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मंत्री जयवर्धन सिंह ने किया जीआईएस स्टूडियो का उद्घाटन, अमृत योजना की तैयार होगी मैपिंग

प्रदेश के नगरीय प्रशासन और आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने जीआईएस स्टूडियो का उदघाटन किया. उन्होंने बताया कि इस तकनीक के जरिए अब प्रदेश के 34 शहरों में चल रही अमृत योजना की मैंपिग तैयार की जाएगी.

मंत्री जयवर्धन सिंह ने किया जीआईएस स्टूडियो का उदघाटन
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Published : Jun 7, 2019, 5:33 PM IST

Updated : Jun 7, 2019, 5:39 PM IST

भोपाल। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य नगर नियोजन संस्थान के तहत तैयार किए गए जीआईएस स्टूडियो के जरिए प्रदेश के 33 शहरों में चल रही अमृत योजना की मैपिंग की जाएगी. नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि इसकी मदद से भोपाल शहर का मास्टर प्लान साल के अंत तक लाना आसान होगा.

करीब पौने तीन करोड़ की लागत से बनाए गई इस भौगोलिक सूचना प्रणाली के जरिए अब शहरों में पानी की पाइप लाइन, पार्क, बस स्टॉप आदि की सटीक जानकारी मिल सकेगी. संस्थान के संचालक राहुल जैन ने बताया कि भोपाल के बाबडिया कला पर बनाया जा रहा फ्लाई ओवर मास्टर प्लान की अनदेखी कर बनाया गया, लेकिन जीआईएस तकनी आने के बाद अब ऐसी गलतियां नहीं होंगी.

2 करोड़ 73 लाख की लागत से बनाये गए जीआईएस की मदद से अब निवेशकों को सरकारी जमीन तलाशने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. जीआईएस के जरिए पता लगाना आसान होगा कि शहर में कहां सरकारी जमीन उपलब्ध है और उसका लैंड यूज़ क्या है. विभागीय मंत्री जयवर्धन सिंह ने इस योजना का उदघाटन करते हुए बताया कि जीआईएस के जरिए अब प्रदेश के 34 शहरों में अमृत योजना की मैपिंग की जाएगी. जिससे इन शहरों के लिए बनाया जाने वाला मास्टर प्लान भी आसान होगा.

मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि जीआईएस से हमें काफी मदद मिलेगी. इससे हमने फिलहाल पांच शहरों के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. भोपाल शहर के मास्टर प्लान के सवाल पर उन्होंने कहा कि साल के अंत तक भोपाल शहर का मास्टर प्लान लोगों के बीच रख दिया जाएगा.

भोपाल। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य नगर नियोजन संस्थान के तहत तैयार किए गए जीआईएस स्टूडियो के जरिए प्रदेश के 33 शहरों में चल रही अमृत योजना की मैपिंग की जाएगी. नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि इसकी मदद से भोपाल शहर का मास्टर प्लान साल के अंत तक लाना आसान होगा.

करीब पौने तीन करोड़ की लागत से बनाए गई इस भौगोलिक सूचना प्रणाली के जरिए अब शहरों में पानी की पाइप लाइन, पार्क, बस स्टॉप आदि की सटीक जानकारी मिल सकेगी. संस्थान के संचालक राहुल जैन ने बताया कि भोपाल के बाबडिया कला पर बनाया जा रहा फ्लाई ओवर मास्टर प्लान की अनदेखी कर बनाया गया, लेकिन जीआईएस तकनी आने के बाद अब ऐसी गलतियां नहीं होंगी.

2 करोड़ 73 लाख की लागत से बनाये गए जीआईएस की मदद से अब निवेशकों को सरकारी जमीन तलाशने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. जीआईएस के जरिए पता लगाना आसान होगा कि शहर में कहां सरकारी जमीन उपलब्ध है और उसका लैंड यूज़ क्या है. विभागीय मंत्री जयवर्धन सिंह ने इस योजना का उदघाटन करते हुए बताया कि जीआईएस के जरिए अब प्रदेश के 34 शहरों में अमृत योजना की मैपिंग की जाएगी. जिससे इन शहरों के लिए बनाया जाने वाला मास्टर प्लान भी आसान होगा.

मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि जीआईएस से हमें काफी मदद मिलेगी. इससे हमने फिलहाल पांच शहरों के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. भोपाल शहर के मास्टर प्लान के सवाल पर उन्होंने कहा कि साल के अंत तक भोपाल शहर का मास्टर प्लान लोगों के बीच रख दिया जाएगा.

Intro:राज्य नगर नियोजन संस्थान द्वारा तैयार किए गए जीआईएस स्टूडियो के जरिए प्रदेश के 33 शहरों में चल रहे अमृत योजना की मैपिंग की जाएगी। करीब पौने तीन करोड़ की लागत से बनाए गए इस भौगोलिक सूचना प्रणाली के जरिए अब शहरों में पानी की पाइप लाइन, पार्क, बस स्टॉप आदि की सटीक जानकारी मिल सकेगी। नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि इसकी मदद से भोपाल शहर का मास्टर प्लान साल के अंत तक लाना आसान होगा। इस मौके पर संस्थान के संचालक राहुल जैन ने कहा कि बाबडिया कला पर बनाया जा रहा फ्लाई ओवर मास्टर प्लान की अनदेखी कर बनाया गया, लेकिन जीआईएस के बाद ऐसी गलतियां नहीं होंगी।


Body:2 करोड़ 73 लाख की लागत से बनाये गए जीआईएस की मदद से अब निवेशकों को सरकारी जमीन तलाशने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। जीआईएस के जरिये पता लगाना आसान होगा कि शहर में कहां सरकारी जमीन उपलब्ध है और उसका लैंड यूज़ क्या है। विभागीय मंत्री जयवर्धन सिंह ने इसका उद्घाटन करते हूजे कहा कि इससे अब प्रदेश के 34 शहरों में चल रहा अमृत योजना का मैपिंग किया जाएगा। इन शहरों का मास्टर प्लान भी बनाया जाना है। जीआईएस से इसमें काफी मदद मिलेगी। पांच शहरों के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। भोपाल के मास्टर प्लान के सवाल पर उन्होंने कहा कि साल के अंत तक भोपाल शहर का मास्टर प्लान लोगों के बीच रख दिया जाएगा। कार्यक्रम में राज्य नगर नियोजन संस्थान केंद्र संचालक राहुल जैन ने कहा की शहर के बावड़िया कला पर बनाए गए ओवर ब्रिज का निर्माण टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की अनदेखी कर बनाया गया उन्होंने कहा की हो सकता है यह गलती जानबूझकर की गई हो, लेकिन जीआईएस के बाद इस तरह की गलतियां नहीं होगी।


Conclusion:
Last Updated : Jun 7, 2019, 5:39 PM IST
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