जबलपुर। याचिका में कहा गया है कि कि जंगलों के काटे जाने से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा से राज्य सरकार की तरफ से जवाब पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया गया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को निर्धारित की गई है.
किसानों ने याचिका में ये बताया : बुरहानपुर निवासी पाडुरंग सहित अन्य 5 कृषकों की तरफ से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि जिले में स्थित जंगलों को काटकर उनकी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है. अवैध कब्जा करने वालों को सरकार द्वारा उक्त जमीन का कृषि व आवासीय पट्टा प्रदान किए जा रहे हैं. जंगल काटे जाने से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है. जंगल काटे जाने से वन्य प्राणियों के जीवन भी खतरे में है. याचिका में कहा गया था कि जंगलों को बचाने के लिए साल 2001 में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कमेटी गठित की थी.
ये खबरें भी पढ़ें... |
रिपोर्ट पर अमल नहीं किया : ये भी बताया गया कि हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने साल 2003 में अपनी अनुशंसाओं की रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. कमेटी द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट में अलमारी में बंद कर रख दिया गया है. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से जवाब पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया गया, जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अधिवक्ता डॉ अनुवाद श्रीवास्तव ने पैरवी की.