं. फिलहाल जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा है कि "जो भी व्यक्ति सनातन धर्म के खिलाफ बयान बाजी कर रहे हैं, वह गलत है. सनातन धर्म शाश्वत है, अमिट है. सनातन धर्म को जिसने भी मिटाने की आज तक सोचा है, वह खुद ही मिट जाएगा और कई लोग मिट गए हैं."
हनुमान चालीसा में बताई चार अशुद्धियां: जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने हनुमान चालीसा में चार अशुद्धियां बताई हैं, इसको लेकर ईटीवी भारत ने जब उनसे चर्चा की तो उन्होंने बताया कि "हनुमान चालीसा में चार अशुद्धियां हैं, जिसमें सबसे पहली शंकर सुमन केसरी नंदन. सुमन का अर्थ बेटा होता है और शंकर जी के बेटे हनुमान जी नहीं है, बल्कि वे शंकर जी का ही रूप हैं, इसलिए शंकर स्वयं केसरी नंदन होना चाहिए. दूसरी अशुद्धि है सब पर राम तपस्वी राजा की जगह सब पर राम राज फिर ताजा होना चाहिए, तीसरी अशुद्धि है सदा रहो रघुपति के दासा, इसकी बजाय होना चाहिए सादर रहो रघुपति के दासा होना चाहिए. इसके अलावा चौथी अशुद्धि है जो सात बार पाछ कर कोई की जगह पर यह सतबार पाठ कर जोही होना चाहिए."
गणेश वंदना के एक अंतरा को बताया उचित: हर तरफ लड़के और लड़कियों में भेदभाव मिटाने के साथ ही समानता की बात की जाती है, लेकिन गणेश वंदना में एक ऐसा अंतरा है जिसमें बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया लिखा गया है. इस पर ईटीवी भारत ने स्वामी रामभद्राचार्य से जानना चाहा कि क्या यह उचित है तो उन्होंने इसका समर्थन करते हुए "इसे सही बताया है."
कमलनाथ समेत महामंडलेश्वरों पर भी सवालिया निशान: जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कमलनाथ की चुप्पी पर भी निशाना साधा और उसके बाद फिर भारत के शंकराचार्य के साथ ही महामंडलेश्वरों पर भी सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि "आखिर सनातन पर कुछ लोग प्रहार कर रहे हैं और यह मठाधीश चुप क्यों हैं."