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24 मार्च से तीन दिनों तक 'निजाम की नजाकतें' फूड फेस्टिवल का होगा आयोजन, हैदराबादी खाने की दिखेगी झलक

हैदराबादी खाने की झलक दिखाने 'निजाम की नजाकतें' फूड फेस्टिवल का होगा आयोजन, 22 से 24 मार्च तक चलेगा यह फूड फेस्टिवल

निजाम की नजाकतें
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Published : Mar 20, 2019, 8:12 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल और हैदराबाद देश के ऐसे शहरों में से एक हैं जहां पर नवाबी झलक देखने को मिलती है. यदि खान-पान की बात की जाए तो हैदराबाद की बिरयानी का पूरे देश में कोई सानी नहीं है. नवाबों और निजामों के समय की इसी विरासत को संजोए रखने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए भोपाल में तीन दिवसीय फूड फेस्टिवल 'निजाम की नजाकतें' का आयोजन किया जाएगा.

bhopal, mp
निजाम की नजाकतें

फेस्टिवल में खाना बनाने वाले शेफ गोपी कृष्णा ने बताया कि लगभग 4 सौ साल पुराने हैदराबादी कुजीन को इस फ़ूड फेस्टिवल में पेश किया जाएगा. हैदराबादी खाने की बात अलग होती है क्योंकि इसमें जो मसाले इस्तेमाल होते हैं वो बहुत अलग तरह के होते हैं. भोपाली बिरयानी और हैदराबादी बिरयानी में बहुत अंतर है. हैदराबादी खाने को मिट्टी के बर्तन और ट्रेडिशनल बर्तन में बनाया जाता है.

निजाम की नजाकतें

नवाबों के इन्ही परंपराओं को लोगों से रूबरू कराने और 4 सौ साल पुराने इस खाने की परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए भोपाल में इस फ़ूड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. वहीं फेस्टिवल के आयोजनकर्ता शरद जेटली ने इस बारे में बताया कि यह फेस्टिवल 22 मार्च से 24 तक आयोजित की जाएगी. इस फ़ूड फेस्टिवल में बनाये जाने वाले खाने में हैदराबादी खाने की झलक दिखेगी. वहीं उन्होंने भोपाल में इसे अच्छा रिस्पांस मिलने की उम्मीद जताई है.

भोपाल। राजधानी भोपाल और हैदराबाद देश के ऐसे शहरों में से एक हैं जहां पर नवाबी झलक देखने को मिलती है. यदि खान-पान की बात की जाए तो हैदराबाद की बिरयानी का पूरे देश में कोई सानी नहीं है. नवाबों और निजामों के समय की इसी विरासत को संजोए रखने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए भोपाल में तीन दिवसीय फूड फेस्टिवल 'निजाम की नजाकतें' का आयोजन किया जाएगा.

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निजाम की नजाकतें

फेस्टिवल में खाना बनाने वाले शेफ गोपी कृष्णा ने बताया कि लगभग 4 सौ साल पुराने हैदराबादी कुजीन को इस फ़ूड फेस्टिवल में पेश किया जाएगा. हैदराबादी खाने की बात अलग होती है क्योंकि इसमें जो मसाले इस्तेमाल होते हैं वो बहुत अलग तरह के होते हैं. भोपाली बिरयानी और हैदराबादी बिरयानी में बहुत अंतर है. हैदराबादी खाने को मिट्टी के बर्तन और ट्रेडिशनल बर्तन में बनाया जाता है.

निजाम की नजाकतें

नवाबों के इन्ही परंपराओं को लोगों से रूबरू कराने और 4 सौ साल पुराने इस खाने की परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए भोपाल में इस फ़ूड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. वहीं फेस्टिवल के आयोजनकर्ता शरद जेटली ने इस बारे में बताया कि यह फेस्टिवल 22 मार्च से 24 तक आयोजित की जाएगी. इस फ़ूड फेस्टिवल में बनाये जाने वाले खाने में हैदराबादी खाने की झलक दिखेगी. वहीं उन्होंने भोपाल में इसे अच्छा रिस्पांस मिलने की उम्मीद जताई है.

Intro:भोपाल- राजधानी भोपाल और हैदराबाद देश के ऐसे नवाबी शहरों में से एक है जहाँ पर आज भी नवाबी झलक देखने को मिलती है और बात यदि खान पान की हो तो हैदराबाद की बिरयानी जैसी बिरयानी पूरे देश में कहीं नहीं मिलती।
नवाबों और निज़ामों के समय की इसी विरासत को संजोए रखने और उन्हें आगे बढाने के लिए भोपाल में तीन दिवसीय फ़ूड फेस्टिवल 'निज़ाम की नजाकते' का आयोजन किया जाएगा।


Body:फेस्टिवल में खाना बनाने वाले शेफ गोपी कृष्णा ने बताया कि लगभग 400 साल पुराने हैदराबादी कुजीन को इस फ़ूड फेस्टिवल में पेश किया जाएगा। हैदराबादी खाने की बात अलग होती है क्योंकि इसमें जो मसाले इस्तेमाल होते है वो बहुत अलग तरह के होते है। भोपाली बिरयानी और हैदराबादी बिरयानी में बहुत अंतर है। हैदराबादी खाने को मिट्टी के बर्तन में बनाया जाता है।
इन्ही सब बातों को लोगों को बताने और 400 साल पुराने इस खाने की परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए भोपाल में इस फ़ूड फेस्टिवल का आयोजन किया गया है।


Conclusion:वहीं फेस्टिवल के आयोजनकर्ता शरद जेटली ने इस बारे में बताया कि इस फ़ूड फेस्टिवल में बनाये जाने वाले खाने में हैदराबादी खाने की झलक दिखेंगी और हमें उम्मीद हैं कि भोपाल में इसे अच्छा रिस्पांस मिलेगा।
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