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छतरपुर : लाखों के जमाने में महज 500 में संपन्न हो गई शादी - गढ़ीमलहरा

छतरपुर के गढ़ीमलहरा के तिवारी परिवार ने सिर्फ 500 रुपए में शादी कर समाज को एक नया संदेश दिया है.

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लाखों के जमाने में महज 500 में संपन्न हो गई शादी
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Published : Nov 28, 2019, 12:09 AM IST

छतरपुर। आज के जमाने में जहां लोग शादियों में लाखों रूपए खर्च करते हैं, वहीं जिले में एक ऐसी भी शादी हुई है. जिसका खर्च महज 500 रुपए है. न तो इस परिवार ने दहेज दिया और न ही बेहतरीन सजावट में पैसे खर्च किए.

लाखों के जमाने में महज 500 में संपन्न हो गई शादी


गढ़ीमलहरा के पड़वाहा गांव के तिवारी परिवार ने समाज के लिए एक अनोखी मिसाल पेश की है. जिसमें कटनी निवासी एक तिवारी परिवार की लड़की की शादी उसकी मौसी ने की है. रश्मि की मां का देहांत हो गया था और पिता लकवा से ग्रसित है. रश्मि की शादी करा समाज को एक संदेश दिया है इस परिवार ने. जानकारी के मुताबिक रश्मि की मां के देहांत के बाद रश्मि का लालन-पालन उसकी मौसी अर्चना तिवारी ने किया था.


रश्मि के बड़े होने के बाद उसकी मौसी अर्चना ने गढ़ीमलहरा के तिवारी परिवार से बिना दहेज की शादी के लिए रजामंद हुए से तय कर दी. जिसके बाद गढ़ीमलहरा के प्रसिद्ध बगराजन माता मंदिर से महज ₹500 के खर्च में पूरी शादी का कार्यक्रम पूरा किया गया. दूल्हा-दुल्हन ने वरमाला और अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे मंदिर में लिए.

छतरपुर। आज के जमाने में जहां लोग शादियों में लाखों रूपए खर्च करते हैं, वहीं जिले में एक ऐसी भी शादी हुई है. जिसका खर्च महज 500 रुपए है. न तो इस परिवार ने दहेज दिया और न ही बेहतरीन सजावट में पैसे खर्च किए.

लाखों के जमाने में महज 500 में संपन्न हो गई शादी


गढ़ीमलहरा के पड़वाहा गांव के तिवारी परिवार ने समाज के लिए एक अनोखी मिसाल पेश की है. जिसमें कटनी निवासी एक तिवारी परिवार की लड़की की शादी उसकी मौसी ने की है. रश्मि की मां का देहांत हो गया था और पिता लकवा से ग्रसित है. रश्मि की शादी करा समाज को एक संदेश दिया है इस परिवार ने. जानकारी के मुताबिक रश्मि की मां के देहांत के बाद रश्मि का लालन-पालन उसकी मौसी अर्चना तिवारी ने किया था.


रश्मि के बड़े होने के बाद उसकी मौसी अर्चना ने गढ़ीमलहरा के तिवारी परिवार से बिना दहेज की शादी के लिए रजामंद हुए से तय कर दी. जिसके बाद गढ़ीमलहरा के प्रसिद्ध बगराजन माता मंदिर से महज ₹500 के खर्च में पूरी शादी का कार्यक्रम पूरा किया गया. दूल्हा-दुल्हन ने वरमाला और अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे मंदिर में लिए.

Intro:जहां आज शादियों में लोग लाखों रुपए खर्च करके बेहतरीन सजावट और धूमधाम से अपनी बेटी को विदा करते हैं वही हम आपको एक ऐसी शादी के बारे में बताएंगे जिसका खर्च ₹500 आया और तिवारी परिवार ने दहेज जैसी कुरीति को तौबा कर दियाBody:दरअसल हम आपको एक ऐसी शादी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें खर्च महज ₹500 आया आज के दौर में जहां लाखों रुपए दहेज और बेहतरीन भोजन बेहतरीन सजावट के बीच शादियां होती है वही गढ़ीमलहरा क्षेत्र के पड़वाहा गांव के तिवारी परिवार में समाज के लिए एक अनोखी मिसाल पेश की है जिसमें कटनी की निवासी एक तिवारी परिवार की लड़की से जिसकी मां का देहांत हो गया था और पिता लकवा से ग्रसित था उससे शादी करके समाज को एक संदेश देने का काम किया है हम आपको बता दें की रश्मि की मां का देहांत होने के बाद रश्मि का लालन-पालन उनकी मौसी अर्चना तिवारी ने किया था जिसके बाद जब रश्मि बड़ी हो गई और शादी लायक हुई तो उनकी मौसी अर्चना ने गढ़ीमलहरा क्षेत्र के तिवारी परिवार से बिना दहेज की शादी के लिए रजामंदी हो गई और गढ़ीमलहरा के प्रसिद्ध बगराजन माता मंदिर से महज ₹500 के खर्च में पूरी शादी का कार्यक्रम निपट गया दूल्हा दुल्हन ने वरमाला और अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे बगराजन माता मंदिर में लिए दूल्हा बबलू तिवारी और दुल्हन रश्मि तिवारी अब एक दूसरे के हो गए हैं और इसी प्रकार समाज को संदेश देकर वह खर्चीली शादियों से तौबा करने की बात भी कह रहे हैंConclusion:बाइट अर्चना तिवारी (दुल्हन की मौसी)
बाइट-पूरन तिवारी (दूल्हा के पिता)
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