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बड़ामलहरा विधानसभाः यहां बसपा ने मुकाबले को बनाया त्रिकोणीय, साध्वी के सिपाही की 'साध्वी' से टक्कर

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Published : Oct 19, 2020, 8:44 PM IST

छतरपुर जिले की बड़ामलहरा विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी के इस्तीफे चलते उपचुनाव हो रहा है. जहां कांग्रेस ने बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह लोधी के खिलाफ साध्वी रामसिया भारती को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं बसपा के अखंड प्रताप यादव के मैदान में होने से यहां मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है. देखिए बड़ामलहरा से ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट....

बड़ामलहरा का मुकाबला
बड़ामलहरा का मुकाबला

छतरपुर। मध्य प्रदेश की जिन 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें छतरपुर जिले की बड़ामलहरा विधानसभा सीट भी शामिल है, जो पूर्व विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी के इस्तीफे से खाली हुई है. इस सीट पर दूसरी बार उपचुनाव हो रहा है. लिहाजा बड़ामलहरा में दोनों दल बीजेपी और कांग्रेस उपचुनाव में पूरी ताकत लगा रहे हैं, जबकि बहुजन समाज पार्टी की तरफ से अखंड प्रताप सिंह यादव के चुनाव मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है.

बड़ामलहरा विधानसभा सीट

2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव जीते प्रद्युम्न सिंह लोधी कमलनाथ सरकार गिरने के कुछ दिनों बाद विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए, जो उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर उपचुनाव लड़ रहे हैं. जिनके खिलाफ कांग्रेस ने साध्वी रामसिया भारती को मैदान में उतारा है.

प्रद्युम्न सिंह लोधी, बीजेपी प्रत्याशी
प्रद्युम्न सिंह लोधी, बीजेपी प्रत्याशी

ये भी पढ़ेंः सुरखी विधानसभाः यहां दल बदलकर मैदान में उतरे प्रत्याशी, दांव पर सिंधिया के सिपाही की साख

बीजेपी के दबदबे वाली सीट है बड़ामलहरा

बड़ा मलहरा विधानसभा सीट के सियासी इतिहास की बात जाए तो यह सीट बीजेपी के दबदबे वाली सीट मानी जाती है. यहां पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के प्रभाव वाली सीट मानी जाती है. वे खुद भी यहां से विधायक रह चुकी हैं. बड़ा मलहरा में अब तक हुए 14 चुनाव में से 12 बार बीजेपी ने चुनाव जीता है, तो एक बार कांग्रेस और एक बार जनशक्ति पार्टी के प्रत्याशी को मौका मिला था.

रामसिया भारती, कांग्रेस प्रत्याशी
रामसिया भारती, कांग्रेस प्रत्याशी

जातिगत समीकरण होते हैं अहम

बुंदेलखंड अंचल की सीट होने की वजह से बड़ामलहरा में जातीय समीकरण का सतुलन बनाना बड़ी चुनौती माना जाता है, क्योंकि इस सीट पर लोधी और यादव मतदाता सबसे ज्यादा हैं तो अनुसूचित जाति के मतदाता भी चुनावों में प्रभावी भूमिका निभाते हैं. लिहाजा बीजेपी और कांग्रेस ने लोधी समाज से आने वाले प्रत्याशियों को मौका दिया है. तो बसपा ने यादव वर्ग के अखंड प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया है.

बड़ामलहरा में अब तक 14 चुनाव हुए हैं
बड़ामलहरा में अब तक 14 चुनाव हुए हैं

ये भी पढ़ेंः ग्वालियर विधानसभा सीटः चेहरा वही निशान नया, दांव पर है सिंधिया के सच्चे सिपाही की साख

बड़ामलहरा के मतदाता

वहीं बात अगर बड़ामलहरा विधानसभा सीट के मतदाताओं की जाए तो यहां कुल मतदाता 2 लाख 07 हजार 38 हैं. जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1लाख 11 हजार 670 है. तो महिला मतदाताओं की संख्या 95 हजार 361 है, जो उपचुनाव में अपने नए विधायक का चयन करेंगे.

बड़ामलहरा के जातिगत समीकरण
बड़ामलहरा के जातिगत समीकरण

जनता फिर देगी आशीर्वादः प्रद्युम्न सिंह लोधी

बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह लोधी कहते हैं कि उन्होंने बड़ामलहरा क्षेत्र की जनता के लिए हमेशा संघर्ष किया है. इसलिए जनता उन्हें फिर से आशीर्वाद देगी. कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले प्रद्युम्न सिंह लोधी शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया है, उन्हें खाद्य आपूर्ति निगम का अध्यक्ष बनाया गया है.

बड़ामलहरा के मतदाता
बड़ामलहरा के मतदाता

ये भी पढ़ेंः मेहगांव विधानसभाः बड़ा फैक्टर है जातिगत समीकरण, बीजेपी के ओपीएस के सामने कांग्रेस के हेमंत कटारे

बड़ामलहरा की जनता के साथ धोखा हुआ- रामसिया भारती

बड़ामलहरा से कांग्रेस प्र्त्याशी रामसिया भारती भी अपनी जीत के प्रति आश्वास्त नजर आ रही हैं. वे कहती हैं कि प्रद्युम्न सिंह लोधी ने यहां जनता के वोट को बेचने का काम किया है. बड़ामलहरा की जनता के साथ धोखा हुआ है. इसलिए जनता समझदार है और इस बार मतदान समझदारी से करेगी.

राजनीतिक जानकारों की राय

वहीं बड़ामलहरा के सियासी समीकरणों पर राजनीतिक जानकार संजय रिछारिया कहते हैं कि बीजेपी-कांग्रेस के प्रत्याशी लोधी वर्ग से आते हैं, लेकिन बसपा उम्मीदवार अंखड प्रताप यादव के आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है, क्योंकि यहां यादव वर्ग के मतदाता भी प्रभावी भूमिका में रहते हैं. ऐसे में फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि कोन सा प्रत्याशी मजबूत है.

ये भी पढ़ेंः मांधाता विधानसभा सीटः बीजेपी-कांग्रेस में दिख रहा कांटे का मुकाबला, विकास बनाम धोखा बड़ा मुद्दा

2018 में कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव लड़े प्रद्युम्न सिंह लोधी बीजेपी प्रत्याशी पूर्व मंत्री ललिता यादव को बड़े मार्जिन से चुनाव हराया था, लेकिन वे बाद में बीजेपी में आ गए और उन्हें शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया. प्रद्युम्न सिंह लोधी पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के करीबी माने जाते हैं. हालांकि उमा भारती कोविड की वजह से उनके पक्ष में प्रचार करने नहीं आ पायी, जिससे यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मंत्री गोपाल भार्गव ने मोर्चा संभाल रखा है, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी रामसिया भारती के को जीत दिलाने की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कंधों पर है.

हालांकि कांग्रेस ने यहां पूर्व मंत्री हर्ष यादव और बुंदेलखंड के विधायकों प्रचार में लगा रखा है. लिहाजा हालांकि दोनों प्रत्याशियों में किस्मत किसकी चमकेगी इसका पता तो 10 नवंबर को ही पता चलेगा.

छतरपुर। मध्य प्रदेश की जिन 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें छतरपुर जिले की बड़ामलहरा विधानसभा सीट भी शामिल है, जो पूर्व विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी के इस्तीफे से खाली हुई है. इस सीट पर दूसरी बार उपचुनाव हो रहा है. लिहाजा बड़ामलहरा में दोनों दल बीजेपी और कांग्रेस उपचुनाव में पूरी ताकत लगा रहे हैं, जबकि बहुजन समाज पार्टी की तरफ से अखंड प्रताप सिंह यादव के चुनाव मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है.

बड़ामलहरा विधानसभा सीट

2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव जीते प्रद्युम्न सिंह लोधी कमलनाथ सरकार गिरने के कुछ दिनों बाद विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए, जो उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर उपचुनाव लड़ रहे हैं. जिनके खिलाफ कांग्रेस ने साध्वी रामसिया भारती को मैदान में उतारा है.

प्रद्युम्न सिंह लोधी, बीजेपी प्रत्याशी
प्रद्युम्न सिंह लोधी, बीजेपी प्रत्याशी

ये भी पढ़ेंः सुरखी विधानसभाः यहां दल बदलकर मैदान में उतरे प्रत्याशी, दांव पर सिंधिया के सिपाही की साख

बीजेपी के दबदबे वाली सीट है बड़ामलहरा

बड़ा मलहरा विधानसभा सीट के सियासी इतिहास की बात जाए तो यह सीट बीजेपी के दबदबे वाली सीट मानी जाती है. यहां पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के प्रभाव वाली सीट मानी जाती है. वे खुद भी यहां से विधायक रह चुकी हैं. बड़ा मलहरा में अब तक हुए 14 चुनाव में से 12 बार बीजेपी ने चुनाव जीता है, तो एक बार कांग्रेस और एक बार जनशक्ति पार्टी के प्रत्याशी को मौका मिला था.

रामसिया भारती, कांग्रेस प्रत्याशी
रामसिया भारती, कांग्रेस प्रत्याशी

जातिगत समीकरण होते हैं अहम

बुंदेलखंड अंचल की सीट होने की वजह से बड़ामलहरा में जातीय समीकरण का सतुलन बनाना बड़ी चुनौती माना जाता है, क्योंकि इस सीट पर लोधी और यादव मतदाता सबसे ज्यादा हैं तो अनुसूचित जाति के मतदाता भी चुनावों में प्रभावी भूमिका निभाते हैं. लिहाजा बीजेपी और कांग्रेस ने लोधी समाज से आने वाले प्रत्याशियों को मौका दिया है. तो बसपा ने यादव वर्ग के अखंड प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया है.

बड़ामलहरा में अब तक 14 चुनाव हुए हैं
बड़ामलहरा में अब तक 14 चुनाव हुए हैं

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बड़ामलहरा के मतदाता

वहीं बात अगर बड़ामलहरा विधानसभा सीट के मतदाताओं की जाए तो यहां कुल मतदाता 2 लाख 07 हजार 38 हैं. जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1लाख 11 हजार 670 है. तो महिला मतदाताओं की संख्या 95 हजार 361 है, जो उपचुनाव में अपने नए विधायक का चयन करेंगे.

बड़ामलहरा के जातिगत समीकरण
बड़ामलहरा के जातिगत समीकरण

जनता फिर देगी आशीर्वादः प्रद्युम्न सिंह लोधी

बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह लोधी कहते हैं कि उन्होंने बड़ामलहरा क्षेत्र की जनता के लिए हमेशा संघर्ष किया है. इसलिए जनता उन्हें फिर से आशीर्वाद देगी. कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले प्रद्युम्न सिंह लोधी शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया है, उन्हें खाद्य आपूर्ति निगम का अध्यक्ष बनाया गया है.

बड़ामलहरा के मतदाता
बड़ामलहरा के मतदाता

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बड़ामलहरा की जनता के साथ धोखा हुआ- रामसिया भारती

बड़ामलहरा से कांग्रेस प्र्त्याशी रामसिया भारती भी अपनी जीत के प्रति आश्वास्त नजर आ रही हैं. वे कहती हैं कि प्रद्युम्न सिंह लोधी ने यहां जनता के वोट को बेचने का काम किया है. बड़ामलहरा की जनता के साथ धोखा हुआ है. इसलिए जनता समझदार है और इस बार मतदान समझदारी से करेगी.

राजनीतिक जानकारों की राय

वहीं बड़ामलहरा के सियासी समीकरणों पर राजनीतिक जानकार संजय रिछारिया कहते हैं कि बीजेपी-कांग्रेस के प्रत्याशी लोधी वर्ग से आते हैं, लेकिन बसपा उम्मीदवार अंखड प्रताप यादव के आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है, क्योंकि यहां यादव वर्ग के मतदाता भी प्रभावी भूमिका में रहते हैं. ऐसे में फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि कोन सा प्रत्याशी मजबूत है.

ये भी पढ़ेंः मांधाता विधानसभा सीटः बीजेपी-कांग्रेस में दिख रहा कांटे का मुकाबला, विकास बनाम धोखा बड़ा मुद्दा

2018 में कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव लड़े प्रद्युम्न सिंह लोधी बीजेपी प्रत्याशी पूर्व मंत्री ललिता यादव को बड़े मार्जिन से चुनाव हराया था, लेकिन वे बाद में बीजेपी में आ गए और उन्हें शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया. प्रद्युम्न सिंह लोधी पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के करीबी माने जाते हैं. हालांकि उमा भारती कोविड की वजह से उनके पक्ष में प्रचार करने नहीं आ पायी, जिससे यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मंत्री गोपाल भार्गव ने मोर्चा संभाल रखा है, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी रामसिया भारती के को जीत दिलाने की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कंधों पर है.

हालांकि कांग्रेस ने यहां पूर्व मंत्री हर्ष यादव और बुंदेलखंड के विधायकों प्रचार में लगा रखा है. लिहाजा हालांकि दोनों प्रत्याशियों में किस्मत किसकी चमकेगी इसका पता तो 10 नवंबर को ही पता चलेगा.

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