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कोरोना कर्फ्यू ने तोड़ी हम्मालों की कमर, रोजी-रोटी का संकट

छिंदवाड़ा में पिछले करीब 1 महीने से लॉकडाउन लगा हुआ है. जिससे रोज कमाने खाने वाले लोगों के सामने रोजी का संकट छाने लगा है. कुसमैली मंडी के हम्मालों की आर्थिक स्थिति भी काफी खराब हो गई है.

chhindwara has been locked for a month, coolie struggling for bread
लगभग 1 महीने से छिंदवाड़ा बंद, हम्मालों के सामने रोजी-रोटी का संकट
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Published : Apr 24, 2021, 10:09 AM IST

छिंदवाड़ा। कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा नुकसान रोज कमाने खाने वालों का हुआ है. इनके सामने संक्रमण का तो खतरा था ही, दूसरी तरफ रोजी-रोटी चलाना भी बड़ी चुनौती थी. छिंदवाड़ा जिले में लगभग 1 महीने से लॉकडाउन लगा हुआ है. जिस वजह से कुसमैली कृषि उपज मंडी में काम करने वाले हम्मालों के सामने अब आर्थिक संकट छाने लगा है. कुसमैली मंडी में काम करने वाले करीब 1 हजार से 15 सौ हम्माल दो वक्त की रोटी के लिए भी काफी जद्दोजहद कर रहे हैं.

लगभग 1 महीने से छिंदवाड़ा बंद, हम्मालों के सामने रोजी-रोटी का संकट

मंडी में पसरा सन्नाटा

मंडी बंद होने के कारण मंडी में चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है. कुछ हम्माल बैठकर मंडी खुलने का इंतजार कर रहे हैं. काम की तलाश में बंद पड़ी मंडी में भी हम्माल इधर-उधर भटक रहे हैं. सभी व्यापारियों का भी खासा नुकसान हुआ है. व्यापारियों की दुकान में लंबे समय से ताला लगा हुआ है. हालांकि प्रशासन भी बाजार खोलना चाहता है, लेकिन कोरोना के आंकड़े लगातार जिले में तेजी से बढ़ रहे हैं.

chhindwara has been locked for a month, coolie struggling for bread
लगभग 1 महीने से छिंदवाड़ा बंद, हम्मालों के सामने रोजी-रोटी का संकट

छिंदवाड़ा में कोरोना संक्रमण की स्थिति

जिले में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है. यहां संक्रमण इतना भयानक रूप ले चुका है कि कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार करने वालों की संख्या रोजाना 40 से 50 के करीब पहुंच रही है. मेडिकल शॉप के बाहर लंबी कतार लगी है, सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह नहीं होने जैसी कई तस्वीरें भी सामने आ रही हैं. जिले में कोरोना मरीजों की संख्या कुल 5002 पहुंच चुकी है. वहीं अभी तक 4 हजार 454 लोग ठीक हो चुके हैं. जबकि 85 लोगों की मौत भी हुई है.

छिंदवाड़ा। कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा नुकसान रोज कमाने खाने वालों का हुआ है. इनके सामने संक्रमण का तो खतरा था ही, दूसरी तरफ रोजी-रोटी चलाना भी बड़ी चुनौती थी. छिंदवाड़ा जिले में लगभग 1 महीने से लॉकडाउन लगा हुआ है. जिस वजह से कुसमैली कृषि उपज मंडी में काम करने वाले हम्मालों के सामने अब आर्थिक संकट छाने लगा है. कुसमैली मंडी में काम करने वाले करीब 1 हजार से 15 सौ हम्माल दो वक्त की रोटी के लिए भी काफी जद्दोजहद कर रहे हैं.

लगभग 1 महीने से छिंदवाड़ा बंद, हम्मालों के सामने रोजी-रोटी का संकट

मंडी में पसरा सन्नाटा

मंडी बंद होने के कारण मंडी में चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है. कुछ हम्माल बैठकर मंडी खुलने का इंतजार कर रहे हैं. काम की तलाश में बंद पड़ी मंडी में भी हम्माल इधर-उधर भटक रहे हैं. सभी व्यापारियों का भी खासा नुकसान हुआ है. व्यापारियों की दुकान में लंबे समय से ताला लगा हुआ है. हालांकि प्रशासन भी बाजार खोलना चाहता है, लेकिन कोरोना के आंकड़े लगातार जिले में तेजी से बढ़ रहे हैं.

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लगभग 1 महीने से छिंदवाड़ा बंद, हम्मालों के सामने रोजी-रोटी का संकट

छिंदवाड़ा में कोरोना संक्रमण की स्थिति

जिले में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है. यहां संक्रमण इतना भयानक रूप ले चुका है कि कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार करने वालों की संख्या रोजाना 40 से 50 के करीब पहुंच रही है. मेडिकल शॉप के बाहर लंबी कतार लगी है, सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह नहीं होने जैसी कई तस्वीरें भी सामने आ रही हैं. जिले में कोरोना मरीजों की संख्या कुल 5002 पहुंच चुकी है. वहीं अभी तक 4 हजार 454 लोग ठीक हो चुके हैं. जबकि 85 लोगों की मौत भी हुई है.

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