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न बिजली संकट न किसानों में आक्रोश, फिर भी एक दूसरे को नीचा दिखाने आंदोलन कर रहे बीजेपी नेताः कांग्रेस - भोपाल

बीजेपी प्रदेश की कांग्रेस सरकार को बिजली, कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दे पर लगातार घेर रही है. तो कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी के नेताओं में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी हुई है. जिसके लिए वे इस तरह के राजनीतिक आंदोलन कर रहे हैं.

कांग्रेस कमेटी भोपाल
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Published : Jun 11, 2019, 10:09 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में बीजेपी कांग्रेस सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. बिजली संकट से लेकर कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दे पर बीजेपी लगातार हमलावर है. बीजेपी के इन आंदोलनों पर कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में ना तो बिजली संकट है, न ही किसान आक्रोशित है और न ही कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है. बीजेपी के नेता एक-दूसरे को नीचा दिखाने के चक्कर में राजनीतिक आंदोलन कर रहे हैं.

एक-दूसरे को नीचा दबाने के लिए आंदोलन कर रहे बीजेपी नेता

कांग्रेस कमेटी के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा कहना है कि बीजेपी के नेता सिर्फ एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए आपसी प्रतिस्पर्धा के लिए और नंबर वन बनने की होड़ में झूठे मुद्दों पर राजनीतिक आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली पर्याप्त मात्रा में है. सिर्फ भीषण गर्मी और तापमान बढ़ने के कारण फाल्ट, ट्रांसफार्मर जलने की और ट्रिपिंग की घटनाएं हो रही हैं. जो कि हास्यास्पद है. जबकि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति तत्कालीन बीजेपी सरकारी अपेक्षा बेहतर है.

नरेंद्र सलूजा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के मात्र 6 माह में महिला अपराधों में 5.5 फ़ीसदी की गिरावट आई है. रेप की घटनाओं में 3.5 की गिरावट आई है. जबकि बीजेपी सरकार के समय में प्रदेश की मासूम बच्चियों से दुष्कर्म और महिला अपराध में शीर्ष पर था. एनसीआरबी के आंकड़े इस बात के गवाह हैं. जिस भाजपा सरकार के राजा मेंबहन बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित थी, वह लोग आज कानून व्यवस्था की बात कर रहे हैं. मासूम बच्चियों से दुष्कर्म जैसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति कर रहे हैं. इन्हें शर्म आना चाहिए, जानबूझकर प्रदेश की शांत माहौल को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं.

कैलाश विजयवर्गीय की किसान आक्रोश रैली पर तंज कसते हुए नरेंद्र सलूजा ने कहा कि जिन के राज में किसान सबसे ज्यादा आक्रोशित था वो किसान आक्रोश रैली निकाल रहे हैं. जबकि प्रदेश के किसानों में कोई आक्रोश नहीं है. किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ हो रहा है किसान कर्ज माफी से खुश हैं, उन्हें उनकी उपज का वाजिब दाम मिल रहा है. फिर भी दिखावटी तौर पर किसान आक्रोश रैली निकाली जा रही है. जबकि यह ट्रैक्टर शक्ति प्रदर्शन रैली थी, जिसका किसानों से कोई लेना देना नहीं रहा है. बीजेपी के नेताओं में प्रतिपस्पर्धा चल रही है, इसलिए इस तरह के आंदोलन किए जा रहे हैं.

भोपाल। मध्य प्रदेश में बीजेपी कांग्रेस सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. बिजली संकट से लेकर कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दे पर बीजेपी लगातार हमलावर है. बीजेपी के इन आंदोलनों पर कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में ना तो बिजली संकट है, न ही किसान आक्रोशित है और न ही कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है. बीजेपी के नेता एक-दूसरे को नीचा दिखाने के चक्कर में राजनीतिक आंदोलन कर रहे हैं.

एक-दूसरे को नीचा दबाने के लिए आंदोलन कर रहे बीजेपी नेता

कांग्रेस कमेटी के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा कहना है कि बीजेपी के नेता सिर्फ एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए आपसी प्रतिस्पर्धा के लिए और नंबर वन बनने की होड़ में झूठे मुद्दों पर राजनीतिक आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली पर्याप्त मात्रा में है. सिर्फ भीषण गर्मी और तापमान बढ़ने के कारण फाल्ट, ट्रांसफार्मर जलने की और ट्रिपिंग की घटनाएं हो रही हैं. जो कि हास्यास्पद है. जबकि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति तत्कालीन बीजेपी सरकारी अपेक्षा बेहतर है.

नरेंद्र सलूजा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के मात्र 6 माह में महिला अपराधों में 5.5 फ़ीसदी की गिरावट आई है. रेप की घटनाओं में 3.5 की गिरावट आई है. जबकि बीजेपी सरकार के समय में प्रदेश की मासूम बच्चियों से दुष्कर्म और महिला अपराध में शीर्ष पर था. एनसीआरबी के आंकड़े इस बात के गवाह हैं. जिस भाजपा सरकार के राजा मेंबहन बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित थी, वह लोग आज कानून व्यवस्था की बात कर रहे हैं. मासूम बच्चियों से दुष्कर्म जैसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति कर रहे हैं. इन्हें शर्म आना चाहिए, जानबूझकर प्रदेश की शांत माहौल को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं.

कैलाश विजयवर्गीय की किसान आक्रोश रैली पर तंज कसते हुए नरेंद्र सलूजा ने कहा कि जिन के राज में किसान सबसे ज्यादा आक्रोशित था वो किसान आक्रोश रैली निकाल रहे हैं. जबकि प्रदेश के किसानों में कोई आक्रोश नहीं है. किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ हो रहा है किसान कर्ज माफी से खुश हैं, उन्हें उनकी उपज का वाजिब दाम मिल रहा है. फिर भी दिखावटी तौर पर किसान आक्रोश रैली निकाली जा रही है. जबकि यह ट्रैक्टर शक्ति प्रदर्शन रैली थी, जिसका किसानों से कोई लेना देना नहीं रहा है. बीजेपी के नेताओं में प्रतिपस्पर्धा चल रही है, इसलिए इस तरह के आंदोलन किए जा रहे हैं.

Intro:भोपाल। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद मध्यप्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका में बीजेपी काफी सक्रिय नजर आ रही है। इन दिनों बीजेपी कहीं बिजली संकट को लेकर,तो कहीं कानून व्यवस्था को लेकर, तो कहीं किसानों के आक्रोश को लेकर आंदोलन और प्रदर्शन कर रही है। बीजेपी के इन आंदोलनों को लेकर कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में ना तो बिजली संकट है, और ना ही किसान आक्रोशित है और ना ही कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है। भाजपा नेता जानबूझकर एक दूसरे को नीचा दिखाने के चक्कर में प्रतिस्पर्धा में राजनीतिक आंदोलन कर रहे हैं।


Body:मप्र कांग्रेस कमेटी के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि प्रदेश में ना तो बिजली का संकट है, ना ही कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है और ना ही किसानों में किसी तरह का आक्रोश है।फिर भी भाजपा नेता सिर्फ एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए आपसी प्रतिस्पर्धा के लिए और नंबर वन बनने की होड़ में झूठे मुद्दों पर राजनीतिक आंदोलन कर रहे हैं। नरेंद्र सलूजा का कहना है कि प्रदेश में बिजली सरप्लस में मौजूद है। बिजली संकट वाली कोई बात नहीं है।सिर्फ भीषण गर्मी और तापमान बढ़ने के कारण फाल्ट, ट्रांसफार्मर जलने की और ट्रिपिंग की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन भाजपा के नेता सरप्लस बिजली में पर्याप्त रोशनी में दिखावटी चिमनी यात्रा निकाल रहे हैं। जो कि हास्यास्पद है। वहीं प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति भाजपा सरकार के मुकाबले बेहतर है। कांग्रेस सरकार के मात्र 6 माह में महिला अपराधों में 5.5 फ़ीसदी की गिरावट आई है। रेप की घटनाओं में 3.5 की गिरावट आई है। भाजपा सरकार में प्रदेश की मासूम बच्चियों से दुष्कर्म और महिला अपराध में शीर्ष पर था। एनसीआरबी के आंकड़े इस बात के गवाह हैं। जिस भाजपा सरकार के राजा मेंबहन बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित थी, वह लोग आज कानून व्यवस्था की बात कर रहे हैं। मासूम बच्चियों से दुष्कर्म जैसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति कर रहे हैं। इन्हें शर्म आना चाहिए,जानबूझकर प्रदेश की शांत माहौल को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, मेरठ, बरेली की घटनाओं पर यह लोग मौन हैं और सिर्फ प्रदेश में झूठे मुद्दों पर राजनीति कर रहे हैं।प्रदेश की जनता को गुमराह करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।


Conclusion:वहीं इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय किसान आक्रोश रैली निकाल रहे हैं। जिन के राज में किसान सबसे ज्यादा आक्रोशित था वो किसान आक्रोश रैली निकाल रहे हैं।जबकि किसानों में कोई आक्रोश नहीं है। किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ हो रहा है। किसान कर्ज माफी से खुश हैं,उन्हें उनकी उपज का वाजिब दाम मिल रहा है। फिर भी दिखावटी तौर पर किसान आक्रोश रैली निकाली जा रही है।जबकि यह ट्रैक्टर शक्ति प्रदर्शन रैली थी, जिसका किसानों से कोई लेना देना नहीं रहा है। शहरी लोगों को नए ट्रैक्टर पर बिठाकर व्यस्ततम मार्गों पर रैली निकाली गई है। इसका ग्रामीण जनता से किसानों से कोई लेना देना नहीं है और जिस तरह विभिन्न मंच लगाकर कैलाश विजयवर्गीय ने खुद का स्वागत करवाया है, उससे यह कहीं भी किसान आक्रोश रैली नजर नहीं आ रही है। यह तो स्वागत व शक्ति प्रदर्शन रैली बनकर रह गई है। नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि वास्तव में भाजपा नेताओं में प्रतिस्पर्धा चल रही है।नंबर बनने की एक दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ लगी है।इसलिए जानबूझकर झूठे मुद्दों पर राजनीतिक आंदोलन किए जा रहे हैं।जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। कमलनाथ सरकार के 6 माह में किसान, युवा, महिलाएं और सभी वर्ग के लोगों से संकट की कोई बात नहीं है, जिस तरह प्रचारित किया जा रहा है।संकट है तो भाजपा में नेतृत्व का, जिसको लेकर यह सब राजनीति की जा रही है।
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