छिंदवाड़ा। नगर निगम महापौर के लिए अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशियों की खोज में जुटी हैं भाजपा और कांग्रेस. दोनों दलों के पास दावेदार ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. भाजपा में 2 नाम सामने उभरकर आ रहे हैं. समें नगर निगम में असिस्टेंट कमिश्नर अनंत धुर्वे हैं, जिनका करीब 13 महीने का कार्यकाल बाकी है. संघ के करीबी होने के साथ ही भाजपा नेताओं से नजदीकी उन्हें चुनाव में फायदा दे सकती है तो वहीं न्यायाधीश पद पर रहे प्रकाश उइके भी दावेदारी कर रहे हैं
कांग्रेस युवा चेहरे पर कर रही फोकस : प्रकाश उइके पिछले 2 सालों से लगातार समाज सेवा में जिले में सक्रिय हैं. फिलहाल वे जबलपुर में पदस्थ हैं. वहीं, कांग्रेस युवा चेहरों पर फोकस कर रही है. कांग्रेस में भी अनुसूचित जनजाति का बड़ा चेहरा नहीं होने की वजह से इस बार युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष एकलव्य आहिके और आदिवासी मोर्चा के जिला अध्यक्ष विक्रम आहिके पर कांग्रेस दांव आजमा सकती है. वहीं जुन्नारदेव के विधायक सुनील उइके भी महापौर का चुनाव लड़ने के इच्छुक नजर आ रहे हैं. उन्होंने नगर निगम क्षेत्र में मतदाता सूची में अपना नाम भी जुड़वा लिया है लेकिन सांसद नकुलनाथ युवाओं को मौका देने के मूड में नजर आ रहे हैं.
दोनों दलों में चेहरों की है तलाश : दरअसल, छिंदवाड़ा नगर निगम बनने के बाद दूसरा मौका होगा जब महापौर के लिए चुनाव होंगे. नगर निगम इलाके में अनुसूचित जनजाति का दोनों दलों के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं होने की वजह से पार्टी को मशक्कत करनी पड़ रही है. राजनीतिक जानकारों का कहना यह भी है कि अब चुनाव काफी महंगे हो गए हैं. इसी वजह से पार्टियों के पास आदिवासी चेहरे तो बहुत हैं लेकिन आर्थिक रूप से कमजोरी आड़े आ रही है. यसी वजह है कि दोनों दल आर्थिक रूप से मजबूत प्रत्याशी की तलाश कर रहे हैं. (BJP and Congress have candidate shortfall) (BJP and Congress in problem for Chhindwara Mayor)