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गर्ल्स हॉस्टल की पूर्व अधीक्षिका पर नहीं हो रही कार्रवाई, आर्थिक अनियमितता के कई आरोप

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Published : Dec 2, 2019, 8:14 PM IST

राजपुरा स्थित बालिका छात्रावास की पूर्व अधीक्षिका आर्थिक अनियमितता में दोषी पाई गई हैं. जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के दो महीने बाद भी उनके खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं की गई है.

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अधीक्षिका पर नहीं हो रही कार्रवाई

बुरहानपुर। राजपुरा स्थित बालिका छात्रावास की पूर्व अधीक्षिका नफीसा अंसारी के कार्यकाल में हुई आर्थिक अनियमितता डीपीसी अशोक शर्मा की जांच में प्रमाणित हो गई है. डीपीसी ने प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को जांच रिपोर्ट भी सौंप दी है. रिपोर्ट में लिखा है कि पूर्व अधीक्षिका आर्थिक अनियमितता में लिप्त होने के चलते उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के अलावा FIR दर्ज करना उचित होगा.

पूर्व अधीक्षिका पर नहीं हो रही कार्रवाई

जांच रिपोर्ट सौंपने के 2 महीने बाद भी दोषी अधीक्षिका पर न तो विभागीय कार्रवाई की गई और न ही FIR दर्ज की गई है. वहीं अब शिकायतकर्ता नौशाद नूर का आरोप है कि प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी अतीक अली दोषी अधीक्षिका को बचाने का प्रयास कर रहे हैं.

जांच रिपोर्ट में हुए कई खुलासे
नफीसा अंसारी ने 2009-10 से 2018-19 के बीच फर्जी बिल भी लगाए थे, जिसमें छात्रावास में रहने वाले बच्चों के लिए राशन से लेकर बस्ते और जरूरी सामान भी पूर्व अधीक्षिका के रिश्तेदारों की समितियों और फर्मों के जरिए खरीदी की गई थी, जबकि ये फर्म और समिति परिसमापन और अक्रियाशील थी.

दो महीने बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
इतना ही नहीं सीसीटीवी कैमरे भी बिना कोटेशन देने वाले फर्म से खरीदे गए हैं. ये सभी खुलासे जांच रिपोर्ट में किए गए हैं. शिकायतकर्ता नौशाद नूर का आरोप है कि प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी सैयद अतीक अली द्वारा दोषी अधीक्षिका को बचाने में जुटे हुए हैं, जबकि डीपीसी द्वारा 2 माह पूर्व ही जांच रिपोर्ट प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कोर्रवाई नहीं की गई.

प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी का बयान
जब इस संबंध में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी सैयद अतीक अली से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि डीपीसी द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है, जल्द जिला पंचायत सीईओ को भेज देंगे, आगे की कार्रवाई जिला पंचायत सीईओ करेंगे.

बुरहानपुर। राजपुरा स्थित बालिका छात्रावास की पूर्व अधीक्षिका नफीसा अंसारी के कार्यकाल में हुई आर्थिक अनियमितता डीपीसी अशोक शर्मा की जांच में प्रमाणित हो गई है. डीपीसी ने प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को जांच रिपोर्ट भी सौंप दी है. रिपोर्ट में लिखा है कि पूर्व अधीक्षिका आर्थिक अनियमितता में लिप्त होने के चलते उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के अलावा FIR दर्ज करना उचित होगा.

पूर्व अधीक्षिका पर नहीं हो रही कार्रवाई

जांच रिपोर्ट सौंपने के 2 महीने बाद भी दोषी अधीक्षिका पर न तो विभागीय कार्रवाई की गई और न ही FIR दर्ज की गई है. वहीं अब शिकायतकर्ता नौशाद नूर का आरोप है कि प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी अतीक अली दोषी अधीक्षिका को बचाने का प्रयास कर रहे हैं.

जांच रिपोर्ट में हुए कई खुलासे
नफीसा अंसारी ने 2009-10 से 2018-19 के बीच फर्जी बिल भी लगाए थे, जिसमें छात्रावास में रहने वाले बच्चों के लिए राशन से लेकर बस्ते और जरूरी सामान भी पूर्व अधीक्षिका के रिश्तेदारों की समितियों और फर्मों के जरिए खरीदी की गई थी, जबकि ये फर्म और समिति परिसमापन और अक्रियाशील थी.

दो महीने बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
इतना ही नहीं सीसीटीवी कैमरे भी बिना कोटेशन देने वाले फर्म से खरीदे गए हैं. ये सभी खुलासे जांच रिपोर्ट में किए गए हैं. शिकायतकर्ता नौशाद नूर का आरोप है कि प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी सैयद अतीक अली द्वारा दोषी अधीक्षिका को बचाने में जुटे हुए हैं, जबकि डीपीसी द्वारा 2 माह पूर्व ही जांच रिपोर्ट प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कोर्रवाई नहीं की गई.

प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी का बयान
जब इस संबंध में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी सैयद अतीक अली से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि डीपीसी द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है, जल्द जिला पंचायत सीईओ को भेज देंगे, आगे की कार्रवाई जिला पंचायत सीईओ करेंगे.

Intro:बुरहानपुर। जिलें के राजपुरा स्थित बालिका छात्रावास की पूर्व अधीक्षिका नफीसा अंसारी के कार्यकाल में हुई आर्थिक अनियमितता डीपीसी अशोक शर्मा की जांच में प्रमाणित हो गई है, जिसके बाद डीपीसी ने प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को जांच रिपोर्ट भी सौंप दी है, जिसमे लिखा है कि पूर्व अधीक्षिका आर्थिक अनियमितता में लिप्त होने के चलते उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के अलावा एफआईआर दर्ज करना भी उचित होंगा, बावजूद इसके दो माह पूर्व जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद भी दोषी अधीक्षिका पर ना तो विभागीय कार्यवाही की गई और ना ही एफआईआर दर्ज की गई हैं, वही अब शिकायतकर्ता नौशाद नूर का आरोप है कि प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी अतीक अली द्वारा दोषी अधीक्षिका को बचाने का प्रयास करने में जुटे हैं।


Body:बता दें कि नफीसा अंसारी द्वारा 2009-10 से 2018-19 के बीच इनके फर्जी बिल भी लगाए थे, जिसमें छात्रावास में रहने वाले बच्चों के लिए राशन से लेकर बस्ते और जरूरी सामान भी पूर्व अधीक्षिका के रिश्तेदारों की समितियों और फर्मो के जरिए खरीदी की गई थी, जबकि यह फर्म और समिति परिसमापन और अक्रियाशील थी, इतना ही नहीं सीसीटीवी कैमरे भी बिना कोटेशन देने वाले फर्म से खरीदे गए हैं, इस सारे खुलासे जांच रिपोर्ट में किए गए हैं।


Conclusion:शिकायतकर्ता नौशाद नूर का आरोप है कि प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी सैयद अतीक अली द्वारा दोषी पूर्व अधीक्षिका को बचाने में जुटे हुए हैं, जबकि डीपीसी द्वारा 2 माह पूर्व ही जांच रिपोर्ट प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप चुके है, लेकिन 2 माह बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नही की गई हैं।

जब इस संबंध में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी सैयद अतीक अली से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि डीपीसी द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है, जल्द जिला पंचायत सीईओ को भेज देंगे, आगे की कार्यवाही जिला पंचायत सीईओ करेंगे।

बाईट 01:- नौशाद नूर, शिकायतकर्ता।
बाईट 02:- सैयद अतीक अली, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी।
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