छतरपुर। भारत में वृक्षों को लेकर विभिन्न प्रकार की मान्यताएं हैं, लेकिन आज आपको लगभग डेढ़ सौ साल पुराने पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे लोग मनोकामना पूरी करने वाला पेड़ कहते हैं. इच्छा पूरी होने के बाद इस पेड़ पर लोहे की जंजीर भी लगानी पड़ती हैं और इसी के चलते इस पेड़ पर लाखों सांग (लोहे की मोटी जंजीर) लटाकाई जा चुकी हैं, कुछ तो पेड़ के तने के विकास में उसके अंदर समा चुकी हैं.
स्थानीय लोगों की माने तो कई जंजीरें पेड़ के अंदर समा गई हैं. ग्रामीणों का कहना है कि ये पेड़ लगभग सौ से डेढ़ सौ साल पुराना है, जिससे लोग मनोकामना पूरी करने के लिए मन्नतें मांगते हैं. मनोकामना पूरी होने पर पेड़ में सांग लगाने आई गीता बताती हैं कि उन्होंने बच्चे की मन्नत मांगी थी और अब उन्हें लड़का हुआ है और इसी वजह से अपने बेटे और पति के साथ यहां सांग लगाने के लिए आई हैं.
गांव में ही रहने वाला एक युवक बृजेंद्र विश्वकर्मा बताता है कि ईश्वर के प्रति लोगों में गहरी आस्था है दूर-दूर से लोग अपनी मनोकामना लेकर यहां पर आते हैं और जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो यहां पर सांग लगाने के लिए आते हैं बृजेंद्र की माने तो यह पेड़ कितने साल पुराना है इसकी सही जानकारी तो बुजुर्ग लोग ही दे सकते हैं, लेकिन वे अपने जन्म के बाद से ही इस पेड़ को इसी तरह से देख रहे हैं.
गांव में ही रहने वाले 75 साल के बुजुर्ग सुखनंदन बताते हैं कि इस पेड़ की अपनी एक अलग महिमा है जब भी लोग यहां पर आकर अपनी कोई मन्नत मांगते हैं तो वह अवश्य पूरी होती है, यही वजह है कि लोगों ने अब तक यहां पर कई टन लोहे की सांग जंजीरें लगा दी हैं.
वैसे तो पेड़ इंसान के जीवन में बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. वातावरण के अलावा शुद्ध ऑक्सीजन भी देते हैं, लेकिन वरट गांव का है ये पेड़ लोगों की मनोकामनाएं भी पूरी करता है. लोगों का मानना है कि जब भी इस पेड़ से कोई सच्चे मन से प्रार्थना करता है तो उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है.