छतरपुर। हिंद फर्नीशर्स जिले की एक ऐसी फर्नीचर दुकान है, जिसकी अपनी एक अलग पहचान है. इस दुकान की नींव आजादी के एक साल बाद 1948 में डाली गई थी. दुकान के मालिक जमुना प्रसाद श्रीवास्तव के बेटे उपेंद्र श्रीवास्तव कहते हैं कि पहले उनके पिता अंग्रेजों के शासनकाल में कृषि विभाग में नौकरी करते थे, लेकिन बाद में उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी. उसके बाद 15 अगस्त 1947 में भारत आजाद हुआ और उसके एक साल बाद 1948 में जमुना प्रसाद श्रीवास्तव ने फर्नीचर की इस दुकान को शुरू किया. फर्नीचर का जनक नाम से जिले में ये दुकान मशहूर है.
जमुना प्रसाद श्रीवास्तव के बेटे उपेन्द्र श्रीवास्तव बताते हैं कि उनके पिताजी चाहते थे कि कुछ अच्छा काम करें जिससे उनका नाम हो और लोग उन्हें आगे याद रखें. शुरुआत में इस व्यवसाय में ज्यादा कमाई नहीं होती थी, लेकिन कड़ी मेहनत ने इस व्यवसाय को ऊंचाईयों तक पहुंचाया.
छतरपुर की सबसे पुराने फर्नीचर की दुकान को अन्य दुकानदार अपना गुरू मानते हुए अपना व्यवसाय करते हैं. हिंद फर्नीशर्स का फर्नीचर पूरे भारत में बेहतरीन क्वॉलिटी और मजबूती के लिए जाना जाता है. यही वजह है कि मध्यप्रदेश के अलावा देश के अन्य राज्यों से भी लोग इसका फर्नीचर लेते हैं.