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ठंड से बर्बाद हुई पान की खेती, परिवार के भरण-पोषण को परेशान किसान

पिछले दिनों बुंदेलखंड में पड़ी कड़ाके की ठंडी एवं कोहरा पान की खेती करने वाले किसानों के लिए मुसीबत साबित हुई है, छतरपुर में पान की खेती लगभग 90% तबाह हो गई है और अब पान की खेती करने वाले किसान खासे परेशान हैं.

Betel farming
पान की खेती
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Published : Jan 14, 2020, 11:48 PM IST

छतरपुर। जिले के महाराजपुर विधानसभा में गढ़ी मलहरा और महाराजपुर दो ऐसी तहसीलें हैं, जहां मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बड़े पैमाने पर पान की खेती की जाती है. पिछले दिनों कड़ाके की ठंड और कोहरे ने पान की खेती को तबाह कर दिया है. महाराजपुर और गढ़ी मलहरा में रहने वाले किसान ज्यादातर पान की खेती करते हैं और इसे खेती से वह अपने परिवार का भरण पोषण भी करते हैं.

Betel farming wasted
ठंड से बर्बाद की पान की खेती

यहां का पान पूरे भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भेजा जाता है, वहीं पान की खेती करने वाले किसान अब ना सिर्फ परेशान हैं बल्कि तबाह हो चुकी अपनी पान की खेती को देखकर अपने नसीब को भी कोस रहे हैं.

ठंड से पान की खेती बर्बाद

किसान भरत चौरसिया बताते हैं कि अचानक जिस तरह से ठंडी बढ़ी और कोहरा हुआ, उसने पूरे पान की खेती को तबाह कर दिया है. फसल को ठंड लग गई जिसकी वजह से ना सिर्फ पान में दाग लगा बल्कि मौसम खुलने पर सारे पत्ते अपने आप जमीन पर गिर जाएंगे, जिनकी बाजार में कीमत एक आने भी नहीं होगी.

महाराजपुर में एक बार फिर से बारिश हुई है. ठंड और कोहरा बढ़ने लगा है. अब किसानों को इस बात का डर है कि जो 5 प्रतिशत खेती उनकी बची है, वह भी ठंड की भेंट चढ़ जाएगी.

छतरपुर। जिले के महाराजपुर विधानसभा में गढ़ी मलहरा और महाराजपुर दो ऐसी तहसीलें हैं, जहां मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बड़े पैमाने पर पान की खेती की जाती है. पिछले दिनों कड़ाके की ठंड और कोहरे ने पान की खेती को तबाह कर दिया है. महाराजपुर और गढ़ी मलहरा में रहने वाले किसान ज्यादातर पान की खेती करते हैं और इसे खेती से वह अपने परिवार का भरण पोषण भी करते हैं.

Betel farming wasted
ठंड से बर्बाद की पान की खेती

यहां का पान पूरे भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भेजा जाता है, वहीं पान की खेती करने वाले किसान अब ना सिर्फ परेशान हैं बल्कि तबाह हो चुकी अपनी पान की खेती को देखकर अपने नसीब को भी कोस रहे हैं.

ठंड से पान की खेती बर्बाद

किसान भरत चौरसिया बताते हैं कि अचानक जिस तरह से ठंडी बढ़ी और कोहरा हुआ, उसने पूरे पान की खेती को तबाह कर दिया है. फसल को ठंड लग गई जिसकी वजह से ना सिर्फ पान में दाग लगा बल्कि मौसम खुलने पर सारे पत्ते अपने आप जमीन पर गिर जाएंगे, जिनकी बाजार में कीमत एक आने भी नहीं होगी.

महाराजपुर में एक बार फिर से बारिश हुई है. ठंड और कोहरा बढ़ने लगा है. अब किसानों को इस बात का डर है कि जो 5 प्रतिशत खेती उनकी बची है, वह भी ठंड की भेंट चढ़ जाएगी.

Intro:पिछले दिनों बुंदेलखंड में पड़ी कड़ाके की ठंडी एवं कोहरा पान की खेती करने वाले किसानों के लिए मुसीबत साबित हुई है पान की खेती लगभग 90% तबाह हो गई है और अब पान की खेती करने वाले किसान खासे परेशान हैं!

तुम ही मुआवजे के नाम पर भी स्थानीय प्रशासन किसानों के साथ सिर्फ मजाक ही कर रहा है!


Body:छतरपुर जिले के महाराजपुर विधानसभा में गढ़ी मलहरा एवं महाराजपुर दो ऐसी तहसीलें हैं जहां मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बड़े पैमाने पर पान की खेती की जाती है और यहां का पान पूरे भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भेजा जाता है यही पान की खेती करने वाले अब किसान ना सिर्फ परेशान हैं बल्कि तबाह हो चुकी अपनी पान की खेती को देखकर अपने नसीब को भी खुश रहे हैं!

महाराजपुर एवं गढ़ी मलहरा में रहने वाले किसान ज्यादातर पान की खेती करते हैं और इसे खेती से वह अपने परिवार का भरण पोषण भी करते हैं लेकिन पिछले दिनों कड़ाके की ठंड एवं कोहरे ने पान की खेती को तबाह कर दिया है पान की खेती करने वाले किसानों की मानें तो उन्हें ना सर भारी नुकसान हुआ है बल्कि इतना भी पान खेत में नहीं है कि उसका बीज बन सके!

पान की खेती करने वाले एक किसान भरत चौरसिया बताते हैं कि सब कुछ ठीक चल रहा था इस बार उम्मीद थी कि अच्छी पान की खेती होगी लेकिन अचानक जिस तरह से ठंडी बड़ी और कोहरा हुआ उसने पूरे पान की खेती को तबाह कर दिया है भरत बताते हैं कि उन्हें उम्मीद थी कि इस वर्ष उनकी पान की खेती में उन्हें मोटा मुनाफा होगा लेकिन इसके ठीक विपरीत हुआ किसान की मानें तो उसकी फसल को ठंड लग गई जिसके वजह से नसरत पान में दाग लगा बल्कि मौसम खुलने पर सारे पत्ते अपने आप जमीन पर गिर जाएंगे जिनकी बाजार में कीमत एक आने भी नहीं होगी!

किसान भारत का कहना है कि पान की खेती में 90 से 95% तक का नुकसान हुआ है फसल लगभग खत्म हो चुकी है ऐसे में उम्मीद है कि शायद सरकार कोई मदद कर सकेगी लेकिन जिस तरीके से सरकार के द्वारा पान के नुकसान पर मुआवजा देने की बात कही जाती है उससे तो बीज का खर्चा भी नहीं निकल सकता!




Conclusion: जिनके महाराजपुर में एक बार फिर से बारिश हुई है ठंडी एवं कोहरा बढ़ने लगा है अब किसानों को इस बात का डर है कि जो 5% खेती उनकी बची है वह भी ठंडी की भेंट चढ़ जाएगी!
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