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पान की बिक्री पर प्रतिबंध से नाराज होकर सड़कों पर उतरे किसान

छतरपुर जिले के महाराजपुर में पान की खेती करने वाले किसानों ने सड़कों पर उतर कर चार सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें प्रमुख रूप से पान की बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की है.

Farmers protest to remove ban on sale of betel leaf in chhatarpur
महाराजपुर के किसान पान की बिक्री से प्रतिबंध हटाने को लेकर सड़कों पर उतरे
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Published : Jun 5, 2020, 2:02 AM IST

छतरपुर। जिले के महाराजपुर में पान की खेती करने वाले किसानों ने सड़कों पर उतर कर चार सूत्री मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें प्रमुख रूप से पान की बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की है. पान किसानों का कहना है कि पान दुकान खोलने की अनुमति नहीं मिलने से उनके पान खेत में ही नष्ट हो रहे हैं. जिससे उन्हें काफी नुकसान हो रहा है. अगर ऐसे ही हालात रहे तो आने वाले दिनों में उनके परिवार को भूखे रहने की नौबत आ जाएगी.

सड़कों पर उतरे पान उत्पादक किसान

दरअसल, छतरपुर जिले के गढ़ीमलहरा और महाराजपुर में पान की अत्यधिक खेती होती है. यहां का पान देश के कई हिस्सों में जाता है. लेकिन लॉकडाउन के चलते पान की बिक्री पर प्रतिबंध लगा है. जिस वजह से किसानों का पान खेत में ही नष्ट हो रहा है. पान किसान मुकेश चौरसिया का कहना है उन्हें केवल पान की बिक्री करने की अनुमति दे दी जाए. ताकि वह अपने और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें. अगर अनुमति नहीं दी जाती है तो उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ जाएगी. वहीं कुछ किसानों का कहना है कि शराब की बिक्री से प्रतिबंध हटा दिया गया है, तो पान की बिक्री में प्रतिबंध क्यों लगाया गया है, इससे भी प्रतिबंध हटना चाहिए क्योंकि पान में तो औषधीय गुण होता है. इसके बावजूद भी पांन से प्रतिबंध नहीं हटाया गया है.

मजबूरी में सड़कों पर उतरे

चौरसिया समाज के जिला अध्यक्ष माणिक चौरसिया का कहना है कि उन्होंने पिछले कई दिनों से लगातार प्रशासन को ज्ञापन देकर प्रतिनिधि मंडल के माध्यम से सरकार को किसानों को हो रही समस्या को लेकर अवगत कराया है. लेकिन प्रशासन ने उनकी मांगे नहीं सुनी तो मजबूरन सड़कों पर उतरने को बाध्य होना पड़ा है. बता दें कि मध्य प्रदेश के कई जिलों में पान की बिक्री से प्रतिबंध हटा दिया गया है. लेकिन छतरपुर जिले में पान की बिक्री पर अभी भी प्रतिबंधित है. मध्यप्रदेश शासन ने तंबाकू युक्त पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था. पान की दुकान भी इसी श्रेणी में आती है. लेकिन पान किसानों का कहना है कि पान मीठा भी लगाया जाता है. वह तंबाकू युक्त नहीं लगाएंगे, लेकिन उन्हें पान की बिक्री करने की अनुमति दी जाए. जिससे उनका व्यापार पहले की तरफ फिर से पटरी पर लौट सकें.

Farmers protest to remove ban on sale of betel leaf in chhatarpur
महाराजपुर के किसान पान की बिक्री से प्रतिबंध हटाने को लेकर सड़कों पर उतरे

एसडीएम ने मांगे पूरी करने का दिया आश्वासन

प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों का कहना है, दो महीने के लॉकडाउन के कारण पान किसानों को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है. यही वजह है कि परेशान पान किसानों ने महाराजपुर में पान की बिक्री से प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया. हालांकि घंटों प्रदर्शन के बाद मौके पर पहुंचे एसडीएम बीपी गंगेले ने किसानों को समझाइश देकर तीन दिन में उनकी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया है.

छतरपुर। जिले के महाराजपुर में पान की खेती करने वाले किसानों ने सड़कों पर उतर कर चार सूत्री मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें प्रमुख रूप से पान की बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की है. पान किसानों का कहना है कि पान दुकान खोलने की अनुमति नहीं मिलने से उनके पान खेत में ही नष्ट हो रहे हैं. जिससे उन्हें काफी नुकसान हो रहा है. अगर ऐसे ही हालात रहे तो आने वाले दिनों में उनके परिवार को भूखे रहने की नौबत आ जाएगी.

सड़कों पर उतरे पान उत्पादक किसान

दरअसल, छतरपुर जिले के गढ़ीमलहरा और महाराजपुर में पान की अत्यधिक खेती होती है. यहां का पान देश के कई हिस्सों में जाता है. लेकिन लॉकडाउन के चलते पान की बिक्री पर प्रतिबंध लगा है. जिस वजह से किसानों का पान खेत में ही नष्ट हो रहा है. पान किसान मुकेश चौरसिया का कहना है उन्हें केवल पान की बिक्री करने की अनुमति दे दी जाए. ताकि वह अपने और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें. अगर अनुमति नहीं दी जाती है तो उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ जाएगी. वहीं कुछ किसानों का कहना है कि शराब की बिक्री से प्रतिबंध हटा दिया गया है, तो पान की बिक्री में प्रतिबंध क्यों लगाया गया है, इससे भी प्रतिबंध हटना चाहिए क्योंकि पान में तो औषधीय गुण होता है. इसके बावजूद भी पांन से प्रतिबंध नहीं हटाया गया है.

मजबूरी में सड़कों पर उतरे

चौरसिया समाज के जिला अध्यक्ष माणिक चौरसिया का कहना है कि उन्होंने पिछले कई दिनों से लगातार प्रशासन को ज्ञापन देकर प्रतिनिधि मंडल के माध्यम से सरकार को किसानों को हो रही समस्या को लेकर अवगत कराया है. लेकिन प्रशासन ने उनकी मांगे नहीं सुनी तो मजबूरन सड़कों पर उतरने को बाध्य होना पड़ा है. बता दें कि मध्य प्रदेश के कई जिलों में पान की बिक्री से प्रतिबंध हटा दिया गया है. लेकिन छतरपुर जिले में पान की बिक्री पर अभी भी प्रतिबंधित है. मध्यप्रदेश शासन ने तंबाकू युक्त पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था. पान की दुकान भी इसी श्रेणी में आती है. लेकिन पान किसानों का कहना है कि पान मीठा भी लगाया जाता है. वह तंबाकू युक्त नहीं लगाएंगे, लेकिन उन्हें पान की बिक्री करने की अनुमति दी जाए. जिससे उनका व्यापार पहले की तरफ फिर से पटरी पर लौट सकें.

Farmers protest to remove ban on sale of betel leaf in chhatarpur
महाराजपुर के किसान पान की बिक्री से प्रतिबंध हटाने को लेकर सड़कों पर उतरे

एसडीएम ने मांगे पूरी करने का दिया आश्वासन

प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों का कहना है, दो महीने के लॉकडाउन के कारण पान किसानों को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है. यही वजह है कि परेशान पान किसानों ने महाराजपुर में पान की बिक्री से प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया. हालांकि घंटों प्रदर्शन के बाद मौके पर पहुंचे एसडीएम बीपी गंगेले ने किसानों को समझाइश देकर तीन दिन में उनकी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया है.

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