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मनोकामना पूरी करता है ये पेड़, मन्नत पूरी होते ही बांधी जाती है जंजीर - सच्चे मन से प्रार्थना

छतरपुर जिले से 22 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव वरट में लगा एक पेड़ वर्षों से आस्था का केंद्र बना हुआ है. लोग अपनी मनोकामना के लिए इस पेड़ से मन्नत मांगते हैं.

मनोकामना पूरी करने वाला पेड़
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Published : Aug 26, 2019, 3:08 AM IST

छतरपुर। भारत में वृक्षों को लेकर विभिन्न प्रकार की मान्यताएं हैं, लेकिन आज आपको लगभग डेढ़ सौ साल पुराने पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे लोग मनोकामना पूरी करने वाला पेड़ कहते हैं. इच्छा पूरी होने के बाद इस पेड़ पर लोहे की जंजीर भी लगानी पड़ती हैं और इसी के चलते इस पेड़ पर लाखों सांग (लोहे की मोटी जंजीर) लटाकाई जा चुकी हैं, कुछ तो पेड़ के तने के विकास में उसके अंदर समा चुकी हैं.

मनोकामना पूरी करने वाला पेड़


स्थानीय लोगों की माने तो कई जंजीरें पेड़ के अंदर समा गई हैं. ग्रामीणों का कहना है कि ये पेड़ लगभग सौ से डेढ़ सौ साल पुराना है, जिससे लोग मनोकामना पूरी करने के लिए मन्नतें मांगते हैं. मनोकामना पूरी होने पर पेड़ में सांग लगाने आई गीता बताती हैं कि उन्होंने बच्चे की मन्नत मांगी थी और अब उन्हें लड़का हुआ है और इसी वजह से अपने बेटे और पति के साथ यहां सांग लगाने के लिए आई हैं.


गांव में ही रहने वाला एक युवक बृजेंद्र विश्वकर्मा बताता है कि ईश्वर के प्रति लोगों में गहरी आस्था है दूर-दूर से लोग अपनी मनोकामना लेकर यहां पर आते हैं और जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो यहां पर सांग लगाने के लिए आते हैं बृजेंद्र की माने तो यह पेड़ कितने साल पुराना है इसकी सही जानकारी तो बुजुर्ग लोग ही दे सकते हैं, लेकिन वे अपने जन्म के बाद से ही इस पेड़ को इसी तरह से देख रहे हैं.


गांव में ही रहने वाले 75 साल के बुजुर्ग सुखनंदन बताते हैं कि इस पेड़ की अपनी एक अलग महिमा है जब भी लोग यहां पर आकर अपनी कोई मन्नत मांगते हैं तो वह अवश्य पूरी होती है, यही वजह है कि लोगों ने अब तक यहां पर कई टन लोहे की सांग जंजीरें लगा दी हैं.


वैसे तो पेड़ इंसान के जीवन में बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. वातावरण के अलावा शुद्ध ऑक्सीजन भी देते हैं, लेकिन वरट गांव का है ये पेड़ लोगों की मनोकामनाएं भी पूरी करता है. लोगों का मानना है कि जब भी इस पेड़ से कोई सच्चे मन से प्रार्थना करता है तो उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है.

छतरपुर। भारत में वृक्षों को लेकर विभिन्न प्रकार की मान्यताएं हैं, लेकिन आज आपको लगभग डेढ़ सौ साल पुराने पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे लोग मनोकामना पूरी करने वाला पेड़ कहते हैं. इच्छा पूरी होने के बाद इस पेड़ पर लोहे की जंजीर भी लगानी पड़ती हैं और इसी के चलते इस पेड़ पर लाखों सांग (लोहे की मोटी जंजीर) लटाकाई जा चुकी हैं, कुछ तो पेड़ के तने के विकास में उसके अंदर समा चुकी हैं.

मनोकामना पूरी करने वाला पेड़


स्थानीय लोगों की माने तो कई जंजीरें पेड़ के अंदर समा गई हैं. ग्रामीणों का कहना है कि ये पेड़ लगभग सौ से डेढ़ सौ साल पुराना है, जिससे लोग मनोकामना पूरी करने के लिए मन्नतें मांगते हैं. मनोकामना पूरी होने पर पेड़ में सांग लगाने आई गीता बताती हैं कि उन्होंने बच्चे की मन्नत मांगी थी और अब उन्हें लड़का हुआ है और इसी वजह से अपने बेटे और पति के साथ यहां सांग लगाने के लिए आई हैं.


गांव में ही रहने वाला एक युवक बृजेंद्र विश्वकर्मा बताता है कि ईश्वर के प्रति लोगों में गहरी आस्था है दूर-दूर से लोग अपनी मनोकामना लेकर यहां पर आते हैं और जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो यहां पर सांग लगाने के लिए आते हैं बृजेंद्र की माने तो यह पेड़ कितने साल पुराना है इसकी सही जानकारी तो बुजुर्ग लोग ही दे सकते हैं, लेकिन वे अपने जन्म के बाद से ही इस पेड़ को इसी तरह से देख रहे हैं.


गांव में ही रहने वाले 75 साल के बुजुर्ग सुखनंदन बताते हैं कि इस पेड़ की अपनी एक अलग महिमा है जब भी लोग यहां पर आकर अपनी कोई मन्नत मांगते हैं तो वह अवश्य पूरी होती है, यही वजह है कि लोगों ने अब तक यहां पर कई टन लोहे की सांग जंजीरें लगा दी हैं.


वैसे तो पेड़ इंसान के जीवन में बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. वातावरण के अलावा शुद्ध ऑक्सीजन भी देते हैं, लेकिन वरट गांव का है ये पेड़ लोगों की मनोकामनाएं भी पूरी करता है. लोगों का मानना है कि जब भी इस पेड़ से कोई सच्चे मन से प्रार्थना करता है तो उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है.

Intro:कहते हैं भारत किस्से कहानियों का देश है यहां हर चीज से जुड़ी हुई कोई ना कोई कहानी जरूर होती है भारत में पेड़ पौधों को लेकर भी विभिन्न प्रकार की मान्यताएं एवं कहानियां हैं लेकिन आज हम आपको जिस पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं लोग इसे मनोकामना पूरी करने वाला पेड़ कहते हैं यही वजह है कि इस पेड़ पर लाखों लोगों ने कई टर्न लोहे की जंजीरें बांध दी!


Body:छतरपुर जिले से महज 22 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव में लगा एक पेड़ इन दोनों लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है लोग अपनी मनोकामना के लिए उस पेड़ से मन्नत मांगते हैं और जब मन्नत पूरी हो जाती है तो वहां जाकर हिंदू ही की सांग जंजीर पेड़ पर लगा देते हैं!

पेड़ में भीड़ में अब तक लाखों की संख्या में लोहे की जंजीरें सांग लोग लगा चुके हैं गांव के लोगों की माने तो कई जंजीरे तो पेड़ के अंदर समा गई हैं जब यह पेड़ छोटा था तब से लोग इसमें सांग(लोहे की मोटी जंजीर) लगाते हुए आ रहे हैं!

ग्रामीणों का कहना है कि लगभग सौ से डेढ़ सौ वर्ष पुराना है और तभी से लोग यहां पर अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मन्नतें मांगते हैं और मनोकामना पूरी हो जाने के बाद इस पेड़ पर जंजीर बांध जाते हैं!

मनोकामना पूरी होने पर पेड़ में सांग लगाने आई गीता कुशवाहा बताती हैं कि उन्होंने बच्चे की मन्नत मांगी थी और अब उन्हें लड़का हुआ है और इसी वजह से अपने बेटे एवं पति के साथ यहां पर सांग लगाने के लिए आई हैं!

बाइट_गीता कुशवाहा

गांव में ही रहने वाला एक युवक बृजेंद्र विश्वकर्मा बताता है कि ईश्वर के प्रति लोगों में गहरी आस्था है दूर-दूर से लोग अपनी मनोकामना मांगने के लिए यहां पर आते हैं और जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो यहां पर सांग लगाने के लिए आते हैं बृजेंद्र की माने तो यह पेड़ कितने साल पुराना है इसका सही सही जानकारी तो बुजुर्ग लोग ही दे सकते हैं लेकिन वह अपने जन्म के बाद से ही इस पेड़ को इसी प्रकार से देख रहे हैं!

बाइट_ब्रजेंद्र विश्वकर्मा

गांव में ही रहने वाले 75 साल के बुजुर्ग सुखनंदन बताते हैं कि इस पेड़ की अपनी एक अलग महिमा है जब भी लोग यहां पर आकर अपनी कोई मनोकामना या मन्नत मांगते हैं तो वह अवश्य पूरी होती है यही वजह है कि लोगों ने अब तक यहां पर कई टन लोहे की सांग जंजीरें लगा दी हैं!

बाइट_सुखनन्दन बुजुर्ग ग्रामीण




Conclusion: वैसे तो पेड़ इंसान के जीवन में बेहद महत्वपूर्ण होते हैं वातावरण के अलावा शुद्ध ऑक्सीजन भी देते हैं लेकिन वरट गांव का है पेड़ लोगों की मनोकामनाएं भी पूरी करता है लोगों का मानना है कि जब भी स्पीड से कोई सच्चे मन से प्रार्थना करता है तो उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है!
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