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पानी में भीग रही हजारों साइकिलें, फिर छात्र कैसे करेंगे स्कूली की दूरी तय

छतरपुर जिले के बिजावर बीआरसी केंद्र में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. वहां के बीआरसी केंद्र में छात्र-छात्राओं को वितरित किए जाने के लिए रखी हजारों साइकिले पानी में भीग रही है. जिससे उनमें जंग लगने का खतरा है.

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Published : Jul 4, 2019, 7:12 PM IST

पानी में भीग रही छात्रों को वितरित होने वाली हजारों साइकिलें

छतरपुर। जिले के बिजावर से शिक्षा विभाग और बीआरसी की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. बिजावर बीआरसी केंद्र में छात्रों को वितरित की जाने वाली हजारों साइकिलें पिछले दो दिनों से बारिश में भीग रही हैं. जिससे साइकिलों में जंग लगने का खतरा है. मामले को गंभीरता से लेते हुए छतरपुर जिले के एडीएम प्रेम सिंह चौहान ने साइकिलों को वहां से हटाकर सुरक्षित स्थान पर रखने की बात कही है.

पानी में भीग रही हजारों साइकिलें, फिर छात्र कैसे करेंगे स्कूली की दूरी तय

एडीएम प्रेम सिंह चौहान ने मामले की जांच के निर्देश दिए जाने की बात भी कही है. पिछले दो दिनों से पूरे छतरपुर जिले में लगातार बारिश हो रही है. लेकिन बीआरसी केंद्र में खुले मैदान में रखी इन साइकिलों पर प्रशासन का जरा भी ध्यान नहीं गया. हजारों की संख्या में रखी ये साइकिलें फिलहाल पानी में भीग ही रही है. अगर हालात ऐसे ही रहे तो न सिर्फ इन साइकिलों में जंग लग जाएगी बल्कि यह तमाम साइकिलें गुणवत्ता विहीन भी हो जाएगी. जिसका लाभ शायद ही छात्र-छात्राओं को मिल सके.

साइकिलों को तैयार करने वाले मजदूरों का कहना है कि वे पिछले 15 दिनों से इन साइकिलों को तैयार कर रहे हैं. एक साइकिल को तैयार करने के लिए उन्हें 75 रुपए दिए जाते हैं. उन्होंने बताया कि साइकिलों का निर्माण बड़े पैमाने पर किया गया है. इसलिए इन्हें रखने के लिए भी बड़ी जगह की जरुरत है.

छतरपुर। जिले के बिजावर से शिक्षा विभाग और बीआरसी की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. बिजावर बीआरसी केंद्र में छात्रों को वितरित की जाने वाली हजारों साइकिलें पिछले दो दिनों से बारिश में भीग रही हैं. जिससे साइकिलों में जंग लगने का खतरा है. मामले को गंभीरता से लेते हुए छतरपुर जिले के एडीएम प्रेम सिंह चौहान ने साइकिलों को वहां से हटाकर सुरक्षित स्थान पर रखने की बात कही है.

पानी में भीग रही हजारों साइकिलें, फिर छात्र कैसे करेंगे स्कूली की दूरी तय

एडीएम प्रेम सिंह चौहान ने मामले की जांच के निर्देश दिए जाने की बात भी कही है. पिछले दो दिनों से पूरे छतरपुर जिले में लगातार बारिश हो रही है. लेकिन बीआरसी केंद्र में खुले मैदान में रखी इन साइकिलों पर प्रशासन का जरा भी ध्यान नहीं गया. हजारों की संख्या में रखी ये साइकिलें फिलहाल पानी में भीग ही रही है. अगर हालात ऐसे ही रहे तो न सिर्फ इन साइकिलों में जंग लग जाएगी बल्कि यह तमाम साइकिलें गुणवत्ता विहीन भी हो जाएगी. जिसका लाभ शायद ही छात्र-छात्राओं को मिल सके.

साइकिलों को तैयार करने वाले मजदूरों का कहना है कि वे पिछले 15 दिनों से इन साइकिलों को तैयार कर रहे हैं. एक साइकिल को तैयार करने के लिए उन्हें 75 रुपए दिए जाते हैं. उन्होंने बताया कि साइकिलों का निर्माण बड़े पैमाने पर किया गया है. इसलिए इन्हें रखने के लिए भी बड़ी जगह की जरुरत है.

Intro: छतरपुर जिले के बिजावर में शिक्षा विभाग एवं बीआरसी की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है जहां हजारों की संख्या में खुले में रखी साइकिल है पिछले 2 दिनों से लगातार बारिश का पानी खा रही हैं जिसकी वजह से ना सिर्फ साइकिलें खराब हो रही है बल्कि खुले में पड़ा सामान गुणवत्ता भी विहीन हो रहा है! मामले को गंभीरता से लेते हुए छतरपुर जिले के एडीएम प्रेम सिंह चौहान ने साइकिलों को वहां से हटाकर सुरक्षित स्थान पर रखने की बात कही है साथ ही दोबारा ऐसी लापरवाही ना हो दोबारा ऐसी लापरवाही ना हो इसके लिए दोबारा ऐसी लापरवाही ना हो इसके लिए सख्त निर्देश भी दिए हैं!


Body: छतरपुर जिले के बिजावर BRC केंद्र में शिक्षा का नया सत्र शुरू होते ही छात्र एवं छात्राओं को साइकिलें वितरित की जानी है ताकि दूरदराज से आने वाले छात्र एवं छात्राएं समय पर स्कूल आकर बेहतर शिक्षा ग्रहण कर सकें इसके लिए हजारों की संख्या में साइकिलों को वितरित करने के लिए संकुल में ही रख दिया गया है और अभी भी साइकिलों को बनाने का कार्य जारी है!

बीआरसी केंद्र के मैदान में रखी यह साइकिलें है एवं उनके पार्ट्स पिछले 2 दिनों से लगातार हो रही बारिश में खराब हो रहे हैं कुछ साइकिले तो अधिक बारिश की वजह से आज ही डूब भी गई हैं और अगर हालात ऐसे ही रहे तो न सिर्फ जंग लग जाएगी बल्कि यह तमाम साइकिलें गुणवत्ता विहीन भी हो जाएगी!

आपको बता दें कि शिक्षा विभाग साइकिलों को बनाने का जो काम अभी कर आ रहा है उसे यह काम 1 महीने पहले ही करा लेना था और साइक्लो को सुरक्षित स्थान पर रख देना चाहिए था लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते हजारों की संख्या में यह साइकिलें बारिश का पानी खा रही है जिससे इनके पार्ट्स खराब हो रहे हैं!

साइक्लो को तैयार करने वाले मजदूर बताते हैं कि वह पिछले 15 दिनों से इन साइकिलों को तैयार कर रहे हैं और एक साइकिल तैयार करने के एवज में उन्हें ₹75 दिए जाते हैं चूंकि इन साइकिलों के बनाने एवं रखने के लिए बड़े मैदान की आवश्यकता होती है इसलिए इन्हें बीआरसी के ग्राउंड नहीं रख दिया गया है!

बाइट_साइकिल बनाने वाले मजदूर

इस संबंध में जब अपने शिक्षा विभाग से बात करने की कोशिश की तो शिक्षा विभाग के किसी भी अधिकारी ने कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया लेकिन जब हमने छतरपुर एडीएम प्रेम सिंह चौहान को मामले से अवगत कराया तो उन्होंने गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात करने की बात कही और तुरंत साइकिलों को सुरक्षित स्थान पर रखने के निर्देश भी दिए!

बाइट_एडीएम प्रेम सिंह चौहान




Conclusion:शिक्षा विभाग एवं बीआरसी की लापरवाही के चलते हजारों की संख्या में बीआरसी के मैदान में पड़ी साइकिलें पिछले 2 दिनों से बारिश का पानी खा रही हैं जिससे कि न सिर्फ साइकिल की गुणवत्ता खराब हो रही है बल्कि उनके पार्ट्स भी खराब हो रहे हैं!
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