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जिंदों को 'कागज' पर मारा, खुद को जिंदा साबित करने के लिए भटक रहे लोग, पंचायत सचिव ने किया 50 लाख का घोटाला

छिंदवाड़ा जिले के बोहनाखैरी गांव में ग्राम पंचायत के अधिकारियों ने मिलकर 24 लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिए. इसके बाद संबल योजना के तहत 49 लाख 20 हजार रुपए निकाल लिए. अब पीड़ित ग्रामीण खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे है.

scam done by making fake death certificate
फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर किया घोटाला
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Published : Aug 28, 2021, 5:15 PM IST

Updated : Aug 28, 2021, 5:41 PM IST

छिंदवाड़ा। बोहनाखैरी गांव के ग्राम पंचायत सचिव और पंचायत अधिकारियों ने मिलकर कई लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर संबल योजना के तहत मिलने वाली अनुग्रह राशि निकाल ली. पीड़ित घनश्याम यादव के अनुसार सहायक सचिव ने ग्राम पंचायत के 24 लोगों का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर संबल योजना के तहत मिलने वाली राशि निकाल ली. पीड़ित का कहना है कि वह अब अपने जिंदा रहने का प्रमाण पत्र के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहै है.

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर किया घोटाला

संबल योजना के तहत मिलती है 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि

मध्य प्रदेश सरकार ने असंगठित मजदूरों के लिए संबल योजना शुरू की है. इसके तहत संबल कार्डधारियों को साधारण मौत होने पर 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाती है. इसके साथ ही अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार रुपए की राशि दी जाती है. इसके तहत मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ ही संबल कार्ड की आवश्यकता होती है. जिसे ग्राम पंचायत के माध्यम से जनपद पंचायत में भेजा जाता है.

बेटे की मौत के बाद बहू को किया संपत्ति से बेदखल, बनबाया फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र

24 लोगों के बनाए गए फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र

पीड़ित घनश्याम यादव ने बताया कि बोहनाखैरी ग्राम पंचायत के सहायक सचिव ने 24 संबल कार्डधारियों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए. फिर संबल योजना के तहत आवेदन भी किया. आवेदन के बाद ग्राम पंचायत सचिव और पंचायत अधिकारियों ने मिलकर फर्जी बैंक खाता खोलकर दो-दो लाख रुपए की अनुग्रह राशि के साथ ही अंतिम संस्कार के लिए मिलने वाले 5 हजार रुपए भी डकार लिए. कुल घोटाले की राशि 49 लाख 20 हजार बताई जा रही है.

योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर लिए दस्तावेजों

पीड़ितों का कहना है कि गांव के सह सचिव ने उनसे पेड़ों और पौधों के लिए पैसे मिलने की बात कहकर उनसे उनके आधार कार्ड और दूसरे जरूरी दस्तावेज मांगे. ग्रामीणों ने दस्तावेज दे दिए. जिसके बाद ग्राम पंचायत सचिव और पंचायत अधिकारियों ने मिलकर उनका दुरुपयोग कर पैसे निकाल लिए.

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र पेश करने पर, दो महिलाओं पर मामला दर्ज

खुद के जिंदा होने के प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे लोग

सरकारी दस्तावेजों में मरने की खबर सुनकर पूरा गांव सन्नाटे में है. खुद की मौत का दस्तावेज अपने हाथों में लेकर पीड़ित अपने जिंदा होने के सबूत के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे है. पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि अब उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे आगे क्या करें?

ग्राम पंचायत सचिव और सह सचिव के द्वारा फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर संबल योजना के तहत दी जाने वाली अंत्येष्टि सहायता और अनुग्रह राशि का आहरण कर लिया गया है. अभी तक कुल 24 लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की पुष्टि की गई है. जांच जारी है. आगे जो भी विधि सम्मत कार्रवाई होगी की जाएगी.

- सीएल मरावी, जनपद पंचायत CEO, छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा। बोहनाखैरी गांव के ग्राम पंचायत सचिव और पंचायत अधिकारियों ने मिलकर कई लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर संबल योजना के तहत मिलने वाली अनुग्रह राशि निकाल ली. पीड़ित घनश्याम यादव के अनुसार सहायक सचिव ने ग्राम पंचायत के 24 लोगों का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर संबल योजना के तहत मिलने वाली राशि निकाल ली. पीड़ित का कहना है कि वह अब अपने जिंदा रहने का प्रमाण पत्र के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहै है.

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर किया घोटाला

संबल योजना के तहत मिलती है 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि

मध्य प्रदेश सरकार ने असंगठित मजदूरों के लिए संबल योजना शुरू की है. इसके तहत संबल कार्डधारियों को साधारण मौत होने पर 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाती है. इसके साथ ही अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार रुपए की राशि दी जाती है. इसके तहत मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ ही संबल कार्ड की आवश्यकता होती है. जिसे ग्राम पंचायत के माध्यम से जनपद पंचायत में भेजा जाता है.

बेटे की मौत के बाद बहू को किया संपत्ति से बेदखल, बनबाया फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र

24 लोगों के बनाए गए फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र

पीड़ित घनश्याम यादव ने बताया कि बोहनाखैरी ग्राम पंचायत के सहायक सचिव ने 24 संबल कार्डधारियों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए. फिर संबल योजना के तहत आवेदन भी किया. आवेदन के बाद ग्राम पंचायत सचिव और पंचायत अधिकारियों ने मिलकर फर्जी बैंक खाता खोलकर दो-दो लाख रुपए की अनुग्रह राशि के साथ ही अंतिम संस्कार के लिए मिलने वाले 5 हजार रुपए भी डकार लिए. कुल घोटाले की राशि 49 लाख 20 हजार बताई जा रही है.

योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर लिए दस्तावेजों

पीड़ितों का कहना है कि गांव के सह सचिव ने उनसे पेड़ों और पौधों के लिए पैसे मिलने की बात कहकर उनसे उनके आधार कार्ड और दूसरे जरूरी दस्तावेज मांगे. ग्रामीणों ने दस्तावेज दे दिए. जिसके बाद ग्राम पंचायत सचिव और पंचायत अधिकारियों ने मिलकर उनका दुरुपयोग कर पैसे निकाल लिए.

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र पेश करने पर, दो महिलाओं पर मामला दर्ज

खुद के जिंदा होने के प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे लोग

सरकारी दस्तावेजों में मरने की खबर सुनकर पूरा गांव सन्नाटे में है. खुद की मौत का दस्तावेज अपने हाथों में लेकर पीड़ित अपने जिंदा होने के सबूत के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे है. पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि अब उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे आगे क्या करें?

ग्राम पंचायत सचिव और सह सचिव के द्वारा फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर संबल योजना के तहत दी जाने वाली अंत्येष्टि सहायता और अनुग्रह राशि का आहरण कर लिया गया है. अभी तक कुल 24 लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की पुष्टि की गई है. जांच जारी है. आगे जो भी विधि सम्मत कार्रवाई होगी की जाएगी.

- सीएल मरावी, जनपद पंचायत CEO, छिंदवाड़ा

Last Updated : Aug 28, 2021, 5:41 PM IST
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