छिंदवाड़ा। पूर्व वित्तीय सलाहकार की एक रिपोर्ट ने इन दिनों छिंदवाड़ा नगर निगम में हड़कंप मचाया हुआ है. यहां नगर निगम छिंदवाड़ा (Municipal Corporation Chhindwara) में जल कर से प्राप्त हुए 20 लाख रुपए में भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है. दरअसल, उपभोक्ताओं से जल कर की राशि वसूली की गई थी, लेकिन 20 लाख रुपए कोषालय में जमा नहीं किए गए. इसके बाद अब नगर निगम में हड़कंप मचा हुआ है.
ऑडिट रिपोर्ट में हुआ खुलासा,20 लाख की हेराफेरी: पिछले 15 दिनों से मामले की जांच चल रही है, जिसमें उपभोक्ताओं द्वारा पटाए गए 20 लाख के भुगतान का रिकॉर्ड सामने नहीं आ रहा है. दरअसल, ये राशि उपभोक्ताओं से वसूल की गई, लेकिन उस राशि को निगम के कोषालय में जमा ही नहीं किया गया. ये प्रकरण निगम के जनप्रतिनिधियों तक पहुंचा तो वे भी चौंक गए. अब इस मामले में निगम की टीम दस्तावेजों को खंगालने में लगी है, जिसके बाद ही तय होगा कि वित्तीय सलाहकार की रिपोर्ट कितनी सही और कितनी गलत है.
करीब 40 हजार जलकर उपभोक्ता हैं: नगर निगम में तकरीबन 40 हजार जलकर उपभोक्ता हैं, जिससे हर माह 175 रुपए के हिसाब से जलकर की राशि वसूली जाती है. पिछले दिनों निगम के वित्तीय सलाहकार ने जब दस्तावेजों की जांच की तो पाया कि जो राशि उपभोक्ताओं से वसूल की गई है उसे निगम में जमा ही नहीं किया गया. 20 लाख 9 हजार 531 रुपए का अंतर सामने आया. जबकि ये रिपोर्ट सिर्फ 1 अप्रैल 2021 से लेकर 31 जनवरी 2022 तक (दस महीने) की है. रिपोर्ट में ये भी अंदेशा जताया गया है कि यदि पीछे के रिकॉर्डों की जांच की गई तो ये गड़बड़ी का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. भुगतान में हुई गड़बड़ी पर पिछले दिनों निगम अध्यक्ष धर्मेंद्र सोनू मागो ने भी दस्तावेजों का परीक्षण किया, जिसके बाद आयुक्त से पूरे मामले की जांच करने की बात कही है. इस मामले में जांच का दायरा और बढ़ सकता है. (Corruption of 20 lakh in water tax collection )