छतरपुर। नौगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गांव में एक 4 वर्षीय मासूम के साथ हुई दरिंदगी और हत्या के मामले में लापरवाही बरतने वाले नौगांव टीआई बैजनाथ शर्मा को निलंबित किया गया था, निलंबित टीआई का कहना है कि उन्हें राजनीतिक दबाव की वजह से निलंबित किया गया है. साथ बैजनाथ ने एसडीओपी श्रीनाथ पर आरोप भी लगाएं हैं.
निलंबित नौगांव टीआई बैजनाथ शर्मा का कैमरे पर दर्द झलका है एसडीओपी श्री नाथ बघेल पर आरोप लगाते हुए कहा एसडीओपी ने उन्हें अंधेरे में रखा है और उन पर यह कार्रवाई राजनीतिक दबाव के तहत की गई है. नौगांव टीआई बैजनाथ शर्मा का कहना कि वह भी सजग थे और उनके द्वारा लगातार इस घटना के संबंध में जानकारी ली जा रही थी. यह घटना पहले एक हादसा लग रही थी, इस कारण उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण करना उचित नहीं समझा था.
इस मामले में जैसे ही उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली और इसमें दुष्कर्म और हत्या की बात सामने आई तब उन्होंने तुरंत इस पूरे मामले से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया और पुलिस अधीक्षक कुमार सौरभ के साथ उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण भी किया. घटना में मर्ग कायम करके जांच की जा रही थी, जैसे भी तथ्य सामने आ रहे थे उनके हिसाब से जांच जारी थी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था.
बैजनाथ ने उनके निलंबन के बाद आरोप लगाया है कि जैसे ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तुरंत ही मामला कायम कर दिया गया, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते मामले को अलग ही रंग दे दिया गया और राजनीतिक द्वेष के चलते मुझपर कार्रवाई करने के लिए राजनेताओं ने दबाव बनाना शुरू कर दिया. टीआई ने अपने निलंबन को एक गहरी साजिश बताया है और उन्होंने कहा है कि उनके एरिया में दो-दो कंटेनमेंट जोन हैं, जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी दी उन्हीं की है उनका कहना है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच सैकड़ों ऐसे काम हैं, जिनके कारण उनके लिए हर स्थान पर मौजूद रहना संभव नहीं था.
निलंबित टीआई का कहना है कि जब एसडीओपी महोदय को इस पूरे मामले की जानकारी थी तो उन्होंने क्यों नहीं जांच अधिकारी को इस मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए, उनका कहना था कि उन्हें अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर पूरा भरोसा है और उनके साथ न्याय किया जाएगा, क्योंकि उन्होंने पूरी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाई है और ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के चलते आज आरक्षक से लेकर निरीक्षक तक की पोस्ट पर पहुंचे हैं.