ETV Bharat / state

कानूनन अपराध है बच्चों को असहाय छोड़ना और उनके साथ निर्दयी व्यवहार करना - mp news

मध्यप्रदेश पुलिस की महिला अपराध शाखा की तरफ से महिलाओं और बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों को लेकर जन जागरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम में शाखा की तरफ से लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

भोपाल
bhopal
author img

By

Published : May 26, 2020, 6:01 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस की महिला अपराध शाखा की तरफ से महिलाओं और बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों को लेकर के जन जागरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम में शाखा की तरफ से लोगों को तमाम कानूनी अधिकारों को लेकर जागरूक किया जा रहा है. इस दौरान अपराध शाखा ने बताया कि, बच्चों को असहाय छोड़ना और उनके साथ निर्दयी व्यवहार करना भी अपराध की श्रेणी में आता है. महिला अपराध शाखा की तरफ से कार्यक्रम में बताया गया कि नाबालिक बच्चों को असहाय छोड़ देना, उनके साथ निर्दयी व्यवहार करना अपराध की श्रेणी में आता है, उन्हें शारीरिक दंड, मारपीट या गाली देना भी कानूनन अपराध है.

नाबालिक बच्चों की शादी करना भी अपराध की श्रेणी में आता है. पुलिस की महिला अपराध शाखा ने स्पष्ट किया है कि, बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार करना जेजे एक्ट की विभिन्न धाराओं और नियमों के तहत दंडनीय अपराध है. इसी तरह अवयस्क बच्चों से भीख मंगवाना भी गंभीर अपराध है. इसके अलावा पुलिस मुख्यालय की महिला एवं बाल अपराध शाखा ने अपील की है कि, बच्चों की जन्मतिथि से संबंधित सही दस्तावेज ही बनवाएं. कानून में जन्मतिथि से संबंधित दस्तावेज बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. जन्म प्रमाण पत्र, 10वीं की अंकसूची, आधार कार्ड और पासपोर्ट समेत अन्य दस्तावेजों में एक ही जन्मतिथि नहीं होने पर बच्चे को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस की महिला अपराध शाखा की तरफ से महिलाओं और बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों को लेकर के जन जागरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम में शाखा की तरफ से लोगों को तमाम कानूनी अधिकारों को लेकर जागरूक किया जा रहा है. इस दौरान अपराध शाखा ने बताया कि, बच्चों को असहाय छोड़ना और उनके साथ निर्दयी व्यवहार करना भी अपराध की श्रेणी में आता है. महिला अपराध शाखा की तरफ से कार्यक्रम में बताया गया कि नाबालिक बच्चों को असहाय छोड़ देना, उनके साथ निर्दयी व्यवहार करना अपराध की श्रेणी में आता है, उन्हें शारीरिक दंड, मारपीट या गाली देना भी कानूनन अपराध है.

नाबालिक बच्चों की शादी करना भी अपराध की श्रेणी में आता है. पुलिस की महिला अपराध शाखा ने स्पष्ट किया है कि, बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार करना जेजे एक्ट की विभिन्न धाराओं और नियमों के तहत दंडनीय अपराध है. इसी तरह अवयस्क बच्चों से भीख मंगवाना भी गंभीर अपराध है. इसके अलावा पुलिस मुख्यालय की महिला एवं बाल अपराध शाखा ने अपील की है कि, बच्चों की जन्मतिथि से संबंधित सही दस्तावेज ही बनवाएं. कानून में जन्मतिथि से संबंधित दस्तावेज बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. जन्म प्रमाण पत्र, 10वीं की अंकसूची, आधार कार्ड और पासपोर्ट समेत अन्य दस्तावेजों में एक ही जन्मतिथि नहीं होने पर बच्चे को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.