भोपाल। कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में राजधानी भोपाल में लॉकडाउन की संभावनाओं को देखते हुए प्रवासी मजदूरों के पलायन की आशंका जताई जा रही है. प्रवासी मजदूरों के घर वापस लौटने से उद्योग-धंधों के कामकाज पर असर पड़ सकता है. फिलहाल, हालांकि इंडस्ट्रियल एसोसिएशन का मानना है कि लाकडाउन में भी उद्योगों को राहत दी जाएगी, जिससे कामकाज सुचारू रूप से चलता रहेगा.
मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला शुरु
दरअसल, संक्रमण के मामले बढ़ने और शादी का सीजन शुरु होने के कारण मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला शुरु हो गया है, लॉकडाउन की सख्ती के कारण मजदूरों का पलायन बढने का पूरा अंदेशा है. कंस्ट्रक्शन और रोजमर्रा के कामों से जुड़े मजदूर अपने घरों को लौटने लगे हैं.
जीआईए में 30 हजार मजदूर
राजधानी भोपाल के गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया (जीआईए) में करीब 1000 उद्योग संचालित हो रहे हैं. इन उद्योगों में 25 से 30 हजार मजदूर सुबह और शाम दो शिफ्टों में काम करते हैं. जानकारी के अनुसार इन उद्योगों में भोपाल के आसपास के जिलों के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश के अलावा दक्षिण भारत के मजदूर भी काम करते हैं.
एसोसिएशन ने किया पूरा इंतजाम
इधर, इंडस्ट्रियल एसोसिएशन का कहना है कि उद्योगों में फिलहाल मजदूरों के पलायन की स्थिति नहीं है, क्योंकि इस बार पहले जैसे हालात नहीं है. पिछली बार अचानक टोटल लॉकडाउन लगा दिया गया था. जिसके चलते मजदूर अपने घरों को वापस चले गए थे, लेकिन इस बार मजदूरों के खाने और रहने का पूरा इंतजाम उद्योगों द्वारा किया जा रहा है. एसोसिएशन की तरफ से भी वेतन, भरण-पोषण की व्यवस्था की जा रही है.
कमी है मजदूरों की
दरअसल, इस साल उद्योगों के साथ ही रोज के काम धंधों और निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की कमी महसूस की जा रही है. भोपाल के आसपास के जिलों और प्रदेश के बाहर से आने वाले मजदूरों की संख्या कम होती जा रही है. मजदूरों का कहना है कि इन दिनों काम-धंधा भी कम हो गया है तो मजदूर भी कम होते जा रहे हैं. सही समय पर वेतन और काम की कमी के चलते परेशानी हो रही है.