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बेमौसम बरसात से महोबा रोड से निकलना हुआ मुश्किल, सालों से अटका है रास्ते का काम

छतरपुर जिले के लवकुशनगर में महोबा मार्ग का निर्माण काम सालों से अधूरा है. इस मार्ग के दूसरे राज्यों और कई गांवों के जोड़ने के बाद भी जनप्रतिनिधि और सरकार इसकी और ध्यान नहीं दे रही है.

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Published : Jun 6, 2020, 12:45 PM IST

chhatarpur
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छतरपुर। जिले के लवकुशनगर में वर्षो से अधूरा पड़ा महोबा मार्ग का निर्माण कार्य नही हो पा रहा है. ये रोड खजुराहो प्रसिद्व पर्यटक स्थल से लवकुशनगर होते हुये महोबा उत्तर प्रदेश को जोड़ता है, जो लवकुशनगर क्षेत्र का सर्वाधिक व्यस्ततम मार्ग है. महोबा मार्ग के अधूरा होने और उस बड़े-बड़े गढ्ढे होने के कारण दो पहिया, चार पहिया वाहनों का निकलना काफी मुश्किल रहता है. बरसात के समय में महोबा मार्ग पूर्णतः अवरुद्व हो जाता है, चूकि गढ्ढों में पानी और मिट्टी होने से पूरा रोड दलदल में तब्दील हो जाता है, जिससें वाहनो का निकलना मुश्किल रहता है.

chhatarpur
महोबा रोड

गौरतलब है कि लवकुशनगर महोबा मार्ग का कार्य पूर्व में एक कपंनी द्वारा लिया गया था, जिसको खुदवा के मार्ग कार्य अधूरा छोड़ कर कंपनी भाग गई थी, तब से यह मार्ग पूर्णतः खराब है. महोबा मार्ग मीडिया की सुर्खियों में भी बना रहा है.

सत्ताधारी पार्टी के जनप्रतिनिधियों में महोबा मार्ग को लेकर नही है रुचि

महोबा रोड यह पूरे क्षेत्र के लिये सबसे बड़ी समस्या बन कर उभरा है जिसको लेकर पीजी सेल सहित तमाम तरीकों से सरकार, जनप्रतिनिधियों को लोगों ने अवगत कराया गया, इसके बावजूद भी रोड बनवाने को लेकर जनप्रतिनिधियों ने कोई दिलचस्पी नही दिखाई दे रही है, जन प्रतिनिधियों के लिए महोबा मार्ग एक औपचारिकता ही बनता जा रही है.

बरसात के समय में रोड पूर्णतः हो जाता है अवरुद्व

बारिश के समय की बात की जाये तो महोबा मार्ग पूर्णतः बंद हो जाता है, इससे निकलना मुश्किल रहता है. बड़े बड़े गढ्ढों में पानी और मिट्टी की वजह से रोड दलदल में तब्दील हो जाता है, जिससे सैकड़ों गांव के लोग प्रभावित होते है. जिसमें ज्योराहा, दिदवारा, मिढ़का, पुरा, हरद्वार, सहित अनेको गांव वालों को मुख्यालय और लवकुशनगर आने के लिये सिर्फ एक ही रोड है जिससे लोग आते हैं, लेकिन बरसात में इमरजेंसी होने पर भी समय पर पहुंचना मुश्किल होता है.

अधूरे पड़े महोबा मार्ग में हो चुकी है अनेक दुर्घटनाएं

मार्ग अूधरा और बीच-बीच में अधूरी पटरी के अगल बगल साइड फिलिंग न होने से काफी ऊचाई है, जिससे क्रांसिंग होना संभव नही होता है. इसके कारण यहां काई बार दुर्घटनाएं भी हुई हैं, पहले बस की खिड़की से महिला ने अपना सिर बाहर निकालने पर रोड के बगल में लगे नीम के पेड़ में टकरा गया था जिसके कारण मृत्यु भी हो चुकी थी, इसके बावजूद भी प्रशासन ने महोबा मार्ग निर्माण को लेकर शीघ्रता नहीं कर रही.

कब मिलेगी समस्या से निजात

जानकारी के अनुसार महोबा रोड निर्माण कार्य का टेंडर माधव इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को टेंडर स्वीकृत हुआ है, लेकिन प्राशनिक शिथिलता के कारण औपचारिकताएं पूरी न होने से रोड निर्माण कार्य अभी तक चालू नही हो पाया. आखिर अब देखना यह है कि क्या महोबा मार्ग निर्माण में शीघ्रता लाई जायेगी या फिर सिर्फ फाइले ही चलती रहेगी और पूरे क्षेत्र की बड़ी समस्या से कब तक लोगो को निजात मिल पाएगी.

छतरपुर। जिले के लवकुशनगर में वर्षो से अधूरा पड़ा महोबा मार्ग का निर्माण कार्य नही हो पा रहा है. ये रोड खजुराहो प्रसिद्व पर्यटक स्थल से लवकुशनगर होते हुये महोबा उत्तर प्रदेश को जोड़ता है, जो लवकुशनगर क्षेत्र का सर्वाधिक व्यस्ततम मार्ग है. महोबा मार्ग के अधूरा होने और उस बड़े-बड़े गढ्ढे होने के कारण दो पहिया, चार पहिया वाहनों का निकलना काफी मुश्किल रहता है. बरसात के समय में महोबा मार्ग पूर्णतः अवरुद्व हो जाता है, चूकि गढ्ढों में पानी और मिट्टी होने से पूरा रोड दलदल में तब्दील हो जाता है, जिससें वाहनो का निकलना मुश्किल रहता है.

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महोबा रोड

गौरतलब है कि लवकुशनगर महोबा मार्ग का कार्य पूर्व में एक कपंनी द्वारा लिया गया था, जिसको खुदवा के मार्ग कार्य अधूरा छोड़ कर कंपनी भाग गई थी, तब से यह मार्ग पूर्णतः खराब है. महोबा मार्ग मीडिया की सुर्खियों में भी बना रहा है.

सत्ताधारी पार्टी के जनप्रतिनिधियों में महोबा मार्ग को लेकर नही है रुचि

महोबा रोड यह पूरे क्षेत्र के लिये सबसे बड़ी समस्या बन कर उभरा है जिसको लेकर पीजी सेल सहित तमाम तरीकों से सरकार, जनप्रतिनिधियों को लोगों ने अवगत कराया गया, इसके बावजूद भी रोड बनवाने को लेकर जनप्रतिनिधियों ने कोई दिलचस्पी नही दिखाई दे रही है, जन प्रतिनिधियों के लिए महोबा मार्ग एक औपचारिकता ही बनता जा रही है.

बरसात के समय में रोड पूर्णतः हो जाता है अवरुद्व

बारिश के समय की बात की जाये तो महोबा मार्ग पूर्णतः बंद हो जाता है, इससे निकलना मुश्किल रहता है. बड़े बड़े गढ्ढों में पानी और मिट्टी की वजह से रोड दलदल में तब्दील हो जाता है, जिससे सैकड़ों गांव के लोग प्रभावित होते है. जिसमें ज्योराहा, दिदवारा, मिढ़का, पुरा, हरद्वार, सहित अनेको गांव वालों को मुख्यालय और लवकुशनगर आने के लिये सिर्फ एक ही रोड है जिससे लोग आते हैं, लेकिन बरसात में इमरजेंसी होने पर भी समय पर पहुंचना मुश्किल होता है.

अधूरे पड़े महोबा मार्ग में हो चुकी है अनेक दुर्घटनाएं

मार्ग अूधरा और बीच-बीच में अधूरी पटरी के अगल बगल साइड फिलिंग न होने से काफी ऊचाई है, जिससे क्रांसिंग होना संभव नही होता है. इसके कारण यहां काई बार दुर्घटनाएं भी हुई हैं, पहले बस की खिड़की से महिला ने अपना सिर बाहर निकालने पर रोड के बगल में लगे नीम के पेड़ में टकरा गया था जिसके कारण मृत्यु भी हो चुकी थी, इसके बावजूद भी प्रशासन ने महोबा मार्ग निर्माण को लेकर शीघ्रता नहीं कर रही.

कब मिलेगी समस्या से निजात

जानकारी के अनुसार महोबा रोड निर्माण कार्य का टेंडर माधव इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को टेंडर स्वीकृत हुआ है, लेकिन प्राशनिक शिथिलता के कारण औपचारिकताएं पूरी न होने से रोड निर्माण कार्य अभी तक चालू नही हो पाया. आखिर अब देखना यह है कि क्या महोबा मार्ग निर्माण में शीघ्रता लाई जायेगी या फिर सिर्फ फाइले ही चलती रहेगी और पूरे क्षेत्र की बड़ी समस्या से कब तक लोगो को निजात मिल पाएगी.

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