भोपाल। लोकसभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित हार से कांग्रेस में घमासान मचा हुआ हैं. पार्टी अब जमीन पर संगठन को मजबूत करने की कवायद में जुट गई है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सेवा दल की तमाम कार्यकारिणी भंग कर दी गई हैं. जबकि सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा भी तेज है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस संगठन में बड़े पैमाने पर बदलाव कर सकती है. पार्टी केवल एआईसीसी के निर्देशों का इंतजार कर रही हैं.
पिछले दिनों अखिल भारतीय सेवा दल के निर्देश पर मध्य प्रदेश सेवा दल की तमाम जिला इकाइयों और प्रदेश इकाई को भंग कर दिया गया था. आगामी 10 दिनों में नए सिरे से सेवा दल की कार्यकारिणिया गठित की जा रही हैं. सेवादल में सबसे बड़ा बदलाव उसकी कार्यप्रणाली और संगठन में होने जा रहा है, चर्चा है कि आगामी एक महीनें के भीतर कांग्रेस के अन्य मोर्चा, संगठनों में भी ऐसे बदलाव देखने को मिलेंगे. फिलहाल एआईसीसी स्तर पर बदलाव के लिए मंथन चल रहा है और उम्मीद की जा रही है कि एक महीने भीतर यह तमाम गतिविधियां संचालित होंगी.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि हमारे यहां के मोर्चा संगठन हैं, वह दिल्ली से दिशा-निर्देश प्राप्त करते हैं. संगठन का राष्ट्रीय नेतृत्व जो दिशा निर्देश देता है, उसके अनुसार पार्टी में काम किया जाता है. सेवा दल को भंग करने के निर्देश भी अखिल भारतीय सेवा दल ने दिए थे, क्योंकि सेवा दल के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई हैं.
वहीं कांग्रेस के छात्र, युवा और महिला संगठन में बदलाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि युवक कांग्रेस और एनएसयूआई में चुनाव के जरिए कार्यकारिणी गठित होती है, उसके बदलाव के बारे में भी फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा. लेकिन अभी हमें कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है.