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यहां अनोखे तरीके से मनाई जाती है जन्माष्टमी, श्रद्धालुओं पर लुटाया जाता है प्रसाद

छतरपुर जिले में प्राचीन द्वारकाधीश मंदिर में हर साल मनाया जाता है जन्माष्टमी का त्योहार. इस मौके पर श्रद्धालुओं पर प्रसाद लुटाने कि है प्राचीन परंपरा.

श्रद्धालुओं पर प्रसाद लुटाने कि है परंपरा
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Published : Aug 25, 2019, 9:32 AM IST

छतरपुर। जिले की तहसील बिजावर के प्राचीन द्वारकाधीश मंदिर में हर साल जन्माष्टमी कुछ अनोखे तरीके से मनाई जाती है. जिसमें प्रसाद लुटाने की परंपरा होती है.इस परंपरा को काफी सालों से मनाते आया जा रहा हैं. इस परंपरा को स्थानीय भाषा में धनकाना कहा जाता है.

यहां अनोखे तरीके से मनाई जाती है जन्माष्टमी


वहीं इस कार्यक्रम में जहां श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिलता हैं. वहीं इस आयोजन में सभी बच्चे-बूढ़े बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते भी लेते है. इस मंदिर में छत की ऊंचाई से श्रद्धालुओं पर प्रसाद लूटाया जाता हैं, और मान्यता है कि जो व्यक्ति जितना अधिक प्रसाद लूटता है उसकी मनोकामनाएं जल्द पूरी होती हैं और साथ ही प्रसाद पाने वाला हमेशा स्वस्थ्य रहता है .
बता दें कि इस आयोजन की तैयारी कई महीनें पहले से की जाती है, जिसमें कई क्षेत्रीय जन भाग लेते है और अपनी प्रस्तुति देते है इतने सालों से चली आ रही इस प्रथा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता हैं. यहां कोई भी घटना घटित ना हों इसके लिए पुलिस प्रशासन हमेंशा चौकन्ना रहता हैं.

छतरपुर। जिले की तहसील बिजावर के प्राचीन द्वारकाधीश मंदिर में हर साल जन्माष्टमी कुछ अनोखे तरीके से मनाई जाती है. जिसमें प्रसाद लुटाने की परंपरा होती है.इस परंपरा को काफी सालों से मनाते आया जा रहा हैं. इस परंपरा को स्थानीय भाषा में धनकाना कहा जाता है.

यहां अनोखे तरीके से मनाई जाती है जन्माष्टमी


वहीं इस कार्यक्रम में जहां श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिलता हैं. वहीं इस आयोजन में सभी बच्चे-बूढ़े बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते भी लेते है. इस मंदिर में छत की ऊंचाई से श्रद्धालुओं पर प्रसाद लूटाया जाता हैं, और मान्यता है कि जो व्यक्ति जितना अधिक प्रसाद लूटता है उसकी मनोकामनाएं जल्द पूरी होती हैं और साथ ही प्रसाद पाने वाला हमेशा स्वस्थ्य रहता है .
बता दें कि इस आयोजन की तैयारी कई महीनें पहले से की जाती है, जिसमें कई क्षेत्रीय जन भाग लेते है और अपनी प्रस्तुति देते है इतने सालों से चली आ रही इस प्रथा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता हैं. यहां कोई भी घटना घटित ना हों इसके लिए पुलिस प्रशासन हमेंशा चौकन्ना रहता हैं.

Intro:बिजावर /
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अनोखे तरीके से मनाई जाती है बिजावर में जन्माष्ठमी

छतरपुर जिले के इकलौते प्राचीन द्वारकाधीश मंदिर में हर बर्ष प्रसाद लुटाकर मनाया जाता है श्री कृष्ण जन्मोउत्सव,
प्रसाद लुटाने की परंपरा को स्थानीय भाषा धनकाना कहा जाता है यहाँ पर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के एक दिन बाद यहाँ प्रसाद पेड़ा, मिठाई,रसगुल्ला,छोटी-छोटी पैकटों में बद कर लुटाया जाता है यह परंपरा सैकड़ो वर्षो से बिजावर के द्वारिकाधीश मंदिर में मनाई जाती है
Body: इस कार्यक्रम में क्या बच्चे -क्या बूढ़े-क्या महिलाए सभी बढ़चढ़ हिस्सा लेते नजर आते है यहां मंदिर की छत की ऊँचाई से कुछ श्रद्धालुओं के द्वारा खुशी के रूप प्रसाद लुटाया जाता और नीचे खड़े सैकड़ो श्रद्धालु प्रसाद को लूटते है भक्ति गीतों पर नाचते झूमते रहते है श्रद्धालुओं में इस तरह की मान्यता प्रचलित है कि जो ब्यक्ति जितना अधिक प्रसाद लुटता है उतना ही जल्दी उसकी मनोकामए पूरी होती है साथ ही प्रसाद पाने वाला हमेशा स्वस्थ्य रहता है साथ ही मंदिर में झांकिया सजाई जाती है साथ ही भक्ति गीतों का भजन गायन चलता रहता है जिससे श्रद्धालुओं में उत्साह दोगुना हो जाता है

Conclusion: इस कार्यक्रम की तैयारियां महीनों पहले से की जाती है जिसमे क्षेत्रीय गायक-भाग लेते है और अपनी प्रस्तुति देते है इतने बर्षो से चल रही यह प्रथा लेकिन कभी किसी प्रकार की कोई घटना सामने नही आई और यह त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से मानाया जाता है एवं कोई अप्रिय घटना न हो जिसके लिए व्यबस्था पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहता है
यह कार्यक्रम रात 8 बजे से रात 12 तक चलता है

बाईट -1- मनीष बाजपेई ( श्रद्धालु )
बाईट -2- मनोज गुप्ता (श्रद्धालु )
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