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नीम के पेड़ से निकल रहा दूध ! ग्रामीण बता रहे चमत्कार, बोतलों में भरकर ले जा रहे घर - बीमारी

नीम के पेड़ से बड़ी मात्रा में दूध जैसा पदार्थ निकल रहा है. गांव के लोग इसे चमत्कार मानकर पेड़ से निकलने वाले दूध जैसे तरल पदार्थ को बोतलों में भरकर अपने-अपने घरों में ले जा रहे हैं.

नीम के पेड़ से निकल रहा दूध
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Published : Mar 13, 2019, 2:32 PM IST

छतरपुर। जिले में इन दिनों नीम का एक पेड़ खासा चर्चाओं में है. दूरदराज से लोग इस पेड़ को देखने के लिए आ रहे हैं. नीम के पेड़ से बड़ी मात्रा में दूध जैसा पदार्थ निकल रहा है. दूर से देखने पर ऐसा लगता है मानों नीम के पेड़ से दूध की मोटी धारा बह रही हो.

नीम के पेड़ से निकल रहा दूध


नीम के पेड़ से दूध निकलने की खबर आसपास के गांव में फैल गई है. गांव के लोग इसे चमत्कार मानकर पेड़ से निकलने वाले दूध जैसे तरल पदार्थ को बोतलों में भरकर अपने-अपने घरों में ले जा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यह पदार्थ बेहद उपयोगी है और चर्म रोगों और शरीर की अन्य बीमारियों के इलाज के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है.


इस संबंध में वनस्पति शास्त्र के प्रोफेसर पुष्पेंद्र खरे ने बताया कि यह किसी प्रकार का चमत्कार नहीं है, बल्कि एक प्राकृतिक क्रिया है, जो अमूमन इस मौसम में पेड़ों में होती है. हालांकि उन्होंने ये जरूर माना कि इस पेड़ में इस पदार्थ का रिसाव कुछ ज्यादा हो रहा है. उन्होंने बताया कि इस मौसम में पेड़ से उस पानी का रिसाव होता है, जो वह अपने अंदर विपरीत परिस्थितियों में सोख लेते हैं. उन्होंने बताया कि निकलने वाला पदार्थ लाभकारी है और इससे चर्म रोग दूर हो सकते हैं और बुखार में भी इसका उपयोग किया जा सकता है.

छतरपुर। जिले में इन दिनों नीम का एक पेड़ खासा चर्चाओं में है. दूरदराज से लोग इस पेड़ को देखने के लिए आ रहे हैं. नीम के पेड़ से बड़ी मात्रा में दूध जैसा पदार्थ निकल रहा है. दूर से देखने पर ऐसा लगता है मानों नीम के पेड़ से दूध की मोटी धारा बह रही हो.

नीम के पेड़ से निकल रहा दूध


नीम के पेड़ से दूध निकलने की खबर आसपास के गांव में फैल गई है. गांव के लोग इसे चमत्कार मानकर पेड़ से निकलने वाले दूध जैसे तरल पदार्थ को बोतलों में भरकर अपने-अपने घरों में ले जा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यह पदार्थ बेहद उपयोगी है और चर्म रोगों और शरीर की अन्य बीमारियों के इलाज के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है.


इस संबंध में वनस्पति शास्त्र के प्रोफेसर पुष्पेंद्र खरे ने बताया कि यह किसी प्रकार का चमत्कार नहीं है, बल्कि एक प्राकृतिक क्रिया है, जो अमूमन इस मौसम में पेड़ों में होती है. हालांकि उन्होंने ये जरूर माना कि इस पेड़ में इस पदार्थ का रिसाव कुछ ज्यादा हो रहा है. उन्होंने बताया कि इस मौसम में पेड़ से उस पानी का रिसाव होता है, जो वह अपने अंदर विपरीत परिस्थितियों में सोख लेते हैं. उन्होंने बताया कि निकलने वाला पदार्थ लाभकारी है और इससे चर्म रोग दूर हो सकते हैं और बुखार में भी इसका उपयोग किया जा सकता है.

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