छतरपुर। जिले के सरवई तहसील के गोहाना गांव में रहने वाले चौहान परिवार की 2 महिलाएं पिछले 5 सालों से एक ढाबा चला रही हैं. ये पिछले 5 सालों से ना सिर्फ अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए एक मिसाल बनकर भी उभरी हैं.
ढाबा चलाने वाली मोहिनी बाई बताती हैं कि पिछले 5 सालों से ढ़ाबा को संचालित कर रही हैं. उनके घर में तीन लोग हैं वह उनकी बेटी और उनका एक छोटा बेटा. पति की हत्या के बाद बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई. कई सालों तक उन्होंने मेहनत-मजदूरी की, लेकिन पिछले 5 सालों से वह अपनी बेटी की मदद से यह ढ़ाबा संचालित कर जीवन यापन कर रही हैं.
अपनी मां के साथ ढ़ाबे को संचालित करने वाली जानकी सिंह बताती हैं कि पिछले 5 सालों से अपनी मां का सहयोग कर रही हैं और लगातार इसको संचालित करती आ रही हैं. जानकी की ग्रेजुएशन हो चुकी है और वह शिक्षक बनना चाहती हैं.