छतरपुर। जिले की ग्राम पंचायत दिदवारा क्रेशर मंडी अक्सर विवादों में बनी रहती है. यहां के क्रेसर संचालकों को न तो प्रशासन का भय है और न ही नियमों की चिंता है. मध्यप्रदेश सरकार को करोड़ों का चूना लगाते हुए यहां माइनिंग की जाती है. दिदवारा में स्थित एमपी मिनरल्स की एक खुली पड़ी खदान में एक ही परिवार के दो भाई और एक बहन डूब गए, जिसकी जानकारी पास के खेत में काम कर रहे किसान को लगी. उसने खदान में कूदकर तीनों बच्चों को निकाला और जिला अस्पताल महोबा भिजवाया.
क्रेशर संचालकों के खिलाफ रोष : अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने महिमा पिता विक्रम चौरसिया (उम्र 11 साल) व अंश पिता विक्रम चौरसिया (उम्र 9साल) को मृत घोषित कर दिया. एक अन्य आर्यन पिता विक्रम चौरसिया (उम्र 8वर्ष) की हालत नाज़ुक होने की स्थिति में प्राथमिक उपचार के बाद झांसी रेफर कर दिया गया है. इस हादसे के बाद गांव में क्रेशर मंडी संचालक के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है. लोगों ने क्रेशर संचालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. इसके साथ ही पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है.
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ग्रामीणों की शिकायतों पर सुनवाई नहीं : बता दें कि अधिकतर क्रेशर संचालक और खदान मालिक अधिक मुनाफा कमाने के लालच में खदान बंद होने की स्थिति में उसे खुला छोड़ देते हैं, जिससे अक्सर हादसे होते रहते हैं. गांव वाले ऐसी खुली खदानों को बंद करने की मांग करते हैं. जिला प्रशासन से शिकायत करते हैं लेकिन ये लोग इतने दबंग व पैसे वाले होते हैं कि इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती. ग्रामीणों का कहना है कि खुली खदानें प्रशासन को सही तरीके से बंद करानी चाहिए