छतरपुर। जटाशंकर धाम में पावन त्रिवेणी गंगा के नाम से 3 जलकुंड मौजूद हैं, जिसे श्रद्धालु गंगा, जमुना, सरस्वती के संगम के नाम से भी पुकारते हैं. छतरपुर से 51 किलोमीटर दूर बिजावर में स्थित तीर्थ जटाशंकर धाम अपने आप में चमत्कारों से भरा पड़ा है. श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां के पानी से नहाने से पेट से लेकर चर्म रोगों तक से छुटकारा मिलता है.
जटाशंकर धाम में जलकुंड है, जिसमें पूरे सालभर पर्याप्त पानी भरा रहता है. लोगों की इसमें काफी आस्था है. उनका मानना है कि इस जल से नहाने से कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं. लोग इस जल को भोलेनाथ को चढ़ाते भी हैं. श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं और जलकुंड का पानी बोतलों में भरकर ले जाते हैं. भीषण गर्मी में कुंड का पानी खत्म नहीं होता है. जहां पूरे देश में पानी को लेकर हाहाकार मचा रहता है, तो वहीं जलकुंड में जल हरदम भरा रहता है.
वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस जलकुंड के पानी की जांच की. जांच में उन्होंने पाया कि इस जलकुंड में जो पानी रहता है, वो जंगलों और पहाड़ों से प्रवाहित होकर जलकुंड तक पहुंचता है. इसके कारण पानी कई तरह की जड़ी-बूटियों के साथ घुल-मिलकर यहां तक पहुंचकर श्रद्धालुओं को लाभ पहुंचता है.
यहां पर गौ मुख भी स्थित है. जिसके गाय के मुंह से पवित्र जल पूरे वर्ष भर गिरता रहता है, जिसमें नहाने से श्रद्धालुओं को सुख-शांति और आनंद की प्राप्ति होती है.