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मनरेगा में भ्रष्टाचार कर लूटा मजदूरों कह, रात के अंधेरे में जेसीबी से की गई तालाब की खुदाई

जहां एक तरफ प्रदेश सरकार लॉकडाउन में मजदूरों के लिए मनरेगा को सहारा बनाना चाहती है, तो वहीं जिम्मेदार मजदूरों का कह मारने में जुटे हुए हैं. बुरहानपुर के नेपानगर के खकनार ब्लॉक में मजदूरों से काम करवाने की बजाए रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन से तालाब खुदाई का मामला सामने आया है.

pond was excavated with JCB
मजदूरों के बजाए जेसीबी से कराई गई तालाब की खुदाई
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Published : May 19, 2020, 12:57 PM IST

बुरहानपुर। नेपानगर के खकनार ब्लॉक में आने वाली ताजनापुर ग्राम पंचायत के बलवाड़ा गांव से मनरेगा में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जहां मनरेगा योजना में काम कर रहे 25 जॉब कार्डधारी मजदूरों ने आरोप लगाया है कि, मनरेगा के तहत एक तालाब की खुदाई का काम किया जा रहा था, लेकिन पंचायत द्वारा मजदूरों से कार्य कराने के बजाए जेसीबी और टैक्टर से रातों-रात तालाब की खुदाई करवा दी गई.

मनरेगा मजदूरों से छिना रोजगार

30 प्रतिशत तालाब का काम भी हो चुका है, जो लगभग 100 दिन में होता है. पंचायत अब जेसीबी मशीन से 15 दिनों में काम करवा रहा है. इन मजदूरों को तीन दिनों से काम नहीं मिला है. जहां मनरेगा के तहत 4.85 लाख की लागत से तालाब बनाने का काम किया जा रहा है. 16 मई 2020 को शाम के समय तालाब में टैक्टर और जेसीबी मशीन से मिट्टी की खुदाई करवाई गई, जिसकी जानकारी मिलते ही मजदूर मौके पर पहुंचे. इस संबंध में जब मजदूरों ने सचिव से जेसीबी खुदाई के मामले में पूछा, तो सचिव द्वारा ट्रैक्टर से जमीन को नरम करने की बात कही गई. हालांकि नाराज ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से जांच की मांग की है.

मजदूरों ने किया हंगामा

लॉकडाउन के चलते तिहाड़ी मजदूरों को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने दिहाड़ी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम देने का आदेश दिया था, जिससे मजदूर अपने परिवार लॉकडाउन में अपने परिवार को भरण पोषण कर सकें, लेकिन इसमें भी ग्राम पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा मिलीभगत करके भ्रष्टाचार किया जा रहा है. सूचना पाकर मौके पर पहुंचे मजदूरों ने जमकर हंगामा किया.

बुरहानपुर। नेपानगर के खकनार ब्लॉक में आने वाली ताजनापुर ग्राम पंचायत के बलवाड़ा गांव से मनरेगा में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जहां मनरेगा योजना में काम कर रहे 25 जॉब कार्डधारी मजदूरों ने आरोप लगाया है कि, मनरेगा के तहत एक तालाब की खुदाई का काम किया जा रहा था, लेकिन पंचायत द्वारा मजदूरों से कार्य कराने के बजाए जेसीबी और टैक्टर से रातों-रात तालाब की खुदाई करवा दी गई.

मनरेगा मजदूरों से छिना रोजगार

30 प्रतिशत तालाब का काम भी हो चुका है, जो लगभग 100 दिन में होता है. पंचायत अब जेसीबी मशीन से 15 दिनों में काम करवा रहा है. इन मजदूरों को तीन दिनों से काम नहीं मिला है. जहां मनरेगा के तहत 4.85 लाख की लागत से तालाब बनाने का काम किया जा रहा है. 16 मई 2020 को शाम के समय तालाब में टैक्टर और जेसीबी मशीन से मिट्टी की खुदाई करवाई गई, जिसकी जानकारी मिलते ही मजदूर मौके पर पहुंचे. इस संबंध में जब मजदूरों ने सचिव से जेसीबी खुदाई के मामले में पूछा, तो सचिव द्वारा ट्रैक्टर से जमीन को नरम करने की बात कही गई. हालांकि नाराज ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से जांच की मांग की है.

मजदूरों ने किया हंगामा

लॉकडाउन के चलते तिहाड़ी मजदूरों को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने दिहाड़ी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम देने का आदेश दिया था, जिससे मजदूर अपने परिवार लॉकडाउन में अपने परिवार को भरण पोषण कर सकें, लेकिन इसमें भी ग्राम पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा मिलीभगत करके भ्रष्टाचार किया जा रहा है. सूचना पाकर मौके पर पहुंचे मजदूरों ने जमकर हंगामा किया.

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