छिंदवाड़ा। कोरोना काल के चलते सबसे ज्यादा परेशानियों से मजदूर वर्ग जूझ रहा है. ऐसे में बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए महंगे मोबाइल और इंटरनेट के लिए हर महीने अलग से खर्च करना कई परिवारों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है. ऐसे गरीब परिवारों की परेशानियों को दूर करने का छिंदवाड़ा में कॉलेज की छात्रा अंकिता ने बीड़ा उठाया है. बजरंग नगर की रहने वाली अंकिता बेले हर दिन बच्चों को इकट्ठा कर अपने मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई कराती हैं ताकि कोई बच्चा आर्थिक तंगी के चलते पढ़ाई से दूर ना रह सके.
दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल
बजरंग नगर में रहने वाले लोगों का कहना है कि मजदूरी करके मुश्किल से दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाते हैं. ऐसे समय में मोबाइल का जुगाड़ और फिर हर महीने इंटरनेट के लिए पैसे खर्च करना उनके लिए बहुत मुश्किल काम था, इसलिए बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हो पाती थी. लेकिन बजरंग नगर में रहने वाली अंकिता ने इस मुश्किल घड़ी में बच्चों को पढ़ाने का काम शुरू किया. जिसके चलते उनकी परेशानी खत्म हो गई.
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छिंदवाड़ा जिले में ऐसे कई परिवार हैं जिनके पास मोबाइल नहीं है जिनके बच्चे आज भी पढ़ाई से दूर हैं और कई गांव भी ऐसे हैं, जहां पर मोबाइल होने के बाद इंटरनेट नेटवर्क की समस्या है, जिसके चलते बच्चे पढ़ाई से दूर हैं लेकिन बजरंग नगर में बच्चों को अपने काम छोड़कर पढ़ाने का काम करने वाली अंकिता बेले समाज में मिसाल पेश की है.
120 परिवार के पास नहीं है फोन
बजरंग नगर की रहने वाली अंकिता ने बताया है कि उनके मोहल्ले में करीब 150 गरीब परिवार रहते हैं. जिनमें से 110 से 120 परिवारों के पास एंड्रॉयड फोन नहीं है. जिसके चलते उनके बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती थी. अंकिता हर दिन 10 से 15 बच्चे इकट्ठा करके स्कूल से मिलने वाला ऑनलाइन होमवर्क बच्चों को अपने मोबाइल की सहायता से कराती हैं.
बजरंग नगर के अधिकतर बच्चे पास के ही जनसेवक शासकीय स्कूल में पढ़ने जाते हैं. जहां पर पांचवी तक के बच्चों की संख्या 51 है. जिसमें से 40 बच्चे बजरंग नगर के ही रहने वाले हैं. इन्हीं बच्चों को अंकिता अपने मोबाइल के जरिए पढ़ाती हैं. बजरंग नगर के अधिकांश परिवार दिन भर मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते हैं, इसलिए उनके पास मोबाइल खरीदना और फिर इंटरनेट के लिए पैसे खर्च करना मुश्किल का काम है.