छतरपुर। चंदला विधानसभा के मदरापुर गांव में सड़क ना होने से बरसात के दिनों में ग्रामीणों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. गांव में अगर कोई बीमार पड़ता है तो ग्रामीण उसे खटिया पर लिटा कर ले जाते हैं. गांव के लोगों का कहना है कि, गांव में सड़क और स्वास्थ्य सेवाएं बेहद खराब हैं. बीमार होने पर लोगों को खटिया या पीठ पर लादकर ले जाना पड़ता है. MP Health System
हकीकत में नहीं बदले दावे: गांव के लोगों की मानें तो यहां कई साल बीत गए, कई सरकार आई गईं, दावे किए लेकिन आज तक वे दावे हकीकत में नहीं बदले. स्वास्थ्य केंद्र यहां से लगभग 8 किलोमीटर दूर चंदला में है. बीमार होने पर एंबुलेंस 5 किलोमीटर दूर गांव के बाहर खड़ी हो जाती है. एंबुलेंस तक पहुंचने के लिए गांव के लोगों को दलदल से भरी सड़क को पार कराने के लिए मरीज को खटिया पर रखकर लाना पड़ता है.
गांव के लोगों को खटिया का सहारा: इस गांव की जनसंख्या लगभग 250 के आसपास है, लेकिन सड़क ना होने के कारण बीमार एवं गर्भवती महिलाओं को जान जोखिम में डालकर अस्पताल ले जाना पड़ता है. गर्भवती महिलाएं तो अस्पताल भी नहीं जा पाती हैं. कई महिलाओं को गांव में ही अपना प्रसव कराना पड़ जाता है. बीमार ग्रामीण एक-दूसरे को खटिया पर लेकर सड़क पार करते हैं. MP Health System
गांवों के हाल बेहाल: सरपंच अवधेश पटेल का कहना है कि, वह पहली बार सरपंच बने हैं. इससे पहले गांव में सरपंच कोई दूसरा था. इन्हें उम्मीद है कि, इस बार वह इस गांव में सड़क बनवा सकेंगे. जिससे लोगों की समस्याएं दूर हो जाएं. सरपंच का कहना है कि मदरापुरवा के पास ही एक दूसरा गांव दशरथ पुरवा है. इसकी जिसकी जनसंख्या लगभग 800 के आसपास है. यहां पर भी ठीक ऐसे ही हालात है. हालांकि उस गांव की पंचायत सिमरिया लगती है, लेकिन हालात बिल्कुल एक जैसे हैं.