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कांग्रेस के पास नेतृत्व का संकट, राहुल गांधी को मनाने की कोशिश बेकार

सोमवार को कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी. उन्हें काफी मनाने की कोशिश की गयी लेकिन राहुल गांधी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं. जिससे कांग्रेस के नेतृत्व पर संकट दिखायी दे रहा है.

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Published : Jul 2, 2019, 11:44 PM IST

भोपाल। लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अपने इस्तीफे पर अड़े हुए हैं. सोमवार को हुई कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद भी कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में राहुल गांधी के बंगले के पास कांग्रेस कार्यकर्ता जुट गए हैं और उन्हें पद पर बने रहने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं.

कांग्रेस के पास नेतृत्व का संकट

मध्यप्रदेश कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी देश की आवाज बनकर उभरे हैं और आज पूरा देश उनसे आवाज मिलाने के लिए लालायित है. राहुल गांधी को देश की आवाज स्वीकार करना चाहिए. लोकसभा चुनाव की अप्रत्याशित हार के बाद नेतृत्व के संकट से जूझ रही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बारे में जो खबरें मिल रही है उसके अनुसार राहुल गांधी पद पर बने रहने के लिए तैयार नहीं हैं.

सोमवार को कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी और उन्हें काफी मनाने की कोशिश की थी. लेकिन इस मुलाकात के बाद जिस तरह से मुख्यमंत्रियों के बयान आ रहे हैं. उससे लग रहा है कि राहुल गांधी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं.

राहुल के परिश्रम को स्वीकार करना चाहिए
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि आज सारा देश समझ रहा है कि राहुल गांधी ने अकेले दम पर पूरे देश की आवाज बनकर कर एक आंदोलन की तरह संघर्ष किया. राहुल गांधी समूचे देश की जनता की आवाज है, जिसको कुचला जा रहा है. आज राहुल गांधी खामोश है, पूरा देश खामोश है. एक तरफा बातें पूरे देश में चल रही हैं. भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि राहुल गांधी ने जो परिश्रम किया है, उसको स्वीकार करना चाहिए.

भोपाल। लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अपने इस्तीफे पर अड़े हुए हैं. सोमवार को हुई कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद भी कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में राहुल गांधी के बंगले के पास कांग्रेस कार्यकर्ता जुट गए हैं और उन्हें पद पर बने रहने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं.

कांग्रेस के पास नेतृत्व का संकट

मध्यप्रदेश कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी देश की आवाज बनकर उभरे हैं और आज पूरा देश उनसे आवाज मिलाने के लिए लालायित है. राहुल गांधी को देश की आवाज स्वीकार करना चाहिए. लोकसभा चुनाव की अप्रत्याशित हार के बाद नेतृत्व के संकट से जूझ रही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बारे में जो खबरें मिल रही है उसके अनुसार राहुल गांधी पद पर बने रहने के लिए तैयार नहीं हैं.

सोमवार को कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी और उन्हें काफी मनाने की कोशिश की थी. लेकिन इस मुलाकात के बाद जिस तरह से मुख्यमंत्रियों के बयान आ रहे हैं. उससे लग रहा है कि राहुल गांधी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं.

राहुल के परिश्रम को स्वीकार करना चाहिए
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि आज सारा देश समझ रहा है कि राहुल गांधी ने अकेले दम पर पूरे देश की आवाज बनकर कर एक आंदोलन की तरह संघर्ष किया. राहुल गांधी समूचे देश की जनता की आवाज है, जिसको कुचला जा रहा है. आज राहुल गांधी खामोश है, पूरा देश खामोश है. एक तरफा बातें पूरे देश में चल रही हैं. भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि राहुल गांधी ने जो परिश्रम किया है, उसको स्वीकार करना चाहिए.

Intro:भोपाल।लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अपने इस्तीफे पर अड़े हुए हैं। सोमवार को हुई कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद भी कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में आज राहुल गांधी के बंगले के पास कांग्रेस कार्यकर्ता जुट गए हैं और उन्हें पद पर बने रहने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस दौरान एक कार्यकर्ता ने तो आत्महत्या की कोशिश तक की। लेकिन राहुल गांधी मानते नजर नहीं आ रहे हैं। इन सब परिस्थितियों को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी देश की आवाज बनकर उभरे हैं और आज पूरा देश उनसे आवाज मिलाने के लिए लालायित है। राहुल गांधी को देश की आवाज स्वीकार करना चाहिए।


Body:लोकसभा चुनाव की अप्रत्याशित हार के बाद नेतृत्व के संकट से जूझ रही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बारे में जो खबरें मिल रही है। उसके अनुसार राहुल गांधी पद पर बने रहने के लिए तैयार नहीं हैं। सोमवार को इसी सिलसिले में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी और उन्हें काफी मनाने की कोशिश की थी। लेकिन इस मुलाकात के बाद जिस तरह से मुख्यमंत्रियों के बयान आ रहे हैं। उससे लग रहा है कि राहुल गांधी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। राहुल गांधी की जिद को देखते हुए अब कांग्रेस कार्यकर्ता उनको मनाने के लिए जुट गए हैं। इसी कड़ी में आज भारी संख्या में दिल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ता उनके बंगले पर जुटे और उनको मनाने के लिए अनशन पर बैठ गए। एक कार्यकर्ता ने तो पेड़ पर चढ़कर आत्महत्या की कोशिश भी की। दिल्ली से उठी आवाज पूरे देश में फैलती नजर आ रही है। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने भी राहुल को मनाने की कोशिशों का समर्थन किया है।


Conclusion:मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि आज सारा देश समझ रहा है कि राहुल गांधी ने अकेले दम पर पूरे देश की आवाज बनकर कर एक आंदोलन की तरह संघर्ष किया। राहुल गांधी समूचे देश की जनता की आवाज है, जिसको कुचला जा रहा है। आज राहुल गांधी खामोश है, पूरा देश खामोश है। एक तरफा बातें पूरे देश में चल रही हैं। आज उस आवाज को प्रतिनिधित्व के रूप में नहीं रखेंगे, तो देश में बहुत सारी गरीबों और दलित वर्ग को उठाने की चेष्टाएँ चल रही हैं। वह धूल धूसरित हो जाएंगी। आज राहुल गांधी और उनकी आवाज वक्त की जरूरत है। राहुल गांधी ने जो परिश्रम किया है, उसको स्वीकार करना चाहिए। पार्टी जहां असफल हुई है, पार्टी उसे स्वीकार करती है। हम सारे कार्यकर्ता स्वीकार करते हैं कि पार्टी के रुप में हम उनकी आवाज को नीचे तक ले जाने में असफल हुए। यह आज वक्त का तकाजा है, क्योंकि इतिहास में ऐसा मोड है कि जहां पर उन्हें नेतृत्व करना होगा।क्योंकि देश के गरीब और पिछड़े वर्ग की आवाज को दबाया जा रहा है, कुचला जा रहा है। आज पूरा विपक्ष शांत है, क्योंकि राहुल गांधी शांत हैं। राहुल गांधी की आवाज में आवाज मिलाने देश लालायित है,उन्हें इसकी आवाज स्वीकार करना चाहिए।
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