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18 दिनों से खुले आसमान के नीचे धरना दे रहे किसान

खुले आसमान के नीचे पिछले 18 दिनों से कुछ किसान धरने पर बैठे है. प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि उनका यह धरना कृषि कानून के खिलाफ और दिल्ली में धरने पर बैठे किसानों के समर्थन में है.

Farmers protesting
धरना दे रहे किसान
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Published : Jan 31, 2021, 7:43 PM IST

छतरपुर। दिल्ली में जारी किसान आंदोलन का असर मध्य प्रदेश में भी लगातार देखने को मिल रहा है. बुंदेलखंड में पिछले 18 दिनों से किसान धरने पर बैठे है. प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि उनका यह धरना कृषि कानून के खिलाफ और दिल्ली में धरने पर बैठे किसानों के समर्थन में है.

जिला अस्पताल के सामने पिछले 18 दिनों से किसान कड़कड़ाती ठंड में धरने पर बैठे हैं. किसान नेता अमित भटनागर का कहना है कि उनका यह धरना केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून के खिलाफ है. इस धरने को लेकर उन्होंने जिला प्रशासन से बकायदा अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने मानव अधिकारों का हनन करते हुए गैर संवैधानिकपूर्ण रवैया अपनाया.

धरना दे रहे किसान

4 दिनों से जिले भर में तापमान लगातार गिरता जा रहा है, लेकिन ऐसी ठंड में किसान खुले आसमान के नीचे धरने पर बैठे हैं. किसान नेता अमित भटनागर का कहना है कि खुले आसमान के नीचे धरना देने की वजह से लगातार उनके साथी किसानों की तबीयत खराब हो रही है. कई किसानों को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती भी कराया जा चुका है, लेकिन प्रशासन पूरी तरह से तानाशाह रुख अपनाते हुए ना तो हमें पंडाल लगाने की अनुमति दे रहा है और ना ही हम से किसी तरह की बातचीत कर रहा है.

तहसीलदार संजय शर्मा का कहना है कि अगर इन किसानों को पंडाल लगाकर बैठने की अनुमति नहीं दी गई है, तो उसके पीछे कोई प्रशासनिक कारण होगा. अनिश्चितकालीन के लिए किसी भी धरने को अनुमति नहीं दी जा सकती.

छतरपुर। दिल्ली में जारी किसान आंदोलन का असर मध्य प्रदेश में भी लगातार देखने को मिल रहा है. बुंदेलखंड में पिछले 18 दिनों से किसान धरने पर बैठे है. प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि उनका यह धरना कृषि कानून के खिलाफ और दिल्ली में धरने पर बैठे किसानों के समर्थन में है.

जिला अस्पताल के सामने पिछले 18 दिनों से किसान कड़कड़ाती ठंड में धरने पर बैठे हैं. किसान नेता अमित भटनागर का कहना है कि उनका यह धरना केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून के खिलाफ है. इस धरने को लेकर उन्होंने जिला प्रशासन से बकायदा अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने मानव अधिकारों का हनन करते हुए गैर संवैधानिकपूर्ण रवैया अपनाया.

धरना दे रहे किसान

4 दिनों से जिले भर में तापमान लगातार गिरता जा रहा है, लेकिन ऐसी ठंड में किसान खुले आसमान के नीचे धरने पर बैठे हैं. किसान नेता अमित भटनागर का कहना है कि खुले आसमान के नीचे धरना देने की वजह से लगातार उनके साथी किसानों की तबीयत खराब हो रही है. कई किसानों को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती भी कराया जा चुका है, लेकिन प्रशासन पूरी तरह से तानाशाह रुख अपनाते हुए ना तो हमें पंडाल लगाने की अनुमति दे रहा है और ना ही हम से किसी तरह की बातचीत कर रहा है.

तहसीलदार संजय शर्मा का कहना है कि अगर इन किसानों को पंडाल लगाकर बैठने की अनुमति नहीं दी गई है, तो उसके पीछे कोई प्रशासनिक कारण होगा. अनिश्चितकालीन के लिए किसी भी धरने को अनुमति नहीं दी जा सकती.

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