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XE वेरिएंट को लेकर एमपी में अलर्टः हेल्थ कमिश्नर ने सभी जिलों को दिए निर्देश, कहा- ओमीक्रोन से है 10 टाइम फास्टर

ओमीक्रोन के बाद कोरोना के नए वेरिएंट XE की पुष्टि हुई है. पड़ोसी राज्यों में इस वेरिएंट के मरीज मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है. XE वेरिएंट के ट्रांसमिशन रेट हाई होने के कारण इसके तेजी से फैलने की आशंका है.

corona variant
कोरोना वेरिएंट
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Published : Apr 19, 2022, 4:22 PM IST

भोपाल। आफत बनकर आईं कोरोना की तीन लहरों के बाद अब कोरोना की चौथी लहर का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है. ओमीक्रोन के बाद कोरोना के नए वेरिएंट XE की पुष्टि हुई है. पड़ोसी राज्यों में इस वेरिएंट के मरीज मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है. XE वेरिएंट के ट्रांसमिशन रेट हाई होने के कारण इसके तेजी से फैलने की आशंका है. MP के हेल्थ कमिश्नर सुदाम खाडे़ ने सभी जिलों के कलेक्टर और सीएमएचओ को नए वेरिएंट को लेकर विशेष सतर्कता बरतने काे कहा है. (corona new variant in mp)

अलर्ट की मुख्य बातें

  • कोरोना मरीजों की जानकारी स्टेट सर्विलांस यूनिट, स्वास्थ्य संस्थाओं, IHIP पोर्टल, मीडिया या किसी भी अन्य सोर्स से मिलने पर मॉनिटरिंग और सर्विलांस किया जाए.
  • जिलों में मिलने वाले SARI और ILI के मरीजों की कोविड टेस्ट के लिए RTPCR सैंपलिंग कराई जाए.
  • जिले में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने पर ब्लॉक लेवल पर प्लानिंग कर निगरानी की जाए.
  • कोरोना की जांच के लिए निर्धारित डेली टेस्टिंग टारगेट के अनुसार सैंपलिंग और टेस्टिंग कराई जाए. कोरोना पॉजिटिव मिले सैंपलों को Whole Genome Sequencing के लिए नियमित रूप से निर्धारित लैब को भेजा जाए.
  • किसी भी क्षेत्र में कोरोना के मामले बढ़ने पर संक्रमित मरीजों की सूचना राज्य सर्विलांस इकाई को दी जाए. इस क्लस्टर में सैंपलिंग, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग सहित सर्विलांस गतिविधियां की जाएं.
  • जिला स्तर पर कोरोना को लेकर डेली मॉनिटरिंग और समीक्षा की जाए. (corona new variant xe)

क्या है XE वेरिएंटः XE वेरिएंट ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BA.1 और BA.2 के मुकाबले 10 गुना ज्यादा तेजी से फैलता है. XE ओमिक्रॉन के दोनों सब-वेरिएंट का हाइब्रिड है. शुरुआती रिसर्च के मुताबिक जांच के दौरान XE वेरिएंट की पहचान करना काफी मुश्किल होता है. अब तक कोविड के तीन हाइब्रिड या रिकॉम्बिनेंट स्ट्रेन का पता चला है, जिसमें से पहला- XD, दूसरा- XF और तीसरा- XE है. इनमें से पहले और दूसरे वेरिएंट डेल्टा और ओमिक्रॉन के कॉम्बिनेशन से पैदा हुए हैं, जबकि तीसरा ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट का हाइब्रिड स्ट्रेन है. (what is xe variant)

एमपी में कोरोना मामलों में आई गिरावट, अब केवल एक वार्ड रहेगा कोविड मरीजों के लिए रिजर्व

XE वेरिएंट के लक्षणः XE वेरिएंट ओमिक्रॉन के दो वेरिएंट से मिलकर बना है. ऐसे में माना जा रहा है कि इसके लक्षण भी ओमिक्रॉन वेरिएंट से मिलते-जुलते हो सकते हैं. XE वेरिएंट में थकान, चक्कर आना, सिर दर्द, गले में खराश, बुखार, बदन दर्द, नाक बहना और डायरिया के लक्षण महसूस हो सकते हैं. इसके अलावा XE से संक्रमित मरीजों को भी कोरोना की तरह सूंघने और स्वाद में कमी महसूस हो सकती है. (symptoms of xe variant)

भोपाल। आफत बनकर आईं कोरोना की तीन लहरों के बाद अब कोरोना की चौथी लहर का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है. ओमीक्रोन के बाद कोरोना के नए वेरिएंट XE की पुष्टि हुई है. पड़ोसी राज्यों में इस वेरिएंट के मरीज मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है. XE वेरिएंट के ट्रांसमिशन रेट हाई होने के कारण इसके तेजी से फैलने की आशंका है. MP के हेल्थ कमिश्नर सुदाम खाडे़ ने सभी जिलों के कलेक्टर और सीएमएचओ को नए वेरिएंट को लेकर विशेष सतर्कता बरतने काे कहा है. (corona new variant in mp)

अलर्ट की मुख्य बातें

  • कोरोना मरीजों की जानकारी स्टेट सर्विलांस यूनिट, स्वास्थ्य संस्थाओं, IHIP पोर्टल, मीडिया या किसी भी अन्य सोर्स से मिलने पर मॉनिटरिंग और सर्विलांस किया जाए.
  • जिलों में मिलने वाले SARI और ILI के मरीजों की कोविड टेस्ट के लिए RTPCR सैंपलिंग कराई जाए.
  • जिले में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने पर ब्लॉक लेवल पर प्लानिंग कर निगरानी की जाए.
  • कोरोना की जांच के लिए निर्धारित डेली टेस्टिंग टारगेट के अनुसार सैंपलिंग और टेस्टिंग कराई जाए. कोरोना पॉजिटिव मिले सैंपलों को Whole Genome Sequencing के लिए नियमित रूप से निर्धारित लैब को भेजा जाए.
  • किसी भी क्षेत्र में कोरोना के मामले बढ़ने पर संक्रमित मरीजों की सूचना राज्य सर्विलांस इकाई को दी जाए. इस क्लस्टर में सैंपलिंग, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग सहित सर्विलांस गतिविधियां की जाएं.
  • जिला स्तर पर कोरोना को लेकर डेली मॉनिटरिंग और समीक्षा की जाए. (corona new variant xe)

क्या है XE वेरिएंटः XE वेरिएंट ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BA.1 और BA.2 के मुकाबले 10 गुना ज्यादा तेजी से फैलता है. XE ओमिक्रॉन के दोनों सब-वेरिएंट का हाइब्रिड है. शुरुआती रिसर्च के मुताबिक जांच के दौरान XE वेरिएंट की पहचान करना काफी मुश्किल होता है. अब तक कोविड के तीन हाइब्रिड या रिकॉम्बिनेंट स्ट्रेन का पता चला है, जिसमें से पहला- XD, दूसरा- XF और तीसरा- XE है. इनमें से पहले और दूसरे वेरिएंट डेल्टा और ओमिक्रॉन के कॉम्बिनेशन से पैदा हुए हैं, जबकि तीसरा ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट का हाइब्रिड स्ट्रेन है. (what is xe variant)

एमपी में कोरोना मामलों में आई गिरावट, अब केवल एक वार्ड रहेगा कोविड मरीजों के लिए रिजर्व

XE वेरिएंट के लक्षणः XE वेरिएंट ओमिक्रॉन के दो वेरिएंट से मिलकर बना है. ऐसे में माना जा रहा है कि इसके लक्षण भी ओमिक्रॉन वेरिएंट से मिलते-जुलते हो सकते हैं. XE वेरिएंट में थकान, चक्कर आना, सिर दर्द, गले में खराश, बुखार, बदन दर्द, नाक बहना और डायरिया के लक्षण महसूस हो सकते हैं. इसके अलावा XE से संक्रमित मरीजों को भी कोरोना की तरह सूंघने और स्वाद में कमी महसूस हो सकती है. (symptoms of xe variant)

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