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अजब एमपी का गजब स्कूल, क्लास में बच्चों की जगह सालों से पड़ी हैं मृत जानवरों की हड्डियां - एमपी न्यूज

छतरपुर के चुरारन गांव में देखने को मिली, जहां स्कूल के एक अतिरिक्त क्लास में जानवरों की हड्डियां पड़ी है. एडीएम ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है.

स्कूल के क्लास में हड्डी पड़ी
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Published : Aug 3, 2019, 9:37 PM IST

Updated : Aug 4, 2019, 12:01 AM IST

छतरपुर। केंद्र और राज्य सरकार भले ही ग्रामीणों क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए लाख जतन कर रही है.लेकिन ग्रामीणों क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्थाओं का हाल बेहाल है. तभी आए दिन प्रदेश के कई हिस्सों से अजब एमपी के गजब स्कूलों की कहानी सुनने को मिलती है. ऐसी ही बानगी छतरपुर के चुरारन गांव में देखने को मिली, जहां स्कूल के एक अतिरिक्त क्लास में जानवरों की हड्डियां पड़ी है.


छतरपुर जिले के छोटे से गांव चुरारन में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो ना सिर्फ शिक्षा व्यवस्था बल्कि स्कूल प्रबंधन पर भी सवाल खड़े करता है. दरअसल राजनगर जनपद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव चुरारन में एक प्राइमरी स्कूल के अतिरिक्त क्लास में सालों से जानवरों की हड्डियां भरी पड़ी है. लेकिन स्कूल प्रबंधन आज तक उन हड्डियों को वहां से अलग नहीं कर पाया है.

स्कूल के क्लास में हड्डी पड़ी


वहीं स्कूली बच्चों के मुताबिक करीब 2 साल पहले से यहां पर हड्डियां पड़ी हुई है. कई बार तो यहां मृत जानवर भी मृत पड़े रहते हैं. स्कूल प्रबंधन ने कभी भी इस और ध्यान नहीं दिया. तभी दो साल बीत जाने के बाद भी स्कूल के एकस्ट्रा क्लास में सालों पहले मरी गाय के अवशेष आज भी मौजूद है. इतना ही नहीं स्कूल के बच्चों का कहना है कि शिक्षक बच्चों से ही झाड़ू और खाने के बर्तन साफ करवाते हैं.


प्रभारी प्राचार्य हीरालाल अनुरागी का कहना है कि स्कूल में कोई चपरासी मौजूद नहीं है. इसी वजह से बच्चों से ही झाड़ू लगानी पड़ती है और बच्चे ही बर्तन साफ करते हैं. वहीं इस मामले में एडीएम प्रेम सिंह चौहान ने मामले को गंभीर बताते हुए जिला शिक्षा अधिकारी से बात कर कार्रवाई की बात कही है.

छतरपुर। केंद्र और राज्य सरकार भले ही ग्रामीणों क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए लाख जतन कर रही है.लेकिन ग्रामीणों क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्थाओं का हाल बेहाल है. तभी आए दिन प्रदेश के कई हिस्सों से अजब एमपी के गजब स्कूलों की कहानी सुनने को मिलती है. ऐसी ही बानगी छतरपुर के चुरारन गांव में देखने को मिली, जहां स्कूल के एक अतिरिक्त क्लास में जानवरों की हड्डियां पड़ी है.


छतरपुर जिले के छोटे से गांव चुरारन में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो ना सिर्फ शिक्षा व्यवस्था बल्कि स्कूल प्रबंधन पर भी सवाल खड़े करता है. दरअसल राजनगर जनपद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव चुरारन में एक प्राइमरी स्कूल के अतिरिक्त क्लास में सालों से जानवरों की हड्डियां भरी पड़ी है. लेकिन स्कूल प्रबंधन आज तक उन हड्डियों को वहां से अलग नहीं कर पाया है.

स्कूल के क्लास में हड्डी पड़ी


वहीं स्कूली बच्चों के मुताबिक करीब 2 साल पहले से यहां पर हड्डियां पड़ी हुई है. कई बार तो यहां मृत जानवर भी मृत पड़े रहते हैं. स्कूल प्रबंधन ने कभी भी इस और ध्यान नहीं दिया. तभी दो साल बीत जाने के बाद भी स्कूल के एकस्ट्रा क्लास में सालों पहले मरी गाय के अवशेष आज भी मौजूद है. इतना ही नहीं स्कूल के बच्चों का कहना है कि शिक्षक बच्चों से ही झाड़ू और खाने के बर्तन साफ करवाते हैं.


प्रभारी प्राचार्य हीरालाल अनुरागी का कहना है कि स्कूल में कोई चपरासी मौजूद नहीं है. इसी वजह से बच्चों से ही झाड़ू लगानी पड़ती है और बच्चे ही बर्तन साफ करते हैं. वहीं इस मामले में एडीएम प्रेम सिंह चौहान ने मामले को गंभीर बताते हुए जिला शिक्षा अधिकारी से बात कर कार्रवाई की बात कही है.

Intro:ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र एवं राज्य सरकारें शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए भले ही लगातार प्रयास कर रही हूं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था का स्थल आज भी न सिर्फ निचले दर्जे का है बल्कि आज भी कई स्कूलों में पानी भरने से लेकर झाड़ू एवं बर्तन सफाई जैसा काम बच्चों से ही कराया जाता है!


Body:शासकीय स्कूल में अव्यवस्थाओं को लेकर हम सभी ने कई मामले देखे होंगे लेकिन मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के छोटे से गांव चुरारन में एक ऐसा मामला सामने आया है जो ना सिर्फ शिक्षा व्यवस्था बल्कि स्कूल प्रबंधन पर भी सवाल खड़ा करता है!

दरअसल राजनगर जनपद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव चुरारन में एक प्राइमरी स्कूल के अतिरिक्त कक्ष में सालों से जानवरों की हड्डियां भरी पड़ी है लेकिन स्कूल प्रबंधन आज तक उन हड्डियों को वहां से अलग नहीं कर पाया है! बच्चों की माने तो लगभग 2 साल पहले से यहां पर यह हड्डियां पड़ी हुई है और कई बार तो जानवर भी इन कमरों में आकर मरे पड़े सड़ते रहे लेकिन स्कूल प्रवंधन ने कभी भी इस और ध्यान नही दिया!

2 साल बीत जाने के बाद भी स्कूल के अतिरिक्त कक्ष में सालों पहले मरी गाय के अवशेष आज भी मौजूद है जरा सोचिए ऐसे में गांव से आने वाले बच्चे किस तरह से इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है! इतना ही नहीं स्कूल के बच्चों का कहना है कि स्कूल के शिक्षक बच्चों से ही झाड़ू एवं बर्तन साफ करवाते हैं!

बाइट_महेंद्र प्रजापति
बाइट_प्रवेश पटेल छात्र

वही स्कूल के प्रभारी प्राचार्य हीरालाल अनुरागी बताते हैं कि स्कूल में कोई चपरासी मौजूद नहीं है इसी वजह से बच्चों से ही झाड़ू लगानी पड़ती है और बच्चे ही बर्तन साफ करते हैं प्रभारी प्राचार्य की मानें तो जिस अतिरिक्त कक्ष में हड्डियां पड़ी हुई है वह पिछले 2 सालों से वहां मौजूद है लेकिन आज तक किसी ने भी उन्हें वहां से हटाने की कोशिश नहीं की!


मामले में जब छतरपुर एडीएम प्रेम सिंह चौहान से बात की तो उन्होंने मामले को बेहद गंभीर बताते हुए तुरंत जिला शिक्षा अधिकारी से बात करने के बाद कार्यवाही की बात कही है!

बाइट_एडीएम प्रेम सिंह चौहान


Conclusion:स्कूल के कमरे में हड्डियां होने के मामले में भले ही छतरपुर जिले के एडीएम जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रहे हो लेकिन सोचने वाली बात यह है कि 2 सालों में ना तो स्कूल के प्राचार्य एवं स्टाफ ने उस कमरे से हड्डियों को हटाने की कोशिश भी नहीं की!
Last Updated : Aug 4, 2019, 12:01 AM IST
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